उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे
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पूरा नाम | उद्धव ठाकरे |
जन्म | 27 जुलाई, 1960 |
जन्म भूमि | मुम्बई, महाराष्ट्र |
अभिभावक | पिता- बाल ठाकरे, माता- मीना ठाकरे |
पति/पत्नी | रश्मि ठाकरे |
संतान | आदित्य ठाकरे, तेजस ठाकरे |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | शिवसेना |
पद | 19वें मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र |
कार्य काल | 28 नवम्बर, 2019 से 30 जून, 2022 तक |
पूर्वाधिकारी | देवेन्द्र फणनवीस |
उत्तराधिकारी | एकनाथ शिंदे |
रचनाएँ | 'महाराष्ट्र देशा', 'पहावा विट्ठल' |
बाहरी कड़ियाँ | शिवसेना प्रमुख प्रचारक के रूप में काम करते हुए वर्ष 2002 में उद्धव ठाकरे ने बीएमसी चुनाव में शिवसेना के लिए जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। |
अद्यतन | 11:12, 24 जुलाई 2022 (IST)
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उद्धव ठाकरे (अंग्रेज़ी: Uddhav Thackeray, जन्म- 27 जुलाई, 1960, मुम्बई, महाराष्ट्र) भारतीय राजनीतिज्ञ तथा महाराष्ट्र के 19वें पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं। वह हिन्दू राष्ट्रवादी दल शिवसेना के नेता हैं। उद्धव ठाकरे शिवसेना के संस्थापक अध्यक्ष बालासाहब ठाकरे के बेटे हैं। पहले वे शिवसेना के एक मराठी दैनिक 'सामना' का कामकाज संभालते थे। उद्धव ठाकरे पार्टी की चुनाव संबंधी गतिविधियों में भाग लेते थे। वर्ष 2002 में बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के चुनावों में पार्टी को सफलता मिली तो उन्हें जनवरी 2003 से पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था।
परिचय
उद्धव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई, 1960 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ। वे शिवसेना के पूर्वाध्यक्ष और सुप्रीमो बाल ठाकरे तथा मीना ठाकरे के पुत्र हैं। उनके पिता भारत में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। उद्धव ठाकरे का विवाह रश्मि ठाकरे से हुआ है। उनके दो पुत्र आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे हैं।
व्यवसाय
राजनीति में आने से पूर्व शिवसेना के स्पष्ट उत्तराधिकारी के रूप में शायद ही कोई उद्धव ठाकरे को जनता था। यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है की पार्टी के भीतर उद्धव ठाकरे ने कभी भी सक्रिय राजनीति में अपना ध्यान नहीं लगाया एवं अपने आप को वन्यजीव फोटोग्राफी में ही व्यस्त किये रखा। वे एक प्रसिद्ध फोटोग्राफर थे और वार्षिक प्रदर्शनियों में उनकी फोटोग्राफी काफी महत्वपूर्ण थी।
उपलब्धियां
- उद्धव ठाकरे ने वर्ष 2002 के बीएमसी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और उनके बेहतर प्रबंधन की वजह से शिवसेना वास्तव में एक अच्छी स्थिति में पहुँच गयी। यह पहली बार था कि किसी नें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व भरे गुणों और राजनीति के लिए एक बेहतर बानगी को देखा।
- उद्धव ठाकरे ने अप्रत्याशित रूप से सुर्खियों प्राप्त कीं, जब उन्हें शिवसेना के अगले प्रमुख बनाये जाने की घोषणा की गयी थी। जब उन्होंने 2002 के बीएमसी चुनाव में पार्टी की जीत के साथ शिवसेना को एक प्रमुख स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, तब उनके पिता ने उन्हें पार्टी में एक जिम्मेदार भूमिका निभाने के लिए जोर डाला।[1]
- वर्ष 2003 में उद्धव ठाकरे को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में घोषित किया गया और वह शिवसेना के नियंत्रण में रहे।
- मराठी अखबार 'सामना' जो की पार्टी का प्रमुख मुखपत्र है और जिसकी स्थापना बाला साहेब ठाकरे ने की थी, को उद्धव ठाकरे के द्वारा प्रबंधित किया जाता है। जून 2006 के बाद से उद्धव ठाकरे इस समाचार पत्र के मुख्य संपादक रहे।
- बाला साहेब ठाकरे के निधन के बाद से उद्धव ठाकरे शिवसेना पार्टी की सत्ता में एकमात्र महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वर्ष 2006 में राज ठाकरे ने इस पार्टी को छोड़ दिया था।
- शिवसेना प्रमुख प्रचारक के रूप में काम करते हुए वर्ष 2002 में उद्धव ठाकरे ने बीएमसी चुनाव में शिवसेना के लिए जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
- विदर्भ, महाराष्ट्र के किसानों के लिए इन्होंने एक ऋण राहत अभियान का आयोजन किया था।
- उद्धव ठाकरे ने 2012 में फिर से बीएमसी चुनाव में जीत के लिए शिवसेना का नेतृत्व किया था।
- उन्होंने पार्टी की आक्रामक छवि में व्यापक परिवर्तन किया है। इसके अलावा एक उग्रवादी दल के रूप में लोगों के मध्य व्याप्त छवि को परिवर्तित करते हुए दल को एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है, जो कि कुछ लोगो के द्वारा कल्याणकारी दल और सहयोगी दल के रूप में चर्चित किया गया था।
मुख्यमंत्री
28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपद लेने वाले उद्धव ठाकरे ने 29 जून, 2022 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस तरह वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सिर्फ 943 दिन ही टिक पाए। उनसे पहले सिर्फ दो ही ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने पूरे पांच साल तक सीएम की कुर्सी संभाली। महाराष्ट्र संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 29 जून, 2022 को फ्लोर टेस्ट को लेकर बड़ा फैसला सुनाया, लेकिन 30 जून, 2022 को फ्लोर टेस्ट से पहले ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
लेखन कार्य
उद्धव ठाकरे ने 'महाराष्ट्र देश' (2010) और 'पहवा विट्ठल' (2011) नामक दो फोटोबुक भी जारी किए हैं। किताबें पंढरपुर यात्रा के दौरान महाराष्ट्र और वरकरियों (तीर्थयात्रियों) के पहलुओं को चित्रित करती हैं।
अन्य तथ्य
- उद्धव ठाकरे राजनीति में आने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन उनकी पत्नी ने उन्हें राजनीति में कॅरियर शुरू करने के लिए राजी कर लिया।
- उन्हें वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी करना और बैडमिंटन खेलना पसंद है।
- बाल ठाकरे की तरह वह केवल महाराष्ट्र के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं और उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है।
- साल 2006 में उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने शिव सेना से नाता तोड़ लिया और 'महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना' का गठन किया।
- उद्धव ठाकरे के बड़े बेटे आदित्य ठाकरे युवा सेना (शिवसेना की युवा शाखा) के अध्यक्ष हैं। आदित्य को बाल ठाकरे द्वारा युवा विंग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
- जुलाई 2012 में उद्धव ठाकरे को सीने में दर्द की शिकायत के बाद मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी एंजियोप्लास्टी हुई और उनकी धमनियों में तीन रुकावटों को हटा दिया गया।
- 1 अक्टूबर 2016 को उद्धव को एक कार्टून के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी, जो 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के 25वें संस्करण में प्रकाशित हुआ था। कथित तौर पर कार्टून ने मराठा समुदाय का उपहास किया और उद्धव को सामना के प्रधान संपादक होने के नाते मराठा समुदाय से प्रतिक्रिया का सामना करने के बाद बिना शर्त माफी जारी करनी पड़ी।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ उद्धव ठाकरे: जीवन परिचय, परिवार और उपलब्धियां (हिंदी) jagranjosh.com। अभिगमन तिथि: 3 फरवरी, 2020।
- ↑ उद्धव ठाकरे का जीवन परिचय (हिंदी) shubhamsirohi.com। अभिगमन तिथि: 24 जुलाई, 2022।
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