बाबूलाल गौर
बाबूलाल गौर
| |
पूरा नाम | बाबूलाल गौर |
जन्म | 2 जून, 1930 |
जन्म भूमि | नौगीर ग्राम, प्रतापनगर ज़िला उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 21 अगस्त 2019 |
मृत्यु स्थान | भोपाल |
मृत्यु कारण | दिल का दौरा |
अभिभावक | रामप्रसाद |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | 'भारतीय जनता पार्टी', 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' |
पद | पूर्व मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश |
शिक्षा | बी.ए., एल.एल.बी. |
भाषा | हिन्दी, अंग्रेज़ी |
जेल यात्रा | श्री गौर ने आपात काल के दौरान 19 माह तक जेल की सजा भी भुगती। |
पुरस्कार-उपाधि | 'वर्षश्री' की उपाधि (1991) |
अन्य जानकारी | 1977 में गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और वर्ष 2003 तक वहाँ से लगातार सात बार विधान सभा चुनाव जीतते रहे। |
अद्यतन | 11:20, 24 अगस्त 2019 (IST)
|
बाबूलाल गौर (जन्म- 2 जून, 1930, उत्तर प्रदेश - मृत्यु- 21 अगस्त 2019) 'भारतीय मज़दूर संघ' के संस्थापक सदस्य हैं। वे मध्य प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री हैं, जिनका प्रदेश की राजनीति में प्रमुख स्थान रहा है। बाबूलाल गौर सन 1946 से ही 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' से जुड़ गए थे। उन्होंने दिल्ली तथा पंजाब आदि राज्यों में आयोजित सत्याग्रहों में भी भाग लिया था। श्री गौर आपात काल के दौरान 19 माह की जेल भी काट चुके हैं। 1974 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा बाबूलाल गौर को 'गोवा मुक्ति आन्दोलन' में शामिल होने के कारण 'स्वतंत्रता संग्राम सेनानी' का सम्मान प्रदान किया गया था। उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में 'नगरीय प्रशासन एवं विकास', 'भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास' विभाग का मंत्री बनाया गया है।
जीवन परिचय
बाबूलाल गौर का जन्म 2 जून, 1930 को नौगीर ग्राम, प्रतापगढ़ ज़िला (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे बचपन से ही भोपाल में रहे। इनके पिता का नाम श्री रामप्रसाद था। बाबूलाल गौर ने अपनी शैक्षणिक योग्यताओं में बी.ए. और एल.एल.बी. की डिग्रियाँ प्राप्त की हैं। श्री गौर पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जनता समर्थित उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय विधायक चुने गये थे। वे 7 मार्च, 1990 से 15 दिसम्बर, 1992 तक मध्य प्रदेश के स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य, संसदीय कार्य, जनसम्पर्क, नगरीय कल्याण, शहरी आवास तथा पुनर्वास एवं 'भोपाल गैस त्रासदी' राहत मंत्री रहे। वे 4 सितम्बर, 2002 से 7 दिसम्बर, 2003 तक मध्य प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।[1]
सामाजिक तथा सार्वजनिक जीवन में किये गये विभिन्न महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिये श्री गौर को कई सम्मान तथा पुरस्कार प्राप्त होते रहे हैं। वर्ष 1991 में दैनिक नई दुनिया भोपाल द्वारा लिये गये विचार मत में उन्हें 'वर्षश्री' की उपाधि प्रदान की गई थी। इस उपाधि हेतु बाबूलाल गौर के साथ अर्जुन सिंह एवं माधव राव सिंधिया सहित अन्य आठ लोगों के नाम भी शामिल थे।
विदेश यात्राएँ
बाबूलाल गौर ने अनेक देशों की यात्राएँ की हैं। वे सोवियत संघ के निमंत्रण पर 1989 में रूस गये। जनवरी, 1991 में उन्होंने मध्य प्रदेश विधान सभा के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के अधिवेशन में श्रीलंका की यात्रा की। उन्होंने 1996 में नेपाल की यात्रा की। श्री गौर 1998 में मध्य प्रदेश संसदीय संघ की ओर से पैरिस, ब्रुसेल्स, सेलबर्ग, जिनेवा, रोम, फ़्राँस एवं जर्मनी की यात्रा पर गये। श्रीलंका की यात्रा के दौरान बाबूलाल गौर को सिंगारिया क्लब द्वारा 55 वर्ष की आयु से अधिक होने पर भी 1999 मीटर ऊंचाई चढ़ने पर सम्मानित किया गया।[1]
आन्दोलनों में भूमिका
श्री गौर 1946 से 'राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ' के स्वयंसेवक हैं। वे 'भारतीय मज़दूर संघ' के संस्थापक सदस्य हैं। वे 1956 से 'भारतीय जनसंघ' के सचिव भी रहे हैं। इन्होंने राजनीति में सक्रिय होने के पूर्व भोपाल की कपड़ा मिल में नौकरी भी की और श्रमिकों के हित में अनेक आंदोलनों में भाग लिया। इसके अलावा श्री गौर ने राष्ट्रीय स्तर के अनेक राजनीतिक आंदोलनों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इनमें प्रमुख रूप से आपात काल के विरोध में आंदोलन, गोवा मुक्ति आंदोलन, दिल्ली में बेरूवाड़ी सहित पंजाब आदि राज्यों में आयोजित सत्याग्रहों में सक्रिय भागीदारी निभाई। श्री गौर ने आपात काल के दौरान 19 माह तक जेल की सजा भी भुगती।
सफलताएँ
1974 में भोपाल दक्षिण विधान सभा क्षेत्र से आप पहली बार चुने गए थे। सन 1977 में वे गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और वर्ष 2003 तक वहाँ से लगातार सात बार विधान सभा चुनाव जीतते रहे। उन्होंने 1993 के विधान सभा चुनाव में 59 हजार 666 मतों के अंतर से विजय प्राप्त कर कीर्तिमान रचा था। श्री गौर ने 2003 के विधान सभा चुनाव में 64 हजार 212 मतों के अंतर से विजय प्राप्त कर अपने ही कीर्तिमान को तोड़ दिया। वे दसवीं विधान सभा 1993-1998 में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक, सभापति, लोकलेखा समिति, सदस्य सरकारी उपक्रम समिति, विशेषाधिकार समिति आदि के सदस्य रहे तथा संगठन में नगरीय निकाय के प्रभारी तथा प्रदेश महामंत्री भी रहे।
विभिन्न पदों पर कार्य
ग्यारहवीं विधान सभा 1999-2003 में बाबूलाल गौर नेता प्रतिपक्ष बनने के पूर्व 'भारतीय जनता पार्टी' के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। श्री गौर को 8 दिसम्बर, 2003 को नगरीय प्रशासन एवं विकास, विधि एवं विधायी कार्य, आवास एवं पर्यावरण, श्रम एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री बनाया गया। उन्हें 2 जून, 2004 को गृह, विधि एवं विधायी कार्य तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री बनाया गया था। बाबूलाल गौर 23 अगस्त, 2004 से 29 नवंबर, 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें 4 दिसम्बर, 2005 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में वाणिज्य, उद्योग, वाणिज्यिक कर रोज़गार, सार्वजनिक उपक्रम तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री के रूप में शामिल किया गया था और 20 दिसंबर, 2008 को उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में फिर से सम्मिलित किया गया।[1]
निधन
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर का 21 अगस्त 2019 की सुबह भोपाल में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी उम्र 89 वर्ष थी। ‘नर्मदा अस्पताल' के निदेशक डॉक्टर राजेश शर्मा ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वह वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और कुछ समय से अस्पताल में भर्ती थे।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 बाबूलाल गौर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 सितम्बर, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख