"बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-2 ब्राह्मण-1" के अवतरणों में अंतर
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10:08, 3 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
- बृहदारण्यकोपनिषद के अध्याय द्वितीय का यह प्रथम ब्राह्मण है।
मुख्य लेख : बृहदारण्यकोपनिषद
- इस ब्राह्मण में 'ब्रह्मज्ञान' का उपदेश देने एक बार गर्ग गोत्रीय बालाकि नामक ऋषि वेद प्रवक्ता काशी नरेश अजातशत्रु के दरबार में पहुंचते हैं।
- वहाँ वे अहंकारपूर्ण वाणी में 'ब्रह्मज्ञान' का उपदेश देने की बात करते हैं इस पर विद्वान् अजातशत्रु बदले में उन्हें एक सहस्त्र गौएं प्रदान करने की बात करते हैं, परन्तु बालाकि मुनि अजातशत्रु को सन्तुष्ट नहीं कर पाते।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख