साँचा:सूक्ति और कहावत-11

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अश्वनी भाटिया (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:22, 4 मई 2011 का अवतरण ('<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5" |-</noinclude> | style="border:solid thin #e7c7c7; padding:10px; -...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • जिस समय जो कार्य करना उचित हो, उसे उसी समय शंकारहित होकर शीघ्र करना चाहिए, क्योंकि समय पर हुई वर्षा फ़सल की पोषक होती है, असमय की वर्षा विनाशिनी होती है। -शक्रनीति (1|286-287)
  • अनेक विद्याओं का अध्ययन करके भी जो समाज के साथ मिलकर आचरण्युक्त जीवन व्यतीत करना नहीं जानते, वे अज्ञानी ही समझे जायेंगे। - तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 140) .... और पढ़ें