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||सामान्यतया अखबार में एक कॉलम की चौड़ाई लगभग 4 सेमी. होती है। यदि दोनों कॉलमों के अंतर को जोड़ दिया जाए तो चौड़ाई लगभग 4.5 सेमी. हो जाएगी। ध्यातव्य है कि 'Heckry's Bengal Gazette' [[भारत]] का प्रथम प्रमुख समाचार-पत्र था, जो वष 1780 में कलकत्ता से प्रकाशित हुआ।
||सामान्यतया अख़बार में एक कॉलम की चौड़ाई लगभग 4 सेमी. होती है। यदि दोनों कॉलमों के अंतर को जोड़ दिया जाए तो चौड़ाई लगभग 4.5 सेमी. हो जाएगी। ध्यातव्य है कि 'Heckry's Bengal Gazette' [[भारत]] का प्रथम प्रमुख समाचार-पत्र था, जो वष 1780 में [[कलकत्ता]] से प्रकाशित हुआ।


{निम्न में से मोम का प्रयोग कर किस विधि में चित्रण कार्य किया जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-55
{निम्न में से मोम का प्रयोग कर किस विधि में चित्रण कार्य किया जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-55
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-के.के. हेब्बर
-के.के. हेब्बर
-[[नंदलाल बोस]]
-[[नंदलाल बोस]]
||जामिनी राय ने बंगाल की अल्पना, खिलौनों तथा पटुआ व कालीघाट चित्रण से प्रेरणा लेकर चित्रण किया।
||[[जामिनी राय]] ने [[बंगाल]] की अल्पना, खिलौनों तथा पटुआ व कालीघाट चित्रण से प्रेरणा लेकर चित्रण किया।


{'बिंदु चित्रण-पद्धति' आरंभ करने वाले कलाकार का नाम बताएं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-46
{'बिंदु चित्रण-पद्धति' आरंभ करने वाले कलाकार का नाम बताएं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-46
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-वान गॉग
-वान गॉग
+सोरा
+सोरा
||नवप्रभाववाद के प्रेणेता सोरा का जन्म [[1859]] ई. में [[पेरिस]] में हुआ। उन्होंने कला का अध्ययन वहां के 'एकोल द बोजार' में प्राप्त किया। सन् 1884 में उन्होंने अपने विख्यात चित्र 'ग्रांद जात्त द्वीप में रविवासरीय अपराह्व' को आरंभ किया तथा [[1886]] ई. में उसे पूर्ण करके 'सलों द अंदेपांदा' में प्रदर्शित किया। सोरा की रंगांकन पद्धति को 'बिंदुवादी पद्धति' भी कहा जाता है।
||नवप्रभाववाद के प्रेणेता सोरा का जन्म [[1859]] ई. में [[पेरिस]] में हुआ। उन्होंने कला का अध्ययन वहां के 'एकोल द बोजार' में प्राप्त किया। सन् [[1884]] में उन्होंने अपने विख्यात चित्र 'ग्रांद जात्त द्वीप में रविवासरीय अपराह्व' को आरंभ किया तथा [[1886]] ई. में उसे पूर्ण करके 'सलों द अंदेपांदा' में प्रदर्शित किया। सोरा की रंगांकन पद्धति को 'बिंदुवादी पद्धति' भी कहा जाता है।


{[[चित्रकला]] में किसका महत्त्व अधिक है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-41
{[[चित्रकला]] में किसका महत्त्व अधिक है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-41
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+[[रंग]]
+[[रंग]]
-परिप्रेक्ष्य
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||[[चित्रकला]] में रंग का सर्वाधिक महत्त्व है, [[रंग]] से ही रूप चित्रित किया जाता है। चित्र में भाव की अभिव्यक्ति के साथ सादृश्य उपस्थित करने के लिए भी रंग का पूर्ण ज्ञान और उचित प्रयोग अति आवश्यक है।
||[[चित्रकला]] में रंग का सर्वाधिक महत्त्व है, [[रंग]] से ही रूप चित्रित किया जाता है। चित्र में भाव की अभिव्यक्ति के साथ सादृश्य उपस्थित करने के लिए भी [[रंग]] का पूर्ण ज्ञान और उचित प्रयोग अति आवश्यक है।


{राज्य [[ललित कला अकादमी]], [[उत्तर प्रदेश]] की 21वीं कला प्रदर्शनी में '[[ललित कला अकादमी पुरस्कार|अकादमी पुरस्कार]]' प्राप्त हुआ है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-99
{राज्य [[ललित कला अकादमी]], [[उत्तर प्रदेश]] की 21वीं कला प्रदर्शनी में '[[ललित कला अकादमी पुरस्कार|अकादमी पुरस्कार]]' प्राप्त हुआ है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-99
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-दो रंगों का मिश्रण
-दो रंगों का मिश्रण
-रंगों का गाढ़ापन
-रंगों का गाढ़ापन
||मोनोक्रोम एक रंग की पेंटिंग, ड्राइंग, डिजाइन या एक रंग में तस्वीरों अथवा रंगों का वर्णन है। यानि मोनोक्रोम में एक ही रंग की विभिन्न तानों का प्रस्तुतीकरण होता है।
||मोनोक्रोम एक रंग की पेंटिंग, ड्राइंग, डिजाइन या एक [[रंग]] में तस्वीरों अथवा रंगों का वर्णन है। यानि मोनोक्रोम में एक ही रंग की विभिन्न तानों का प्रस्तुतीकरण होता है।


{लियोनार्दो के गुरु थे- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-44
{लियोनार्दो के गुरु थे- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-44
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-बर्नार्डो रोजेलिनो
-बर्नार्डो रोजेलिनो
-सांद्रो बोत्तिचेल्लो
-सांद्रो बोत्तिचेल्लो
||आंद्रिया देल वेराशियोएक इटैलियन चित्रकार, मूर्तिकार तथा स्वर्णकार थे। इनके तीन प्रमुख शिष्य थे- लियोनार्डो द विंसी, पेट्रो पेरूगीनो तथा लारेन्जों डी. क्रेडी।
||आंद्रिया देल वेराशियोएक इटैलियन [[चित्रकार]], [[मूर्तिकार]] तथा स्वर्णकार थे। इनके तीन प्रमुख शिष्य थे- लियोनार्डो द विंसी, पेट्रो पेरूगीनो तथा लारेन्जों डी. क्रेडी।


{'सन फ्लावर' प्रसिद्ध चित्र किसने निर्मित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-57
{'सन फ्लावर' प्रसिद्ध चित्र किसने निर्मित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-57
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+कागज की कतरन
+कागज की कतरन


{सुमित्रानन्दन पंत क्या था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-183,प्रश्न-17
{[[सुमित्रानन्दन पंत]] क्या था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-183,प्रश्न-17
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-चित्रकार
-[[चित्रकार]]
-मूर्तिकार
-[[मूर्तिकार]]
+कवि
+[[कवि]]
-संग़ीतकार
-[[संगीतकार]]
||सुमित्रानन्दन पंत कवि थे। वे हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक थे। इनका जन्म 20 मई, 1900 में कौसानी (वर्तमान उत्तराखंड) में तथा 28 दिसंबर, 1977 में इलाकाबाद में निधन हो गया।
||[[सुमित्रानन्दन पंत]] कवि थे। वे हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक थे। इनका जन्म [[20 मई]], [[1900]] में कौसानी (वर्तमान उत्तराखंड) में तथा [[28 दिसंबर]], [[1977]] में इलाकाबाद में निधन हो गया।


{सी.वी. रमन को नोवेल पुरस्कार किस लिए दिया गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-190,प्रश्न-48
{सी.वी. रमन को नोवेल पुरस्कार किस लिए दिया गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-190,प्रश्न-48
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-रमन रसायन
-रमन रसायन
-इनमें से कोई नहीं
-इनमें से कोई नहीं
||चंद्रशेखर वेंकट रमन (सी.वी. रमन) को 28 फरवरी, 1928 ई. को 'रमन प्रभाव' की खोज के लिए वर्ष 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। इनका जन्म तिरुचिरापल्ली में 7 नवंबर 1888 ई. को हुआ। वर्ष 1926 में उन्होंने 'इंडियन जर्नल ऑफ़ फिजिक्स' की स्थापना की थी।
||चंद्रशेखर वेंकट रमन (सी.वी. रमन) को [[28 फरवरी]], 1928 ई. को 'रमन प्रभाव' की खोज के लिए वर्ष 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। इनका जन्म तिरुचिरापल्ली में [[7 नवंबर]] [[1888]] ई. को हुआ। वर्ष [[1926]] में उन्होंने 'इंडियन जर्नल ऑफ़ फिजिक्स' की स्थापना की थी।


{गांधार शैली मिश्रण है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-218,प्रश्न-239
{गांधार शैली मिश्रण है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-218,प्रश्न-239
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-भारतीय-चीनी
-भारतीय-चीनी
-ग्रीको-ईरानी
-ग्रीको-ईरानी
||भारतीय और यूनानी आकृति की सम्मिश्रण शैली गांधार शैली है। इस मूर्तिकला शैली के प्रमुख संरक्षक शक एवं कुषाण थे। गांधार कला शैली कुषाणों के समय पनपी थी। गांधार कला पाकिस्तान एवं पूर्वी अफगानिस्तान के बीच विकसित हुई। भारत में यह कला कुषाण वंश के दौरान फली-फूली तथा कुषाण कला का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गई। इन कला का विषय मात्र बौद्ध होने के कारण इसे 'यूनानी बौद्ध', 'इंडो-ग्रीक', या 'ग्रीको-रोमन' भी कहा जाता है।
||भारतीय और यूनानी आकृति की सम्मिश्रण शैली गांधार शैली है। इस [[मूर्तिकला गांधार शैली|मूर्तिकला शैली]] के प्रमुख संरक्षक [[शक]] एवं [[कुषाण]] थे। गांधार कला शैली कुषाणों के समय पनपी थी। गांधार कला [[पाकिस्तान]] एवं पूर्वी [[अफगानिस्तान]] के बीच विकसित हुई। भारत में यह कला कुषाण वंश के दौरान फली-फूली तथा कुषाण कला का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गई। इन कला का विषय मात्र बौद्ध होने के कारण इसे 'यूनानी बौद्ध', 'इंडो-ग्रीक', या 'ग्रीको-रोमन' भी कहा जाता है।


{उत्तर प्रदेश में दृश्य कला गतिविधियों के लिए कौन-सी सर्वोच्च संस्था है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-170,प्रश्न-28
{[[उत्तर प्रदेश]] में दृश्य कला गतिविधियों के लिए कौन-सी सर्वोच्च संस्था है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-170,प्रश्न-28
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-संगीत नाटक अकादमी
-संगीत नाटक अकादमी
-ललित कला अकादमी
-[[ललित कला अकादमी]]
+राज्य ललित कला अकादमी
+राज्य ललित कला अकादमी
-राज्य संस्कृति केंद्र
-राज्य संस्कृति केंद्र
||राज्यललित कला अकादमी (लखनऊ), उत्तर प्रदेश में दृश्य कला गतिविधियों के लिए सर्वोच्च  संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष 1926 में की गई थी।
||राज्यललित कला अकादमी ([[लखनऊ]]), [[उत्तर प्रदेश]] में दृश्य कला गतिविधियों के लिए सर्वोच्च  संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष [[1926]] में की गई थी।


{'ढ़ाई दिन का झोपड़ा' कहां है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-74
{'ढ़ाई दिन का झोपड़ा' कहां है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-74
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+अजमेर
+[[अजमेर]]
-अहमदाबाद
-[[अहमदाबाद]]
-उदयपुर
-[[उदयपुर]]
-जोधपुर
-[[जोधपुर]]
||'ढाई दिन का झोपड़ा' राजस्थान के अजमेर में स्थित है। यह मूलत: एक मंदिर था। कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसे तोड़वाकर इसके स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण करवाया जिसे ढाई दिन का झोपड़ा गया। इसकी दीवारों पर बीसलदेव द्वारा रचित हरिकेल नाटक की कुछ पंक्तियां आज भी उत्कीर्ण हैं।
||'ढाई दिन का झोपड़ा' राजस्थान के [[अजमेर]] में स्थित है। यह मूलत: एक मंदिर था। कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसे तोड़वाकर इसके स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण करवाया जिसे ढाई दिन का झोपड़ा गया। इसकी दीवारों पर बीसलदेव द्वारा रचित हरिकेल नाटक की कुछ पंक्तियां आज भी उत्कीर्ण हैं।


{'ढोलामारू' चित्र का संबंध निम्न में से किससे है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-207,प्रश्न-166
{'ढोलामारू' चित्र का संबंध निम्न में से किससे है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-207,प्रश्न-166
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-उदयपुर
-उदयपुर
-जोधपुर
-जोधपुर
||ढोलामारू 11वीं शताब्दी में रचित एक लोक-भाषा काव्य है। मूलत: दोहों में रचित इस लोक काव्य को सत्रहवीं शताब्दी में कुशलराय वाचक ने कुछ चौपाइयां जोड़कर विस्तार दिया। इसमें नटवर के राजकुमार ढोला और राजकुमारी मारू की प्रेमकथा का वर्णन है। ढोलामारू का चित्र मेवाड़ क्षेत्र से संबंधित है जिस पर राजा और रानी को ऊंट पर सवार चित्रित किया गया है।
||ढोलामारू 11वीं शताब्दी में रचित एक लोक-भाषा काव्य है। मूलत: दोहों में रचित इस लोक काव्य को सत्रहवीं शताब्दी में कुशलराय वाचक ने कुछ चौपाइयां जोड़कर विस्तार दिया। इसमें नटवर के राजकुमार ढोला और राजकुमारी मारू की प्रेमकथा का वर्णन है। ढोलामारू का चित्र [[मेवाड़]] क्षेत्र से संबंधित है जिस पर राजा और रानी को ऊंट पर सवार चित्रित किया गया है।


{प्रसिद्ध टीवी प्रोग्राम आर्ट-अटैल आता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-236,प्रश्न-375
{प्रसिद्ध टीवी प्रोग्राम आर्ट-अटैल आता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-236,प्रश्न-375

12:14, 15 दिसम्बर 2017 का अवतरण

1 सामान्य अखबार में एक कॉलम का चौड़ाई- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-165,प्रश्न-58

1.5 सेमी.
4.5 सेमी.
5.4 सेमी.
5.6 सेमी.

2 निम्न में से मोम का प्रयोग कर किस विधि में चित्रण कार्य किया जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-55

कोलॉज चित्रण
भित्ति चित्रण
बाटिक चित्रण
फैब्रिक चित्रण

3 चित्रों में घटक रंगों का प्रयोग किसने किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-73

जामिनी राय
अमृता शेरगिल
के.के. हेब्बर
नंदलाल बोस

4 'बिंदु चित्रण-पद्धति' आरंभ करने वाले कलाकार का नाम बताएं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-46

डेंगा
रेंवार
वान गॉग
सोरा

5 चित्रकला में किसका महत्त्व अधिक है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-41

प्रकृति
रेखा
रंग
परिप्रेक्ष्य

6 राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश की 21वीं कला प्रदर्शनी में 'अकादमी पुरस्कार' प्राप्त हुआ है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-99

राम शब्द सिंह -सहारनपुर को
रोशन-गोरखपुर
एस. प्रणम सिंह-वारणसी को
अभय द्विवेदी-कानपुर को

7 'स्वर्णिम विभाजन सिद्धांत' का प्रतिपादन किन कलाकारों ने की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-65

भारतीय
यूरोपियन
अमेरिकन
यूनानी

8 मोनोक्रोम है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-47

रंगो की विभिन्न तान
एक ही रंग की विभिन्न तान
दो रंगों का मिश्रण
रंगों का गाढ़ापन

9 लियोनार्दो के गुरु थे- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-109,प्रश्न-44

वेराशियो
आंद्रे मांतेग्ना
बर्नार्डो रोजेलिनो
सांद्रो बोत्तिचेल्लो

10 'सन फ्लावर' प्रसिद्ध चित्र किसने निर्मित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-57

रूबेन्स
रेम्ब्रां
वान गॉग
रेन्वार

11 निम्नलिखित में से कौन लिथोग्राफिक पोस्टरों के लिए विख्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-77

एडवर्ड माने
जुल्स चर्ट
एडगर देगा
पियरे अ‍ॅगुस्त रेन्वार

12 'ताश के खिलाड़ी' चित्र किसने चित्रित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-124,प्रश्न-69

सेजां
पिकासो
मोने
मेंच

13 कोलॉज चित्र का माध्यम क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-168,प्रश्न-17

भूसा
गोबर
बुरादा
कागज की कतरन

14 सुमित्रानन्दन पंत क्या था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-183,प्रश्न-17

चित्रकार
मूर्तिकार
कवि
संगीतकार

15 सी.वी. रमन को नोवेल पुरस्कार किस लिए दिया गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-190,प्रश्न-48

रमन प्रभाव
रमन विज्ञान
रमन रसायन
इनमें से कोई नहीं

16 गांधार शैली मिश्रण है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-218,प्रश्न-239

भारतीय-ईरानी
ग्रेको-रोमन
भारतीय-चीनी
ग्रीको-ईरानी

17 उत्तर प्रदेश में दृश्य कला गतिविधियों के लिए कौन-सी सर्वोच्च संस्था है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-170,प्रश्न-28

संगीत नाटक अकादमी
ललित कला अकादमी
राज्य ललित कला अकादमी
राज्य संस्कृति केंद्र

18 'ढ़ाई दिन का झोपड़ा' कहां है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-74

अजमेर
अहमदाबाद
उदयपुर
जोधपुर

19 'ढोलामारू' चित्र का संबंध निम्न में से किससे है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-207,प्रश्न-166

किशनगढ़
मेवाड़
उदयपुर
जोधपुर

20 प्रसिद्ध टीवी प्रोग्राम आर्ट-अटैल आता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-236,प्रश्न-375

डिज्नी पर
हंगामा पर
पोगो पर
जेटिक्स पर

21 भीमबेटका की शिला उत्कीर्ण चित्रकारी किस अवधि की है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-19,प्रश्न-11

निओलिथिक
पैलिओलिथिक
चैलकोलिथिक
मेसोलिथिक

22 आध की गुफा में कितनी गुफाएं हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-27,प्रश्न-33

5
8
7
9