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'''रणजीत मूवीटोन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ranjit Movietone'') की स्थापना सन [[1929]] में [[चंदूलाल शाह]] और उस समय की विख्यात नायिका गौहर ने की थी। इसे 'रणजीत फ़िल्म कम्पनी' के नाम से भी जाना जाता था। विट्ठलदास मास्टर इस फ़िल्म कम्पनी के आर्थिक सहायक थे।
 
'''रणजीत मूवीटोन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ranjit Movietone'') की स्थापना सन [[1929]] में [[चंदूलाल शाह]] और उस समय की विख्यात नायिका गौहर ने की थी। इसे 'रणजीत फ़िल्म कम्पनी' के नाम से भी जाना जाता था। विट्ठलदास मास्टर इस फ़िल्म कम्पनी के आर्थिक सहायक थे।
==फ़िल्म जगत में पहचान==
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==फ़िल्म जगत् में पहचान==
रणजीत फ़िल्म कम्पनी ने [[1929]] से [[1960]] तक फ़िल्म जगत में अपनी विशेष पहचान बनाई। आरंभिक दौर के सफल फ़िल्म निर्देशकों में चंदूलाल शाह, जयंत देसाई, नंदलाल जसवंतलाल, ए.आर. कारदार और [[केदार शर्मा]] इस कम्पनी से जुड़े थे। इस फ़िल्म कम्पनी ने [[निरुपा रॉय|निरुपमा रॉय]], [[पृथ्वीराज कपूर]], [[मोतीलाल]] और के.एल. सहगल जैसे दिग्गज कलाकारों को अपनी अभिनय कला को प्रदर्शित करने का अवसर दिया।<ref name="a">{{cite web |url=https://www.sahityakunj.net/LEKHAK/M/MVenkateshwar/hindi_cinema_ke_vikaas_mein_film_companyion_Alekh.htm |title=हिंदी सिनेमा के विकास में फ़िल्म निर्माण संस्थाओं की भूमिका |accessmonthday= 30 जून|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=sahityakunj.net |language=हिंदी }}</ref>
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==प्रमुख फ़िल्में==
 
==प्रमुख फ़िल्में==
 
सन [[1931]] में नंदलाल जसवंतलाल ने इस कम्पनी के लिए "प्रेम जोगन" नाम से चर्चित फ़िल्म बनाई थी। उसी वर्ष [[चंदूलाल शाह]] ने "देवी-देवयानी" का निर्माण किया, जिसमें गौहर का अभिनय सराहा गया। गौहर को नायिका के रूप में लेकर चंदूलाल शाह ने "सती सावित्री" बनाई, जो महिला दर्शकों की पहली पसंद बन गई। पतिव्रता [[सावित्री]] जो [[यमराज]] से अपने मृत पति को वापस ले आती है, इस [[कहानी]] ने भारतीय स्त्रियों को आकर्षित किया। इसके अलावा 'बैरिस्टर्स वाईफ़', 'मिस 1933' और 'सितमगर' फ़िल्में इस कम्पनी की लोकप्रिय फ़िल्में थीं। सन [[1943]] में ऐतिहासिक फ़िल्म "तानसेन" बनाई गई, जिसमें मुख्य भूमिका के.एल. सहगल ने निभाई थी।
 
सन [[1931]] में नंदलाल जसवंतलाल ने इस कम्पनी के लिए "प्रेम जोगन" नाम से चर्चित फ़िल्म बनाई थी। उसी वर्ष [[चंदूलाल शाह]] ने "देवी-देवयानी" का निर्माण किया, जिसमें गौहर का अभिनय सराहा गया। गौहर को नायिका के रूप में लेकर चंदूलाल शाह ने "सती सावित्री" बनाई, जो महिला दर्शकों की पहली पसंद बन गई। पतिव्रता [[सावित्री]] जो [[यमराज]] से अपने मृत पति को वापस ले आती है, इस [[कहानी]] ने भारतीय स्त्रियों को आकर्षित किया। इसके अलावा 'बैरिस्टर्स वाईफ़', 'मिस 1933' और 'सितमगर' फ़िल्में इस कम्पनी की लोकप्रिय फ़िल्में थीं। सन [[1943]] में ऐतिहासिक फ़िल्म "तानसेन" बनाई गई, जिसमें मुख्य भूमिका के.एल. सहगल ने निभाई थी।

14:04, 30 जून 2017 के समय का अवतरण

रणजीत मूवीटोन (अंग्रेज़ी: Ranjit Movietone) की स्थापना सन 1929 में चंदूलाल शाह और उस समय की विख्यात नायिका गौहर ने की थी। इसे 'रणजीत फ़िल्म कम्पनी' के नाम से भी जाना जाता था। विट्ठलदास मास्टर इस फ़िल्म कम्पनी के आर्थिक सहायक थे।

फ़िल्म जगत् में पहचान

रणजीत फ़िल्म कम्पनी ने 1929 से 1960 तक फ़िल्म जगत् में अपनी विशेष पहचान बनाई। आरंभिक दौर के सफल फ़िल्म निर्देशकों में चंदूलाल शाह, जयंत देसाई, नंदलाल जसवंतलाल, ए.आर. कारदार और केदार शर्मा इस कम्पनी से जुड़े थे। इस फ़िल्म कम्पनी ने निरुपमा रॉय, पृथ्वीराज कपूर, मोतीलाल और के.एल. सहगल जैसे दिग्गज कलाकारों को अपनी अभिनय कला को प्रदर्शित करने का अवसर दिया।[1]

प्रमुख फ़िल्में

सन 1931 में नंदलाल जसवंतलाल ने इस कम्पनी के लिए "प्रेम जोगन" नाम से चर्चित फ़िल्म बनाई थी। उसी वर्ष चंदूलाल शाह ने "देवी-देवयानी" का निर्माण किया, जिसमें गौहर का अभिनय सराहा गया। गौहर को नायिका के रूप में लेकर चंदूलाल शाह ने "सती सावित्री" बनाई, जो महिला दर्शकों की पहली पसंद बन गई। पतिव्रता सावित्री जो यमराज से अपने मृत पति को वापस ले आती है, इस कहानी ने भारतीय स्त्रियों को आकर्षित किया। इसके अलावा 'बैरिस्टर्स वाईफ़', 'मिस 1933' और 'सितमगर' फ़िल्में इस कम्पनी की लोकप्रिय फ़िल्में थीं। सन 1943 में ऐतिहासिक फ़िल्म "तानसेन" बनाई गई, जिसमें मुख्य भूमिका के.एल. सहगल ने निभाई थी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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