अथर्वा

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  1. सारे संसार में यक्षों की प्रथा चलाने-वाले ऋषि का नाम[1]। इनका ब्याह कर्दम ऋषि की पुत्री चित्ति से हुआ था। दधीचि इनका पुत्र था जिसका सिर घोड़े का था।[2]
  2. एक ब्राह्मण पुरोहित का नाम जिसे महाराज युधिष्ठिर ने अपने राजसूय यज्ञ में बुलाया था[3]
  3. लौकिकाग्नि-भृगु। दर्पहाके पिता। यह दध्यङ्डाथर्वणकी श्रेणीका है[4]
  4. एक ऋषि, जो ब्रह्मा के पुत्र कहे जाते हैं। ये अग्नि को स्वर्ग़ से पृथ्वी पर लाए थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भाग. 3.24.24)
  2. भाग.4.1.42)
  3. भाग.10.74.9)
  4. वायु.29.8.9; ब्रह्मा. 2.12.9)

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