"नोबेल पुरस्कार" के अवतरणों में अंतर

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नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नाड (बर्नहार्ड) नोबेल ने 1901 ई॰ में की थी। अल्फ्रेड बर्नाड(बर्नहार्ड) नोबेल का जन्म 1833 ई॰ में स्वीडन के शहर स्टॉकहोम में हुआ था। 9 वर्ष की आयु में वे अपने परिवार के साथ रूस चले गये। अल्फ्रेड नोबेल एक अविवाहित स्वीडिश वैज्ञानिक और केमिकल इंजीनियर थे जिसने 1866 ई॰ में डाइनामाइट की खोज की। स्वीडिश लोगों को 1896 में उनकी मृत्यु के बाद ही पुरस्कारों के बारे में पता चला, जब उन्होंने उनकी वसीयत पढ़ी, जिसमें उन्होंने अपने धन से मिलने वाली सारी वार्षिक आय पुरस्कारों की मदद करने में दान कर दी थी। अपनी वसीयत में उन्होंने आदेश दिया था कि "सबसे योग्य व्यक्ति चाहे वह स्केडीनेवियन हो या ना हो पुरस्कार प्राप्त करेगा।" उनके द्वारा छोड़े गये धन पर मिलने वाला ब्याज उन व्यक्तियों के बीच वार्षिक रूप से बाँटा जाता है, जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। विश्व के 58,960,000 अमेरिकी डॉलर के सबसे अधिक गौरवशाली पुरस्कार को 'नोबेल फाउंडेशन' द्वारा मदद प्रदान की जाती है।
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'''नोबेल पुरस्कार''' नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाने वाला विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है। नोबेल फाउंडेशन का प्रारम्भ [[29 जून]], [[1900]] में हुआ। इसका उद्देश्य नोबेल पुरस्कारों का आर्थिक रूप से संचालन करना है। नोबेल के वसीहतनामे के अनुसार उनकी 94% से ज़्यादा वसीहत के मलिक वो लोग है जिन्होंने मानव जाति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उत्तम कार्य किया है।
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==स्थापना==
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नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नाड (बर्नहार्ड) नोबेल ने 1901 ई. में की थी। अल्फ्रेड बर्नाड (बर्नहार्ड) नोबेल का जन्म 1833 ई. में स्वीडन के शहर स्टॉकहोम में हुआ था। 9 वर्ष की आयु में वे अपने परिवार के साथ रूस चले गये। अल्फ्रेड नोबेल एक अविवाहित स्वीडिश वैज्ञानिक और केमिकल इंजीनियर थे जिसने 1866 ई. में डाइनामाइट की खोज की। स्वीडिश लोगों को 1896 में उनकी मृत्यु के बाद ही पुरस्कारों के बारे में पता चला, जब उन्होंने उनकी वसीयत पढ़ी, जिसमें उन्होंने अपने धन से मिलने वाली सारी वार्षिक आय पुरस्कारों की मदद करने में दान कर दी थी। अपनी वसीयत में उन्होंने आदेश दिया था कि "सबसे योग्य व्यक्ति चाहे वह स्केडीनेवियन हो या ना हो पुरस्कार प्राप्त करेगा।" उनके द्वारा छोड़े गये धन पर मिलने वाला ब्याज उन व्यक्तियों के बीच वार्षिक रूप से बाँटा जाता है, जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। विश्व के सबसे अधिक गौरवशाली पुरस्कार को 'नोबेल फाउंडेशन' द्वारा मदद प्रदान की जाती है।
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==मुख्य बिंदु==
 
*पहले नोबेल पुरस्कार पाँच विषयों में कार्य करने के लिए दिए जाते थे। अर्थशास्त्र के लिए पुरस्कार स्वेरिजेश रिक्स बैंक, स्वीडिश बैंक द्वारा अपनी 300वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में 1967 में आरम्भ किया गया और इसे 1969 में पहली बार प्रदान किया गया। इसे अर्थशास्त्र में नोबेल स्मृति पुरस्कार भी कहा जाता है।
 
*पहले नोबेल पुरस्कार पाँच विषयों में कार्य करने के लिए दिए जाते थे। अर्थशास्त्र के लिए पुरस्कार स्वेरिजेश रिक्स बैंक, स्वीडिश बैंक द्वारा अपनी 300वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में 1967 में आरम्भ किया गया और इसे 1969 में पहली बार प्रदान किया गया। इसे अर्थशास्त्र में नोबेल स्मृति पुरस्कार भी कहा जाता है।
 
*पुरस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता प्रत्येक वर्ष [[अक्टूबर]] में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा करते हैं लेकिन पुरस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य तिथि [[10 दिसम्बर]] को किया जाता है।
 
*पुरस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता प्रत्येक वर्ष [[अक्टूबर]] में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा करते हैं लेकिन पुरस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य तिथि [[10 दिसम्बर]] को किया जाता है।
 
*प्रत्येक पुरस्कार में एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को पुरस्कार दिया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक, डिप्लोमा, स्वीडिश नागरिकता में एक्सटेंशन और धन दिया जाता है।
 
*प्रत्येक पुरस्कार में एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को पुरस्कार दिया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक, डिप्लोमा, स्वीडिश नागरिकता में एक्सटेंशन और धन दिया जाता है।
 
*अगर एक पुरस्कार में दो विजेता हैं, तो धनराशि दोनों में समान रूप से बांट दी जाती है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की संख्या अगर तीन है तो चयन समिति के पास यह अधिकार होता है कि वह धनराशि तीन में बराबर बाँट दे या एक को आधा दे दे और बाकी दो को बचा धन बराबर बाँट दे।
 
*अगर एक पुरस्कार में दो विजेता हैं, तो धनराशि दोनों में समान रूप से बांट दी जाती है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की संख्या अगर तीन है तो चयन समिति के पास यह अधिकार होता है कि वह धनराशि तीन में बराबर बाँट दे या एक को आधा दे दे और बाकी दो को बचा धन बराबर बाँट दे।
*अब तक केवल दो बार मृत व्यकियों को यह पुरस्कार दिया गया है। पहली बार एरिएक्सेल कार्लफल्डट को 1931 में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव डैग डैमरसोल्ड को 1961ई॰ में दिया गया था।
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*अब तक केवल दो बार मृत व्यकियों को यह पुरस्कार दिया गया है। पहली बार एरिएक्सेल कार्लफल्डट को 1931 में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव डैग डैमरसोल्ड को 1961ई. में दिया गया था।
 
*1974 में नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।
 
*1974 में नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।
 
*पुरस्कार वितरण 1901 से प्रारंभ किया गया था। 1969 से यह पुरस्कार [[अर्थशास्त्र]] क्षेत्र में भी दिया जाने लगा।  
 
*पुरस्कार वितरण 1901 से प्रारंभ किया गया था। 1969 से यह पुरस्कार [[अर्थशास्त्र]] क्षेत्र में भी दिया जाने लगा।  
*इस पुरस्कार में पदक, नोबेल प्रशस्ति-पत्र तथा लगभग 14 लाख अमेरिकी डॉलर राशि प्रदान की जाती है। 
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*1937 से लेकर 1948 ई. तक [[महात्मा गाँधी|गाँधी जी]] को पाँच बार शांति पुरस्कारों के लिए नामित किया गया पर एक बार भी उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया।
*1937 से लेकर 1948 ई॰ तक [[महात्मा गाँधी|गाँधी जी]] को पाँच बार शांति पुरस्कारों के लिए नामित किया गया पर एक बार भी उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया।
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==नोबेल पुरस्कार प्राप्त भारतीय==
 
==नोबेल पुरस्कार प्राप्त भारतीय==
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ऐसे 'नोबेल पुरस्कार' प्राप्तकर्ता व्यक्ति जो न तो [[भारत]] के नागरिक हैं और न ही उन्होंने पुरस्कार हेतु भारत का प्रतिनिधित्व किया, सिर्फ़ उनका जन्म भारत में हुआ।
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| [[रुडयार्ड किपलिंग]]
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| [[1907]]
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| बाल साहित्य
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| [[चित्र:Rudyard-Kipling.jpg|50px]]
 
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{{लेख प्रगति
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{{seealso|नोबेल पुरस्कार, 2021|विश्व के प्रमुख सम्मान व पुरस्कार}}
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==समाचार==
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; 10 अक्टूबर, 2014, शुक्रवार
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====भारत के कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार====
|शोध=
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[[चित्र:Kailash-Satyarthi.gif|thumb|200px|[[कैलाश सत्यार्थी]]]]
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वर्ष [[2014]] में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] की झोली में गया। इस पुरस्कार के लिए भारत में बाल अधिकारों के लिए कार्य करने वाले कैलाश सत्यार्थी और लड़कियों की पढ़ाई के लिए संघर्ष करने वाली पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को चुना गया है। नोबेल पुरस्कार समिति ने [[10 अक्टूबर]], [[2014]] [[शुक्रवार]] को दोनों के नामों की घोषणा की। राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]] और प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] समेत कई गणमान्य लोगों ने सत्यार्थी को पुरस्कार के लिए बधाई दी है। पुरस्कार [[10 दिसंबर]], [[2014]] को दिया जाएगा। पुरस्कार के रूप में 11 लाख डॉलर (करीब 6 करोड़ 74 लाख रुपये) दिए जाएंगे। [[कैलाश सत्यार्थी]] [[भारत]] में एक गैर सरकारी संगठन (बचपन बचाओ आंदोलन) का संचालन करते हैं। यह एनजीओ बाल श्रम और बाल तस्करी में फंसे बच्चों को मुक्त कराने की दिशा में कार्य करता है। नोबेल पुरस्कारों की ज्यूरी ने कहा, "नार्वे की नोबेल कमेटी ने बच्चों और युवाओं पर दबाव के विरुद्ध और सभी बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए किए गए संघर्षों को देखते हुए कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई को 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार देने का फैसला किया है।" नोबेल कमेटी ने कहा कि "बचपन बचाओ आंदोलन" नामक एनजीओ चलाने वाले सत्यार्थी ने [[महात्मा गाँधी|गांधी जी]] की परंपरा को कायम रखा है और वित्तीय लाभ के लिए बच्चों के शोषण के ख़िलाफ़ कई शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की अगुआई की है। कैलाश सत्यार्थी इंटरनेशनल सेंटर ऑन चाइल्ड लेबर और [[यूनेस्को]] से जुड़े रहे हैं। शांति के नोबेल पुरस्कार के 278 दावेदार थे जिनमें पोप फ्रांसिस, बान की मून, एडवर्ड स्नोडेन, कांगो के डॉक्टर डेनिस मुक्वेग, उरुग्वे के राष्ट्रपति जोस मोजिस जैसे बड़े नाम शामिल थे।
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====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
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*[http://hindi.moneycontrol.com/mccode/news/article.php?id=108477 सी.एन.बी.सी. आवाज़]
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*[http://navbharattimes.indiatimes.com/world/britain/nobel-peace-prize-awarded-to-kailash-satyarthi-and-malala-yousafzai/articleshow/44771604.cms नवभारत टाइम्स]
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*[http://naidunia.jagran.com/national-kailash-satyarthi-and-malala-yousafzai-win-the-nobel-peace-prize-202012 नई दुनिया]
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*[http://aajtak.intoday.in/story/malala-yousafzai-and-kailash-satyarthi-win-nobel-peace-prize-1-783213.html आजतक]
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{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==बाहरी कड़ियाँ==
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*[http://www.nobelprize.org/ आधिकारिक वेबसाइट]
 
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*[http://wapedia.mobi/hi/%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A5%87%E0%A4%B2_%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%93%E0%A4%82_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9A%E0%A5%80?p=1 नोबेल पुरस्कार विजेता सूची]
==सम्बंधित लिंक==
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==संबंधित लेख==
{{नोबेल पुरस्कार}}
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{{नोबेल पुरस्कार}}{{राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार}}
 
[[Category:नोबेल पुरस्कार]]
 
[[Category:नोबेल पुरस्कार]]
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[[Category:अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार]][[Category:समाज कोश]]
 
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06:38, 9 अक्टूबर 2021 के समय का अवतरण

नोबेल पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार
विवरण नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाने वाला विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है।
स्थापना वर्ष 1901
घोषणा एवं पुरस्कार वितरण पुरस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा करते हैं लेकिन पुरस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य तिथि 10 दिसम्बर को किया जाता है।
सम्मानित भारतीय अब तक कुल नौ भारतीय नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं।
अन्य जानकारी अर्थशास्त्र के लिए पुरस्कार स्वेरिजेश रिक्स बैंक, स्वीडिश बैंक द्वारा अपनी 300वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में 1967 में आरम्भ किया गया और इसे 1969 में पहली बार प्रदान किया गया। इसे अर्थशास्त्र में 'नोबेल स्मृति पुरस्कार' भी कहा जाता है।
अद्यतन‎

नोबेल पुरस्कार नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाने वाला विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है। नोबेल फाउंडेशन का प्रारम्भ 29 जून, 1900 में हुआ। इसका उद्देश्य नोबेल पुरस्कारों का आर्थिक रूप से संचालन करना है। नोबेल के वसीहतनामे के अनुसार उनकी 94% से ज़्यादा वसीहत के मलिक वो लोग है जिन्होंने मानव जाति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उत्तम कार्य किया है।

स्थापना

नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नाड (बर्नहार्ड) नोबेल ने 1901 ई. में की थी। अल्फ्रेड बर्नाड (बर्नहार्ड) नोबेल का जन्म 1833 ई. में स्वीडन के शहर स्टॉकहोम में हुआ था। 9 वर्ष की आयु में वे अपने परिवार के साथ रूस चले गये। अल्फ्रेड नोबेल एक अविवाहित स्वीडिश वैज्ञानिक और केमिकल इंजीनियर थे जिसने 1866 ई. में डाइनामाइट की खोज की। स्वीडिश लोगों को 1896 में उनकी मृत्यु के बाद ही पुरस्कारों के बारे में पता चला, जब उन्होंने उनकी वसीयत पढ़ी, जिसमें उन्होंने अपने धन से मिलने वाली सारी वार्षिक आय पुरस्कारों की मदद करने में दान कर दी थी। अपनी वसीयत में उन्होंने आदेश दिया था कि "सबसे योग्य व्यक्ति चाहे वह स्केडीनेवियन हो या ना हो पुरस्कार प्राप्त करेगा।" उनके द्वारा छोड़े गये धन पर मिलने वाला ब्याज उन व्यक्तियों के बीच वार्षिक रूप से बाँटा जाता है, जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। विश्व के सबसे अधिक गौरवशाली पुरस्कार को 'नोबेल फाउंडेशन' द्वारा मदद प्रदान की जाती है।

मुख्य बिंदु

  • पहले नोबेल पुरस्कार पाँच विषयों में कार्य करने के लिए दिए जाते थे। अर्थशास्त्र के लिए पुरस्कार स्वेरिजेश रिक्स बैंक, स्वीडिश बैंक द्वारा अपनी 300वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में 1967 में आरम्भ किया गया और इसे 1969 में पहली बार प्रदान किया गया। इसे अर्थशास्त्र में नोबेल स्मृति पुरस्कार भी कहा जाता है।
  • पुरस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा करते हैं लेकिन पुरस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य तिथि 10 दिसम्बर को किया जाता है।
  • प्रत्येक पुरस्कार में एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को पुरस्कार दिया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक, डिप्लोमा, स्वीडिश नागरिकता में एक्सटेंशन और धन दिया जाता है।
  • अगर एक पुरस्कार में दो विजेता हैं, तो धनराशि दोनों में समान रूप से बांट दी जाती है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की संख्या अगर तीन है तो चयन समिति के पास यह अधिकार होता है कि वह धनराशि तीन में बराबर बाँट दे या एक को आधा दे दे और बाकी दो को बचा धन बराबर बाँट दे।
  • अब तक केवल दो बार मृत व्यकियों को यह पुरस्कार दिया गया है। पहली बार एरिएक्सेल कार्लफल्डट को 1931 में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव डैग डैमरसोल्ड को 1961ई. में दिया गया था।
  • 1974 में नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।
  • पुरस्कार वितरण 1901 से प्रारंभ किया गया था। 1969 से यह पुरस्कार अर्थशास्त्र क्षेत्र में भी दिया जाने लगा।
  • 1937 से लेकर 1948 ई. तक गाँधी जी को पाँच बार शांति पुरस्कारों के लिए नामित किया गया पर एक बार भी उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया।

इन्हें भी देखें: नोबेल पुरस्कार, 2021 एवं विश्व के प्रमुख सम्मान व पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार प्राप्त भारतीय

क्रम नाम वर्ष क्षेत्र चित्र
1. रबीन्द्र नाथ टैगोर 1913 साहित्य Rabindranath-Tagore.jpg
2. डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रामन 1930 भौतिकी C.V Raman.jpg
3. मदर टेरेसा 1979 शांति Mother-Teresa-2.jpg
4. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर 1983 भौतिकी Subrahmanyan-Chandrasekhar.jpg
5. डॉ. अमर्त्य सेन 1998 अर्थशास्त्र Amartya Sen.jpg
6. डॉ. हरगोबिंद खुराना 1968 विज्ञान Hargobind-Khorana.jpg
7. राजेन्द्र कुमार पचौरी 2007 शांति Rajendra-Kumar-Pachauri.gif
8. वेंकटरामन रामकृष्णन 2009 रसायन Venkatraman-Ramakrishnan.jpg
9. कैलाश सत्यार्थी 2014 शांति Kailash-Satyarthi.gif
10. अभिजीत बनर्जी 2019 अर्थशास्त्र Abhijit-Banerjee.jpg

अन्य

ऐसे 'नोबेल पुरस्कार' प्राप्तकर्ता व्यक्ति जो न तो भारत के नागरिक हैं और न ही उन्होंने पुरस्कार हेतु भारत का प्रतिनिधित्व किया, सिर्फ़ उनका जन्म भारत में हुआ।

क्रम नाम वर्ष क्षेत्र चित्र
1. रोनाल्ड रॉस 1902 चिकित्सा Ronald-Ross.jpg
2. रुडयार्ड किपलिंग 1907 बाल साहित्य Rudyard-Kipling.jpg

इन्हें भी देखें: नोबेल पुरस्कार, 2021 एवं विश्व के प्रमुख सम्मान व पुरस्कार

समाचार

10 अक्टूबर, 2014, शुक्रवार

भारत के कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार

वर्ष 2014 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से भारत और पाकिस्तान की झोली में गया। इस पुरस्कार के लिए भारत में बाल अधिकारों के लिए कार्य करने वाले कैलाश सत्यार्थी और लड़कियों की पढ़ाई के लिए संघर्ष करने वाली पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को चुना गया है। नोबेल पुरस्कार समिति ने 10 अक्टूबर, 2014 शुक्रवार को दोनों के नामों की घोषणा की। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य लोगों ने सत्यार्थी को पुरस्कार के लिए बधाई दी है। पुरस्कार 10 दिसंबर, 2014 को दिया जाएगा। पुरस्कार के रूप में 11 लाख डॉलर (करीब 6 करोड़ 74 लाख रुपये) दिए जाएंगे। कैलाश सत्यार्थी भारत में एक गैर सरकारी संगठन (बचपन बचाओ आंदोलन) का संचालन करते हैं। यह एनजीओ बाल श्रम और बाल तस्करी में फंसे बच्चों को मुक्त कराने की दिशा में कार्य करता है। नोबेल पुरस्कारों की ज्यूरी ने कहा, "नार्वे की नोबेल कमेटी ने बच्चों और युवाओं पर दबाव के विरुद्ध और सभी बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए किए गए संघर्षों को देखते हुए कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई को 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार देने का फैसला किया है।" नोबेल कमेटी ने कहा कि "बचपन बचाओ आंदोलन" नामक एनजीओ चलाने वाले सत्यार्थी ने गांधी जी की परंपरा को कायम रखा है और वित्तीय लाभ के लिए बच्चों के शोषण के ख़िलाफ़ कई शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की अगुआई की है। कैलाश सत्यार्थी इंटरनेशनल सेंटर ऑन चाइल्ड लेबर और यूनेस्को से जुड़े रहे हैं। शांति के नोबेल पुरस्कार के 278 दावेदार थे जिनमें पोप फ्रांसिस, बान की मून, एडवर्ड स्नोडेन, कांगो के डॉक्टर डेनिस मुक्वेग, उरुग्वे के राष्ट्रपति जोस मोजिस जैसे बड़े नाम शामिल थे।

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