मिसरिख
मिसरिख पुरातात्विक महत्व का क्षेत्र है जहां महर्षि दधीचि द्वारा देवताओं के उद्धार हेतु अपने शरीर का दान किया गया था महर्षि दधीचि के द्वारा जिस स्थान पर अपने शरीर का त्याग किया गया था उस स्थान पर अब एक पवित्र कुण्ड है ।
प्राचीन धर्मकथा
हिन्दू धर्मकथाओं के अनुसार देवता असुर संग्राम में महर्षि दधीचि ने अपनी हड्डियों से वजा्रस्त्र बनाने के लिये अपने शरीर का त्याग यहीं किया था वह स्थान अब यहाँ मिश्रित तीर्थ के रूप में जाना जाता है।जब महर्षि दधीचि ने अपने शरीर के त्याग का निर्णय लिया तो उनके शरीर पर पवित्र गंगाजल उँडेला जाता रहा और गौमाता के द्धारा उनके शरीर को तब तक चाटा जाता रहा जब तक कि वह हड्डियों का ढ़ांचे के रूप में परिवर्तित नहीं हो गया। अवशेष हड्डियों से बने वज्रास्त्र की सहायता से ही देवताओं को विजय की प्राप्ति हो सकी। महर्षि के शरीर पर उँडेले गये पवित्र जल से ही इस सरोवर का निर्माण हुआ।
लोकसभा क्षेत्र
- मिसरिख के नाम से लोकसभा क्षेत्र भी है। संसदीय क्षेत्र मिसरिख उत्तर प्रदेश राज्य के तीन जिलों- सीतापुर, हरदोई व कानपुर से मिलकर बना है । मिसरिख संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत बिल्हौर विधान सभा क्षेत्र गंगा नदी का तराई क्षेत्र है और मल्लावां,बिलग्राम, सण्डीला, बालामऊ, मिसरिख, विधान सभा क्षेत्र भी गोमती नदी के किनारे पर पड़ते हैं ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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