"यह स्तुति अब तुम बंद करो -आदित्य चौधरी" के अवतरणों में अंतर
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गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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फिर एक दिवस ऐसा आया | फिर एक दिवस ऐसा आया | ||
मैं रचूँ सृष्टि, मुझको भाया | मैं रचूँ सृष्टि, मुझको भाया | ||
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मैंने ही सृष्टि रची अर्जुन ! | मैंने ही सृष्टि रची अर्जुन ! | ||
अब सुनो बुद्धि से श्रेष्ठ वचन | अब सुनो बुद्धि से श्रेष्ठ वचन | ||
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कोई और नहीं खोता कुछ भी | कोई और नहीं खोता कुछ भी | ||
मरता मैं हूँ कोई और नहीं | मरता मैं हूँ कोई और नहीं | ||
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तुम मुझे सर्वव्यापी कहकर | तुम मुझे सर्वव्यापी कहकर | ||
कर रहे पाप सब रह रह कर | कर रहे पाप सब रह रह कर | ||
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अपराधी मुझको मान लिया | अपराधी मुझको मान लिया | ||
मैंने मुझको ही दंड दिया? | मैंने मुझको ही दंड दिया? | ||
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अर्जुन! कैसा है ये अनर्थ | अर्जुन! कैसा है ये अनर्थ | ||
मेरा, होना ही हुआ व्यर्थ | मेरा, होना ही हुआ व्यर्थ |
13:41, 18 फ़रवरी 2015 का अवतरण
यह स्तुति अब तुम बंद करो -आदित्य चौधरी
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