बहुजन समाज पार्टी
बहुजन समाज पार्टी
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पूरा नाम | बहुजन समाज पार्टी |
संक्षेप नाम | बसपा (BSP) |
गठन | 14 अप्रैल, 1984 |
संस्थापक | कांशीराम |
वर्तमान अध्यक्ष | मायावती |
महासचिव | सतीश चंद्र मिश्र |
मुख्यालय | 11, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड, नई दिल्ली |
विचारधारा | सार्वभौमिक न्याय, धर्मनिरपेक्ष, समानता और भाईचारे के सर्वोच्च सिद्धांतों की सोच वाला मानवतावादी बौद्ध दर्शन |
चुनाव चिह्न | हाथी |
समाचार पत्र | आदिल जाफरी, मायायुग |
युवा संगठन | बसपा युवा मोर्चा |
विद्यार्थी संगठन | बहुजन समाज स्टूडेंट फोरम |
रंग | नीला |
अन्य जानकारी | इसके बारे में ऐसा भी कहा जाता है, कि दल का दर्शन बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के बौद्ध दर्शन से प्रेरित है जिन्होंने अपनी मृत्यु से डेढ माह पूर्व बौद्ध धर्म अपना लिया था। |
संसद में सीटों की संख्या
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लोकसभा | 0/543 |
राज्यसभा | 14/245 |
विधानसभा | 80/403 (उत्तर प्रदेश विधानसभा) |
आधिकारिक वेबसाइट | बहुजन समाज पार्टी |
अद्यतन | 18:42, 21 मई 2014 (IST)
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बहुजन समाज पार्टी (अंग्रेज़ी: Bahujan Samaj Party, संक्षेप नाम:बसपा) समाजवादी सोच वाला, भारत का एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल है। इसका गठन मुख्यत: भारतीय जाति व्यवस्था के अन्तर्गत सबसे नीचे माने जाने वाले बहुजन, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक शामिल थे ऐसे समाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया गया था। इसके बारे में ऐसा भी कहा जाता है, कि दल का दर्शन बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के बौद्ध दर्शन से प्रेरित है जिन्होंने अपनी मृत्यु से डेढ माह पूर्व बौद्ध धर्म अपना लिया था।
पार्टी का गठन
बसपा का गठन उच्च प्रोफ़ाइल वाले करिश्माई दलित नेता कांशीराम द्वारा 14 अप्रैल, 1984 में हुआ था। इस पार्टी का राजनीतिक प्रतीक (चुनाव चिह्न) एक हाथी है।
लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन
13 वीं लोकसभा (1999-2004) में बसपा के 14 सदस्य थे। 14 वीं लोकसभा में यह संख्या 17 और वर्तमान यानी 15 वीं लोक सभा में यह संख्या 21 है। बसपा का मुख्य आधार उत्तर प्रदेश है और पार्टी ने इस प्रदेश में कई बार अन्य पार्टियों के समर्थन से सरकार भी बनाई है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती कई वर्षों से पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
विधानसभा चुनाव
11 मई 2007 को घोषित विधान सभा चुनाव परिणामों के पश्चात् उत्तर प्रदेश राज्य में 1991 से 15 वर्षों तक त्रिशंकु विधान सभा का परिणाम भुगतने के बाद भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य में स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर सत्ता में आयी। बसपा अध्यक्ष मायावती ने मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश में अपने चौथा कार्यकाल शुरू करते हुए 13 मई 2007 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 50 अन्य मन्त्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। विधान सभा चुनाव 2012 में बसपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और समाजवादी पार्टी ने बहुमत प्राप्त कर अपनी सरकार बनाई और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
उपलब्धियाँ
वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश की जनता ने बसपा को पूर्ण बहुमत से सरकार बनाकर काम करने का मौका दिया, मुख्यमन्त्री मायावती ने कांशीराम एवम् अनेकों दलित समाज सुधारकों (जिनका नाम इतिहास के पन्नो में दफ़न कर दिया गया था) को सम्मान देने के लिए उनके नाम पर बहुत से स्मारक, पार्क और विश्वविद्यालय खोले। इनसे न केवल इन महापुरुषों का सम्मान हुआ बल्कि प्रदेश को एक नयी पहचान भी मिली। इनमें से "बुद्ध इन्टरनेशन सर्किट", गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल, रमा बाई अम्बेडकर मैदान, अम्बेडकर स्मारक, कांशीराम स्मारक, बालक और बालिका इन्टर कॉलेज अदि प्रमुख हैं। बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने राज्य में कुशल और प्रभावी प्रशासन देकर एक मिशाल स्थापित की। बहुजन समाज पार्टी की सभी नीतियाँ "बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय" पर आधारित रहीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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