गुह्यक

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गुह्यक कुबेर के अनुचरों का एक भेद है, जिनकी गणना अर्धदेवयोनि में होती है।

  • इन्हें इस बात का प्रतीक माना जाता है कि काम का वशीभूत व्यक्ति किस प्रकार कामिनियों के चरणों के नीचे दब जाता है।
  • अजंता के भित्तिचित्रों में गुह्यकों का चित्रण हुआ है। इन्हें शाल भंजिकाओं के पैरों के नीचे अनंग बौनों के रूप में दिखाया गया है। इनके साथ पक्षी, वानर आदि भी अंकित दिखाई देते हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय संस्कृति कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: राजपाल एंड सन्ज, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 290 |

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