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'''दीवान-ए-रसालत''' विभाग के कार्यों के बारे में विवाद है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, यह विभाग विदेशों से पत्र व्यवहार तथा विदेशों को भेजे जाने वाले एवं विदेश से आने वाले राजदूतों की देखभाल करता था। कुछ इतिहासकारों के अनुसार यह [[धर्म]] विभाग से सम्बधित था। [[ख़िलजी वंश]] के सुल्तान स्वयं इस विभाग का कार्य देखते थे। इसके लिए किसी अमीर की नियुक्ति ख़िलजी काल में नहीं हुई। उपर्युक्त मंत्रियों के अतिरिक्त भी कुछ मंत्री होते थे। ये निम्नलिखित हैं
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'''दीवान-ए-रसालत''' [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में [[सल्तनत काल]] में एक प्रशासनिक विभाग था।
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*इस विभाग के कार्यों के बारे में विवाद है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, यह विभाग विदेशों से पत्र व्यवहार तथा विदेशों को भेजे जाने वाले एवं विदेश से आने वाले राजदूतों की देखभाल करता था। कुछ इतिहासकारों के अनुसार यह [[धर्म]] विभाग से सम्बंधित था।
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08:38, 9 जनवरी 2020 के समय का अवतरण

दीवान-ए-रसालत भारत के इतिहास में सल्तनत काल में एक प्रशासनिक विभाग था।

  • इस विभाग के कार्यों के बारे में विवाद है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, यह विभाग विदेशों से पत्र व्यवहार तथा विदेशों को भेजे जाने वाले एवं विदेश से आने वाले राजदूतों की देखभाल करता था। कुछ इतिहासकारों के अनुसार यह धर्म विभाग से सम्बंधित था।
  • ख़िलजी वंश के सुल्तान स्वयं इस विभाग का कार्य देखते थे। इसके लिए किसी अमीर की नियुक्ति ख़िलजी काल में नहीं हुई।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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