एलिय्याह

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एलिय्याह (60 ई. पू.)। बाइबिल के मुख्य नबियों में से एक। अहाबराजा ने व्यभिचारिणी तथा मूर्तिपूजा करनेवाली इज़ेबेल के साथ विवाह किया था; एलिय्याह ने यहूदी एकेश्वरवादी धर्म की रक्षा के लिए निर्भीकतापूर्वक अहाब का विरोध किया। वह प्राय: मरुभूमि में रहकर घोर तपस्या करते हुए अपने समय की पतनोन्मुख सभ्यता को चुनौती देते थे। उनका रहस्यात्मक ढंग से स्वर्गवास हुआ था और यहूदियों का विश्वास था कि एलिय्याह मसीह का मार्ग तैयार करने के लिए फिर प्रकट होनेवाले थे। बाइबिल में योहन बपतिस्ता ही एलिय्याह के स्थान पर मसीह के अग्रदूत हैं किंतु ईसा के दिव्य रूपांतरण के अवसर पर एलिय्याह और मूसा दोनों की उपस्थिति का उल्लेख हुआ है। एलिय्याह यहूदियों में शताब्दियों तक अत्यंत लोकप्रिय रहे तथा बाइबिल की रचना के बाद भी उनके यहाँ एलिय्याह के विषय में अद्भूत दंतकथाओं का प्रचलन रहा।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 252 |

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