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05:37, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
आँखें न ठहरना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- एकटक न देख पाना।
प्रयोग- पच्चीकारी ऐसी हो रही थी कि आँखें नहीं ठहरती थीं। - (प्रेमचंद)