"स्वामी चिन्ना जियर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''स्वामी चिन्ना जियर''' (अंग्रेज़ी: ''Swamy Chinna Jeeyar'', जन्म- 3...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''स्वामी चिन्ना जियर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Swamy Chinna Jeeyar'', जन्म- [[3 नवम्बर]], [[1956]]) ऐसी आध्यात्मिक शख्सियत हैं जिन्होंने अध्यात्म और समाज सेवा के क्षेत्र में देश-विदेश में काम किया है। उनके कार्यों के लिए साल [[2023]] में [[भारत सरकार]] ने उनको [[पद्म भूषण]] सम्मान दिया है। स्वामी चिन्ना जियर [[1981]] में नदिगड्डापलेम में श्रीमद उभय वेदांत आचार्य पीठ के प्रमुख बने। तब से उन्होंने दुनिया भर में समुदाय के लाभ के लिए जीयर एजुकेशनल ट्रस्ट और विकास तरंगिनी के तहत कई आध्यात्मिक और सेवा गतिविधियों का नेतृत्व किया। त्रिदंडी चिन्ना श्रीमन्नारायण रामानुज जीयर स्वामीजी, रामानुजाचार्य के अनुयायियों के भिक्षुओं की एक अत्यधिक सम्मानित पंक्ति से हैं, जिन्हें 'जीयर' कहा जाता है।
+
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
 +
|चित्र=Chinna-Jeeyar-Swami.jpg
 +
|चित्र का नाम=स्वामी चिन्ना जियर
 +
|पूरा नाम=त्रिदंडी श्रीमन्नारायण रामानुज जीयर स्वामी
 +
|अन्य नाम=
 +
|जन्म=[[3 नवम्बर]], [[1956]]
 +
|जन्म भूमि=अर्थमुरु गांव, पूर्वी गोदावरी जिला, [[आंध्र प्रदेश]]
 +
|मृत्यु=
 +
|मृत्यु स्थान=
 +
|अभिभावक=[[माता]]- अलिवेलुमंगा थायारू<br/>
 +
[[पिता]]- वेंकटाचार्युलु
 +
|पति/पत्नी=
 +
|संतान=
 +
|गुरु=
 +
|कर्म भूमि=[[भारत]]
 +
|कर्म-क्षेत्र=
 +
|मुख्य रचनाएँ=
 +
|विषय=
 +
|खोज=
 +
|भाषा=
 +
|शिक्षा=
 +
|विद्यालय=
 +
|पुरस्कार-उपाधि=[[पद्म भूषण (2023)]]
 +
|प्रसिद्धि=आध्यात्मिक गुरु व समाजसेवक
 +
|विशेष योगदान=
 +
|नागरिकता=भारतीय
 +
|संबंधित लेख=
 +
|शीर्षक 1=
 +
|पाठ 1=
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|शीर्षक 3=
 +
|पाठ 3=
 +
|शीर्षक 4=
 +
|पाठ 4=
 +
|शीर्षक 5=
 +
|पाठ 5=
 +
|अन्य जानकारी=स्वामी चिन्ना जियर का दृष्टिकोण दुनिया भर में गरीब समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सम्मान और गौरव से भरा जीवन जीने के लिए आत्मविश्वास के साथ समान पहुंच और अवसर प्रदान करने के लिए सशक्त बनाना है।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन={{अद्यतन|17:46, 12 जुलाई 2023 (IST)}}
 +
}}'''स्वामी चिन्ना जियर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Swamy Chinna Jeeyar'', जन्म- [[3 नवम्बर]], [[1956]]) ऐसी आध्यात्मिक शख्सियत हैं जिन्होंने अध्यात्म और समाज सेवा के क्षेत्र में देश-विदेश में काम किया है। उनके कार्यों के लिए साल [[2023]] में [[भारत सरकार]] ने उनको [[पद्म भूषण]] सम्मान दिया है। स्वामी चिन्ना जियर [[1981]] में नदिगड्डापलेम में श्रीमद उभय वेदांत आचार्य पीठ के प्रमुख बने। तब से उन्होंने दुनिया भर में समुदाय के लाभ के लिए जीयर एजुकेशनल ट्रस्ट और विकास तरंगिनी के तहत कई आध्यात्मिक और सेवा गतिविधियों का नेतृत्व किया। त्रिदंडी चिन्ना श्रीमन्नारायण रामानुज जीयर स्वामीजी, रामानुजाचार्य के अनुयायियों के भिक्षुओं की एक अत्यधिक सम्मानित पंक्ति से हैं, जिन्हें 'जीयर' कहा जाता है।
 
==जन्म==
 
==जन्म==
 
स्वामी चिन्ना जियर का जन्म 3 नवंबर, 1956 को [[आंध्र प्रदेश]] के पूर्वी गोदावरी जिले के अर्थमुरु गांव में हुआ था। धर्मपरायण [[माता]]-[[पिता]] वेंकटाचार्युलु और अलिवेलुमंगा थायारू के घर जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ओरिएंटल स्कूल, गौतम विद्या पीठम राजमुंदरी में हुई। युवा श्रीमन्नारायण रामानुजाचार्युलु को 23 वर्ष की बहुत कम उम्र में 'जीयर' (शेर) का संन्यासी पद ग्रहण करना पड़ा। आज वे [[भारत]] और विदेशों के भिक्षुओं के बीच 'शांति के अग्रदूत और योद्धा' के रूप में बहुत ऊंचे स्थान पर गिने जाते हैं।<ref>{{cite web |url=https://jetuk.org/about-chinna-jeeyar-swamiji/#1553312893982-7b4902fb-f970 |title=चिन्ना जियर स्वामीजी के बारे में|accessmonthday=12 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=jetuk.org |language=हिंदी}}</ref>
 
स्वामी चिन्ना जियर का जन्म 3 नवंबर, 1956 को [[आंध्र प्रदेश]] के पूर्वी गोदावरी जिले के अर्थमुरु गांव में हुआ था। धर्मपरायण [[माता]]-[[पिता]] वेंकटाचार्युलु और अलिवेलुमंगा थायारू के घर जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ओरिएंटल स्कूल, गौतम विद्या पीठम राजमुंदरी में हुई। युवा श्रीमन्नारायण रामानुजाचार्युलु को 23 वर्ष की बहुत कम उम्र में 'जीयर' (शेर) का संन्यासी पद ग्रहण करना पड़ा। आज वे [[भारत]] और विदेशों के भिक्षुओं के बीच 'शांति के अग्रदूत और योद्धा' के रूप में बहुत ऊंचे स्थान पर गिने जाते हैं।<ref>{{cite web |url=https://jetuk.org/about-chinna-jeeyar-swamiji/#1553312893982-7b4902fb-f970 |title=चिन्ना जियर स्वामीजी के बारे में|accessmonthday=12 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=jetuk.org |language=हिंदी}}</ref>
 
==मिशन दृष्टि==
 
==मिशन दृष्टि==
 
स्वामी चिन्ना जियर का दृष्टिकोण दुनिया भर में गरीब समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सम्मान और गौरव से भरा जीवन जीने के लिए आत्मविश्वास के साथ समान पहुंच और अवसर प्रदान करने के लिए सशक्त बनाना है। सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिए दो सिद्धांतों का पालन करें- "भगवान की सेवा के रूप में सभी प्राणियों की सेवा करें, अपनी पूजा करें... सभी का सम्मान करें"
 
स्वामी चिन्ना जियर का दृष्टिकोण दुनिया भर में गरीब समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सम्मान और गौरव से भरा जीवन जीने के लिए आत्मविश्वास के साथ समान पहुंच और अवसर प्रदान करने के लिए सशक्त बनाना है। सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिए दो सिद्धांतों का पालन करें- "भगवान की सेवा के रूप में सभी प्राणियों की सेवा करें, अपनी पूजा करें... सभी का सम्मान करें"
 
 
 
==वैदिक विश्वविद्यालय एवं विद्यालयों की स्थापना==
 
==वैदिक विश्वविद्यालय एवं विद्यालयों की स्थापना==
 
[[भारत]] के अंदर [[1983]] में स्वामी जी ने एक वैदिक विश्वविद्यालय की स्थापना की। उन्होंने मानवता की समृद्धि और कल्याण के लिए असंख्य वैदिक अनुष्ठान, [[यज्ञ]] और होम आयोजित किए हैं। उन्होंने [[रामानुज]] के संदेश का प्रचार करने के लिए युवाओं को शामिल किया है और विभिन्न विषयों पर प्रवचन दिए हैं।<ref name="pp">{{cite web |url=https://chinnajeeyar.org/about-chinna-jeeyar-swamiji/ |title=Chinna Jeeyar Swamiji|accessmonthday=12 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=chinnajeeyar.org |language=हिंदी}}</ref>
 
[[भारत]] के अंदर [[1983]] में स्वामी जी ने एक वैदिक विश्वविद्यालय की स्थापना की। उन्होंने मानवता की समृद्धि और कल्याण के लिए असंख्य वैदिक अनुष्ठान, [[यज्ञ]] और होम आयोजित किए हैं। उन्होंने [[रामानुज]] के संदेश का प्रचार करने के लिए युवाओं को शामिल किया है और विभिन्न विषयों पर प्रवचन दिए हैं।<ref name="pp">{{cite web |url=https://chinnajeeyar.org/about-chinna-jeeyar-swamiji/ |title=Chinna Jeeyar Swamiji|accessmonthday=12 जुलाई|accessyear=2023 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=chinnajeeyar.org |language=हिंदी}}</ref>
पंक्ति 24: पंक्ति 62:
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{पद्म भूषण}}
 
{{पद्म भूषण}}
[[Category:पद्म भूषण]][[Category:पद्म भूषण (2023)]]
+
[[Category:आध्यात्मिक गुरु]][[Category:दार्शनिक]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:अध्यात्म]][[Category:पद्म भूषण]][[Category:पद्म भूषण (2023)]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

12:16, 12 जुलाई 2023 के समय का अवतरण

स्वामी चिन्ना जियर
स्वामी चिन्ना जियर
पूरा नाम त्रिदंडी श्रीमन्नारायण रामानुज जीयर स्वामी
जन्म 3 नवम्बर, 1956
जन्म भूमि अर्थमुरु गांव, पूर्वी गोदावरी जिला, आंध्र प्रदेश
अभिभावक माता- अलिवेलुमंगा थायारू

पिता- वेंकटाचार्युलु

कर्म भूमि भारत
पुरस्कार-उपाधि पद्म भूषण (2023)
प्रसिद्धि आध्यात्मिक गुरु व समाजसेवक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी स्वामी चिन्ना जियर का दृष्टिकोण दुनिया भर में गरीब समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सम्मान और गौरव से भरा जीवन जीने के लिए आत्मविश्वास के साथ समान पहुंच और अवसर प्रदान करने के लिए सशक्त बनाना है।
अद्यतन‎

स्वामी चिन्ना जियर (अंग्रेज़ी: Swamy Chinna Jeeyar, जन्म- 3 नवम्बर, 1956) ऐसी आध्यात्मिक शख्सियत हैं जिन्होंने अध्यात्म और समाज सेवा के क्षेत्र में देश-विदेश में काम किया है। उनके कार्यों के लिए साल 2023 में भारत सरकार ने उनको पद्म भूषण सम्मान दिया है। स्वामी चिन्ना जियर 1981 में नदिगड्डापलेम में श्रीमद उभय वेदांत आचार्य पीठ के प्रमुख बने। तब से उन्होंने दुनिया भर में समुदाय के लाभ के लिए जीयर एजुकेशनल ट्रस्ट और विकास तरंगिनी के तहत कई आध्यात्मिक और सेवा गतिविधियों का नेतृत्व किया। त्रिदंडी चिन्ना श्रीमन्नारायण रामानुज जीयर स्वामीजी, रामानुजाचार्य के अनुयायियों के भिक्षुओं की एक अत्यधिक सम्मानित पंक्ति से हैं, जिन्हें 'जीयर' कहा जाता है।

जन्म

स्वामी चिन्ना जियर का जन्म 3 नवंबर, 1956 को आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के अर्थमुरु गांव में हुआ था। धर्मपरायण माता-पिता वेंकटाचार्युलु और अलिवेलुमंगा थायारू के घर जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ओरिएंटल स्कूल, गौतम विद्या पीठम राजमुंदरी में हुई। युवा श्रीमन्नारायण रामानुजाचार्युलु को 23 वर्ष की बहुत कम उम्र में 'जीयर' (शेर) का संन्यासी पद ग्रहण करना पड़ा। आज वे भारत और विदेशों के भिक्षुओं के बीच 'शांति के अग्रदूत और योद्धा' के रूप में बहुत ऊंचे स्थान पर गिने जाते हैं।[1]

मिशन दृष्टि

स्वामी चिन्ना जियर का दृष्टिकोण दुनिया भर में गरीब समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सम्मान और गौरव से भरा जीवन जीने के लिए आत्मविश्वास के साथ समान पहुंच और अवसर प्रदान करने के लिए सशक्त बनाना है। सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिए दो सिद्धांतों का पालन करें- "भगवान की सेवा के रूप में सभी प्राणियों की सेवा करें, अपनी पूजा करें... सभी का सम्मान करें"

वैदिक विश्वविद्यालय एवं विद्यालयों की स्थापना

भारत के अंदर 1983 में स्वामी जी ने एक वैदिक विश्वविद्यालय की स्थापना की। उन्होंने मानवता की समृद्धि और कल्याण के लिए असंख्य वैदिक अनुष्ठान, यज्ञ और होम आयोजित किए हैं। उन्होंने रामानुज के संदेश का प्रचार करने के लिए युवाओं को शामिल किया है और विभिन्न विषयों पर प्रवचन दिए हैं।[2]

निःशुल्क चिकित्सा शिविर

पूरे विश्व में नि:शुल्क सामान्य स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर, महिला कैंसर जांच शिविर, दंत चिकित्सा शिविर, रक्तदान शिविर आयोजित करवायें हैं।

विश्व शांति और सद्भाव के प्रवर्तक

वर्तमान दुनिया में, भू-राजनीतिक सद्भाव परिवर्तन की स्थिति में है, जहां लोग युद्ध के डर, राजनीतिक संघर्ष, गरीबी, ग्लोबल वार्मिंग, लुप्तप्राय पर्यावरण, घटते प्राकृतिक संसाधनों और धार्मिक कट्टरवाद सहित कई चुनौतियों के बीच रहते हैं। स्वामी चिन्ना जियर योग, ध्यान, आध्यात्मिक और प्राचीन ज्ञान के प्रचार-प्रसार के माध्यम से विश्व शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम करते हैं। ये मानव शरीर, मन और आत्मा को सहिष्णुता, साझा करने की खुशी, अहिंसा, पर्यावरण के प्रति कृतज्ञता का दृष्टिकोण और सभी जीवित प्राणियों के लिए पारस्परिक सम्मान विकसित करने में सक्षम बनाते हैं।

पशु कल्याण

स्वामी चिन्ना जियर पशु कल्याण क्षेत्र में भी अग्रणी हैं और अक्सर पशु संरक्षण शिविरों के साथ-साथ मुफ्त पशु चिकित्सा शिविर भी आयोजित करते हैं।

आपदा राहत गतिविधियाँ

जब भारत के दक्षिणी हिस्से सूखे से त्रस्त थे, स्वामी चिन्ना जियर ने बारिश के लिए प्राचीन वैदिक तकनीकों को लागू किया। उनकी प्रेरणा से प्रेरित लाखों युवा हर संभव तरीके से मानवता की सेवा करने के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं। भूकंप, बाढ़, चक्रवात और सुनामी प्रभावित क्षेत्रों में उनके मार्गदर्शन में हजारों युवा स्वयंसेवक सबसे पहले मदद करते हैं और अद्वितीय सेवाएं प्रदान करते हैं जिन्हें अक्सर सरकार और गैर सरकारी संगठनों द्वारा विस्मय और श्रद्धा के साथ स्वीकार किया जाता है।

निःशुल्क शैक्षणिक सेवाएँ

स्वामी चिन्ना जियर के मार्गदर्शन में भारत में नेत्रहीनों के लिए सबसे पहले जूनियर कॉलेज और डिग्री कॉलेज खोले गए, जहाँ बच्चे बिना किसी लेखक की मदद के लैपटॉप पर अपनी बोर्ड परीक्षाएँ लिखते थे। स्वामीजी ने दूरदराज के इलाकों में आदिवासियों और मछुआरा समुदाय के लिए स्कूलों की स्थापना की। एचएच विभिन्न आश्रमों में निःशुल्क वैदिक और वेदांत शिक्षा प्रदान करता है। सभी छात्रों को शिक्षा, कपड़े, भोजन, आवास, आपूर्ति सभी निःशुल्क प्रदान की जाती है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. चिन्ना जियर स्वामीजी के बारे में (हिंदी) jetuk.org। अभिगमन तिथि: 12 जुलाई, 2023।
  2. 2.0 2.1 Chinna Jeeyar Swamiji (हिंदी) chinnajeeyar.org। अभिगमन तिथि: 12 जुलाई, 2023।

संबंधित लेख