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'''ईवर आसेन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ivar Andreas Aasen'', जन्म- [[1813]]; मृत्यु- [[1896]]) नार्वे के प्रसिद्ध [[भाषा]] वैज्ञानिक थे। उनका जन्म नार्वे के सैडमोर में हुआ था।<br /> | |||
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*नार्वे के लोक जीवन, [[साहित्य]] और गीतों का ईवर आसेन ने गहरा अध्ययन किया। उसी लोक भाषा को कुछ हेर-फेर कर एक नई लोक भाषा को जन्म दिया, जो अत्यंत लोकप्रिय हुई। बाद में लोकजीवन पर लिखने वाले विद्वानों ने इसी को अपनाया। कुछ उत्साही वर्ग इसी को राजभाषा बनाने के पक्ष में थे। | |||
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12:18, 10 जनवरी 2021 का अवतरण

ईवर आसेन (अंग्रेज़ी: Ivar Andreas Aasen, जन्म- 1813; मृत्यु- 1896) नार्वे के प्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक थे। उनका जन्म नार्वे के सैडमोर में हुआ था।
- नार्वे के लोक जीवन, साहित्य और गीतों का ईवर आसेन ने गहरा अध्ययन किया। उसी लोक भाषा को कुछ हेर-फेर कर एक नई लोक भाषा को जन्म दिया, जो अत्यंत लोकप्रिय हुई। बाद में लोकजीवन पर लिखने वाले विद्वानों ने इसी को अपनाया। कुछ उत्साही वर्ग इसी को राजभाषा बनाने के पक्ष में थे।
- साहित्य के इतिहास में ईवर आसेन ही ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने एक ऐसी नवीन भाषा का निर्माण किया, जो इतनी जनप्रिय भी हुई।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 465 |