आँखों में धूल झोंकना
आँखों में धूल झोंकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- इस प्रकार किसी को भ्रमित करना कि उसे भ्रमित होने वाले को सहसा पता न चले।
प्रयोग-
- शासन और समाज की आँखों में धूल झोंकने की प्रवीणता लोगों ने पहले ही प्राप्त कर ली थी। - (अखंड ज्योति)
- देखिए आप सारी दुनिया को धोखा सदे सकते है पंरतु एक अनुभवी डाक्टर की आँखों में धूल नही झोंक सकते।- (कन्हैयालाल कपूर)
- समझ बैठी हो कि पर्दे के पीछे नाटक खेल लिया, तो सबकी आँखों में धूल झोंक ली। - (अजित पुष्कल)
- तुम एक पाकिटमार लड़की हो आज तक तुम मेरी आँखों में धूल झोंकती रही हो। - (गुलशन नंदा)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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