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| {निम्न में से कौन-सा [[राजस्थानी चित्रकला]] का केंद्र नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-3
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| -[[किशनगढ़]]
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| -[[बूंदी]]
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| -[[चावंड उदयपुर|चावंड]]
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| +[[गुलेर]]
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| ||[[गुलेरी चित्रकला|गुलेर चित्रकला]] का संबंध [[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी कला]] से है। पहाड़ी कला में कांगड़ा शैली को रंग-रूप देने एवं ऊंचाइयों तक पहुंचाने का महत्त्वपूर्ण कार्य करने वाली शैली '[[गुलेर]]' ही थी। गुलेर राज्य की स्थापना राजा हरि चंद ने 1405 ई. [[कांगड़ा|कांगड़ा राज्य]] के एक शाखा के रूप में की थी। गुलेर के राजा गोवर्धन सिंह के समय में निश्चित रूप से चित्र बनने लगे। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं- (1) देवगढ़ चित्रशैली का संबंध [[राजस्थानी चित्रकला]] से था। (2) शेखावटी चित्रकला शैली का संबंध राजस्थानी चित्रकला से था। (3) परदाज का प्रयोग अलवर चित्र शैली राजस्थानी चित्र शैली में दर्शनीय होते हैं। (4) गुलेर राज्य को मुग़ल संरक्षण भी प्राप्त था। गुलेर के राजा रूपचंद को '[[मानसिंह]]' का समर्थन मिला। (4) राजा मानसिंह, [[शाहजहां]] एवं [[औरंगजेब]] के लिए यहां के राजा ने [[अफ़ग़ानिस्तान]] एवं [[कंधार]] के युद्ध में हिस्सा लिया। इससे प्रसन्न होकर मुग़ल शहंशाहों ने 'अफ़गानी चीता' की उपाधि प्रदान की, तभी से यहां के राजा 'चंद' के स्थान पर 'सिंह' लिखने लगे।
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| {बंगाल चित्र-शैली इनमें से किस एक विशेषता के कारण जानी जाती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-4
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| -ऑयल तकनीक
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| +वॉश तकनीक
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| -मिनिएचर तकनीक
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| -म्यूरल तकनीक
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| ||[[चित्रकला|भारतीय चित्रकला]] के पुनर्जागरण का श्रेय बंगाल शैली को दिया जाता है। इसी शैली को 'टैगोर शैली', वॉश शैली', 'पुनरुत्थान या पुनर्जागरण शैली' भी कहा जाता है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुई और भारतीय चित्रकला ने पाश्चात्य के प्रभाव से मुक्ति पाई। यहीं से भारतीय आधुनिक चित्रकला का इतिहास आरंभ होता है। बंगाल पुनरुत्थान युग के प्रवर्तक [[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] थे।
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| {इनमें से कौन बंगाल शैली का [[चित्रकार]] नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-84
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| -शारदा उकील
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| -सुधीर खास्तगीर
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| -मुकुल डे
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| +ईश्वरी प्रसाद
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| ||ईश्वरी प्रसाद पटना [[कंपनी शैली]] के अंतिम प्रसिद्ध [[चित्रकार]] थे जबकि शारदा उकील, मुकुल डे, [[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] की शिष्यता में तथा सुधीर खास्तगीर, [[नंदलाल बोस]] की शिष्यता में बंगाल शैली के चित्रकार हैं।
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