आरिस्तोबुलस
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आरिस्तोबुलस (160 ई.पू.) कुछ विद्वानों के अनुसार तोलेमी दशम और कुछ के अनुसार तोलेमी द्वितीय के समकालीन; सिकंदरिया के उन प्रारंभिक यहूदी दार्शनिकों में से जो यूनानी दर्शन और यहूदी धर्म दोनों के मध्य सामंजस्य पैदा करना चाहते थे। उन्होंने यह स्थापित करने का प्रयत्न किया कि यूनानी दार्शनिकों ने यहूदी धर्मग्रंथों से अपने दर्शन के लिए प्रोत्साहन प्राप्त किया। उनकी रचनाओं में से एक 'मूसा के धर्मग्रंथ की टीका' के कुछ अंश अब तक प्राप्त हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 424 |