"शोलापुर ज़िला": अवतरणों में अंतर
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शोलापुर ज़िला शोलापुर भी कहलाता है, यह ज़िला 15,021 वर्ग किमी, [[महाराष्ट्र]] राज्य, दक्षिण-पश्चिमी [[भारत]] में है। यह ज़िला निचले लहरदार पठार पर स्थित है। [[भीमा नदी]], [[कृष्णा नदी]]की सहायक नदी और उसकी दो सहायक नदियाँ, [[नीरा नदी|नीरा]] व [[सीना नदी|सीना]] ज़िले को अपवाहित करती है। भीमा नदी का हाल ही में निर्मित उजानी बाँध यहाँ की कृषि को सिंचाई के लिए पानी देता है और पंढरपुर सहित निचली बस्तियों में बाढ़ के ख़तरे को कम करता है। अक्कलकोट, बरशी और मंगलवेढ़े इस ज़िले के महत्त्वपूर्ण नगर हैं; कुर्दुवर्दी एक रेलवे जंक्शन है। | शोलापुर ज़िला शोलापुर भी कहलाता है, यह ज़िला 15,021 वर्ग किमी, [[महाराष्ट्र]] राज्य, दक्षिण-पश्चिमी [[भारत]] में है। यह ज़िला निचले लहरदार पठार पर स्थित है। [[भीमा नदी]], [[कृष्णा नदी]]की सहायक नदी और उसकी दो सहायक नदियाँ, [[नीरा नदी|नीरा]] व [[सीना नदी|सीना]] ज़िले को अपवाहित करती है। भीमा नदी का हाल ही में निर्मित उजानी बाँध यहाँ की कृषि को सिंचाई के लिए पानी देता है और पंढरपुर सहित निचली बस्तियों में बाढ़ के ख़तरे को कम करता है। अक्कलकोट, बरशी और मंगलवेढ़े इस ज़िले के महत्त्वपूर्ण नगर हैं; कुर्दुवर्दी एक रेलवे जंक्शन है। | ||
==कृषि और खनिज== | ==कृषि और खनिज== | ||
ज़िलें की | ज़िलें की ज़्यादातर आबादी कृषि कार्य में लगी है। सिंचाई ने भुखमरी और अभाव के प्रभाव को काफ़ी कम किया है। गेहूं, मोटा अनाज और कपास यहाँ की प्रधान फ़सले है। | ||
==उद्योग और व्यापार== | ==उद्योग और व्यापार== | ||
यहाँ के अधिकतर उद्योग बीड़ी निर्माण, खली उत्पादन और हथकरघा निर्माण से जुड़े हैं। गन्ना यहाँ की महत्त्वपूर्ण सिंचित फ़सल है, जिनके ज़िले की विभिन्न चीनी मिलों की उन्नति में योगदान दिया है। | यहाँ के अधिकतर उद्योग बीड़ी निर्माण, खली उत्पादन और हथकरघा निर्माण से जुड़े हैं। गन्ना यहाँ की महत्त्वपूर्ण सिंचित फ़सल है, जिनके ज़िले की विभिन्न चीनी मिलों की उन्नति में योगदान दिया है। |
12:23, 21 सितम्बर 2010 का अवतरण
शोलापुर ज़िला शोलापुर भी कहलाता है, यह ज़िला 15,021 वर्ग किमी, महाराष्ट्र राज्य, दक्षिण-पश्चिमी भारत में है। यह ज़िला निचले लहरदार पठार पर स्थित है। भीमा नदी, कृष्णा नदीकी सहायक नदी और उसकी दो सहायक नदियाँ, नीरा व सीना ज़िले को अपवाहित करती है। भीमा नदी का हाल ही में निर्मित उजानी बाँध यहाँ की कृषि को सिंचाई के लिए पानी देता है और पंढरपुर सहित निचली बस्तियों में बाढ़ के ख़तरे को कम करता है। अक्कलकोट, बरशी और मंगलवेढ़े इस ज़िले के महत्त्वपूर्ण नगर हैं; कुर्दुवर्दी एक रेलवे जंक्शन है।
कृषि और खनिज
ज़िलें की ज़्यादातर आबादी कृषि कार्य में लगी है। सिंचाई ने भुखमरी और अभाव के प्रभाव को काफ़ी कम किया है। गेहूं, मोटा अनाज और कपास यहाँ की प्रधान फ़सले है।
उद्योग और व्यापार
यहाँ के अधिकतर उद्योग बीड़ी निर्माण, खली उत्पादन और हथकरघा निर्माण से जुड़े हैं। गन्ना यहाँ की महत्त्वपूर्ण सिंचित फ़सल है, जिनके ज़िले की विभिन्न चीनी मिलों की उन्नति में योगदान दिया है।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार शोलापुर ज़िले की कुल जनसंख्या 38,55,383 है।
पर्यटन
पंढरपुर एक प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र है और यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
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