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'''भगतानी''' (भक्त की पत्नी) नाचने गाने वाली एक जाति की लड़कियों को व्यंग्यात्मक [[भाषा]] में कहा जाता है।
 
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*इन्हें भगतिन भी कहते हैं।  
 
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*इस जाति की लड़कियाँ इस पेशे में प्रवेश के पूर्व नाममात्र के लिए किसी बूढ़े सन्न्यासी से [[विवाह]] कर लेती हैं, जो अपनी पत्नी को सभी प्रकार की छूट देने के लिए डेढ़-दो रुपया दक्षिणा प्राप्त कर लेता है।  
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*इस जाति की लड़कियाँ इस पेशे में प्रवेश के पूर्व नाममात्र के लिए किसी बूढ़े संन्यासी से [[विवाह]] कर लेती हैं, जो अपनी पत्नी को सभी प्रकार की छूट देने के लिए डेढ़-दो रुपया दक्षिणा प्राप्त कर लेता है।  
 
*उन स्त्रियों का विवाह कभी-कभी ऐसे वर के अभाव में [[गणेश]] या किसी भी [[देवता]] की प्रतिमा के साथ कर देते हैं।  
 
*उन स्त्रियों का विवाह कभी-कभी ऐसे वर के अभाव में [[गणेश]] या किसी भी [[देवता]] की प्रतिमा के साथ कर देते हैं।  
 
*विवाह के बिना इस पेशे में प्रवेश करना वे पाप समझते हैं।  
 
*विवाह के बिना इस पेशे में प्रवेश करना वे पाप समझते हैं।  

11:45, 3 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

भगतानी (भक्त की पत्नी) नाचने गाने वाली एक जाति की लड़कियों को व्यंग्यात्मक भाषा में कहा जाता है।

  • इन्हें भगतिन भी कहते हैं।
  • इस जाति की लड़कियाँ इस पेशे में प्रवेश के पूर्व नाममात्र के लिए किसी बूढ़े संन्यासी से विवाह कर लेती हैं, जो अपनी पत्नी को सभी प्रकार की छूट देने के लिए डेढ़-दो रुपया दक्षिणा प्राप्त कर लेता है।
  • उन स्त्रियों का विवाह कभी-कभी ऐसे वर के अभाव में गणेश या किसी भी देवता की प्रतिमा के साथ कर देते हैं।
  • विवाह के बिना इस पेशे में प्रवेश करना वे पाप समझते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

(पुस्तक 'हिन्दू धर्मकोश') पृष्ठ संख्या-467

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