"प्रयोग:रिंकू10": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
|
|
<quiz display=simple>
<quiz display=simple>
{दो वस्तुओं के मध्य त्रियक या आड़ी मांग लोच के संबंध में भिन्न कथनों में से कौन सही है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-53
|type="()"}
-जब दो वस्तुएं पूर्ण स्थानापन्न हों तो आड़ी मांग लोच शून्य है।
-जब दो वस्तुएं एक-दूसरे से पूर्ण स्वतंत्र हैं तो मांग की आड़ी लोच अनंत है।
-जब दो वस्तुएं पूरक हैं तो मांग की आड़ी लोच धनात्मक है।
+जब दो वस्तुएं संयुक्त रूप से मांगी जाती हैं तो मांग की आड़ी लोच ऋणात्मक होती है।
||आड़ी लोच का विचार सबसे पहले थामस मूर ने दिया, किंतु राबर्ट टिफिन ने इसका प्रयोग मूल्य सिद्धांत में किया।
आड़ी लोच (मांग की)= Aवस्तु की मांग में आनुपातिक परिवर्तित/Bवस्तु की मूल्य में आनुपातिक परिवर्तन
1.यदि मांग की आड़ी लोच का मान शून्य है तो ऐसी स्थिति में वस्तुएं स्वतंत्र होंगी।
2.यदि मांग की आड़ी लोच का मान ऋणात्मक है तो दोनों वस्तुएं परस्पर पूरक अवश्य होगी।
3.यदि मांग की आड़ी लोच का मान धनात्मक है तो दोनों वस्तुएं स्थानापन्न होंगी।
4.जब दोनों वस्तुएं पूर्ण स्थानापन्न तो मांग की आड़ी लोच का मान अनंत होना।
{बाजार कीमत है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-54
|type="()"}
+अल्पकालीन संतुलन कीमत
-दीर्घकालीन संतुलन कीमत
-स्वतंत्र बाजार में औसत कीमत
-सभी बाजारों की औसत कीमत
||बाजर कीमत वह कीमत है, जो समय के एक निश्चित बिंन्दु पर बाजार में वास्तव में प्रचलित होते हैं। यह सामान्य कीमत जो कि एक संभावित कीमत है के चारों ओर घटती-बढ़ती है। बाजार कीमतों में जल्दी परिवर्तन होने की संभावना होती है। परंतु सामान्य कीमत दी गई परिस्थितियों में स्थिर रहती है।
{उद्घाटित अधिमान सिद्धांत के प्रतिपादक हैं- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-55
|type="()"}
-मार्शल
-कींस
-एलन
+सैमुएलसन
||प्रो. ऐमुएलसन का व्यक्त अधिमान दृष्टिकोण मांग के सिद्धांत के संबंध में एक युगान्तकारी घटना के रूप में स्वीकार किया जाता है, क्योंकि इसने मांग के सिद्धांत का प्रतिपादन, बिना अनधिमान वक्रों के प्रयोग तथा उपयोगिता के बिना संख्यात्मक या क्रमवाचक माप को विश्लेषण में लाए हुए प्रत्यक्ष रूप से व्यक्त अधिमान के आधार पर किया। सैमुएलसन यह प्रतिपादित करते हैं कि बाजार में उपभोक्ता अपने वास्तविक व्यवहार के ही माध्यम से यह व्यक्त कर देता है कि वह संस्थिति या अधिकतम संतुष्टि की स्थिति में वस्तुओं के विभिन्न संयोगों में से किस क्रय के संदर्भ में होगा।
{तटस्थता वक्र विश्लेषण में वस्तु X तथा Y के विभिन्न संयोगों में संबंध होता है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-56
{तटस्थता वक्र विश्लेषण में वस्तु X तथा Y के विभिन्न संयोगों में संबंध होता है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-56
|type="()"}
|type="()"}
पंक्ति 88: पंक्ति 59:




{मांग की आड़ी लोच होती है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-34,प्रश्न-125
|type="()"}
-सदैव धनात्मक
-सदैव ऋणात्मक
-स्थापानापन्न
+संयुक्त मांग वाली वस्तुओं में ऋणात्मक
||मांग की आड़ी लोच: एक वस्तु की मांग में जो परिवर्तन दूसरी के मूल्य में परिवर्तन के परिणामस्वरूप होता है उसे मांग की आड़ी लोच कहा जाता है।
मांग की आड़ी लोच= A वस्तु की मांग में % परिवर्तन/A वस्तु की मांग में % परिवर्तन
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
.स्थानापन्न वस्तुओं के संबंध में मांग की आड़ी लोच धनात्मक होती है। पूरक वस्तुओं (संयुक्त मांग) के संबंध में मांग की आड़ी लोच ऋणात्मक होती है।
.मांग की आड़ी लोच बाजार विश्लेषण में प्रयुक्त होने वाली 4 लोचों में से एक है। शेष हैं- मांग की कीमत लोच, पूर्ति की कीमत लोच और मांग की आय लोच।
{जब मांग वक्र X-अक्ष के समानांतर एक सीधी रेखा के रूप में होता है, तो यह बताता है कि मांग की लोच- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-34,प्रश्न-126
|type="()"}
-शून्य है
-इकाई से कम है
-इकाई से अधिक है
+अनंत है
||जब मांग वक्र X-अक्ष के समानांतर एक सीधी रेखा के रूप में होता है, तो मांग की लोच अनंत (पूर्णतया लोचदार मांग) होती है।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
.जब मांग वक्र Y-अक्ष के समानांतर एक सीधी रेखा हो तो पूर्णतया बेलोचदार मांग होती है।
.जब मांग उसी अनुपात में परिवर्तित होती है जिसे अनुपात में मूल्य परिवर्तन होता है तो इसे 'समलोचदार या लोचदार मांग' कहते है।
{तिरछी मांग से अभिप्राय एक वस्तु की मांग में परिवर्तन निम्न कारण के होने से होता है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-34,प्रश्न-127
|type="()"}
-दूसरी वस्तु की उपयोगिता में अंतर।
+दूसरी वस्तु की कीमत में परिवर्तन।
-दूसरी वस्तु के स्वभाव में परिवर्तन।
-दूसरी वस्तु के आकार में परिवर्तन
||'तिरछी मांग' से अभिप्राय एक वस्तु की मांग में परिवर्तन दूसरी वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने से होता है। ऐसा प्राय: स्थानापन्न और पूरक वस्तुओं के संबंध में होता है।


{एक व्यक्तिगत मांग वक्र इस मान्यता पर आधारित होता है कि निम्न तत्व को छोड़कर बाकी सब निर्धारक तत्व स्थिर रहते हैं- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-34,प्रश्न-128
{एक व्यक्तिगत मांग वक्र इस मान्यता पर आधारित होता है कि निम्न तत्व को छोड़कर बाकी सब निर्धारक तत्व स्थिर रहते हैं- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-34,प्रश्न-128
पंक्ति 162: पंक्ति 102:




{निम्नलिखित में से किस संदर्भ में पूर्ण प्रतियोगिता निश्चय ही एकाधिकार से श्रेष्ठतर होगी? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-104
|type="()"}
-प्रवैशिक कुशलता
+आवंटन कुशलता
-प्रौद्योगिकीय कुशलता
-स्थैतिक कुशलता
||पूर्ण प्रतियोगिता के अंतर्गत संसाधनों का आवंटन सबसे बेहतर ढंग से होता है, जिससे समाज में अधिकतम संतुष्टि अथवा कल्याण की प्राप्ति होती है।
आवंटन कुशलता का तात्पर्य यह है कि संसाधनों का आवंटन इस प्रकार से हो जिससे उत्पन्न उत्पादन का ढांचा (अर्थात विभिन्न वस्तुओं की मात्रा) ऐसा हो जो उपभोक्ताओं के अधिमानों के अनुकूल हो ताकि उनकों अधिकतम संतुष्टि प्राप्त हो सके।
{निम्न में से कौन एक पूर्ण प्रतियोगिता की आवश्यक शर्त नहीं है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-105
|type="()"}
-वस्तु विभेद की पूर्ण अनुपस्थिति
-उत्पत्ति के साधनों की पूर्ण गतिशीलता
-परिवहन लागतों का अभाव
+विक्रय लागतों की उपस्थिति
||पूर्ण प्रतियोगिता में विक्रय लागतों की अनुपस्थिति होती है। 'विक्रय लागतों' का विचार चैम्बरलीन ने  एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता' के लिए दिया।


{पूर्ण प्रतियोगिता की वह कौन-सी विशेषता है, जो एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता पर लागू नहीं होती? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-107
{पूर्ण प्रतियोगिता की वह कौन-सी विशेषता है, जो एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता पर लागू नहीं होती? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-107
पंक्ति 224: पंक्ति 146:




{निम्न में से कौन-सा अर्थशास्त्री ब्याज के सिद्धांत से संबंधित नहीं है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-48
|type="()"}
-ए. मार्शल
-के. विकसेल
-आई. फिशर
+एफ. लिस्ट
||फफ. लिस्ट ब्याज के सिद्धांत से संबंधित नहीं हैं जबकि ब्याज के सिद्धांत से संबंधित अर्थशास्त्री अर्थशास्त्री हैं- ए. मार्शल (ब्याज का प्रतिष्ठिक सिद्धांत), सीनियर (ब्याज का उपभोग स्थगन सिद्धांत), बॉम वावर्क (ब्याज का बट्टा सिद्धांत), इरविंग फिशर (ब्याज का समय अधिमान्यता सिद्धांत), के. विकसेल (ब्याज का ऋण योग्य राशियों का सिद्धांत), हिक्स -हेंसन (IS-LM मॉडल), ओहलिन, हेवेलर, रॉबर्डसन, बाइनर, नाइट, जे.वी. क्लार्ड आदि।
{अपने लगान सिद्धांत में रिकार्डों ने भूमि की हस्तांतरण आय को माना है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-49
|type="()"}
-बहुत अधिक
-बहुत कम
+शून्य
-इनमें से कोई नहीं
||रिकार्डो ने अपने लगान सिद्धान्त में हस्तांतरण आय को शून्य माना है। रिकार्डों के अनुसार, भूमि का केवल एक ही प्रयोग संभव है या तो भूमि पर खेती की जाए या बेकार पड़ी रहे। इसलिए उसकी हस्तांतरण अय को शून्य माना।


{सही कथन क्या है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-50
{सही कथन क्या है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-50

11:29, 12 दिसम्बर 2017 के समय का अवतरण

1 तटस्थता वक्र विश्लेषण में वस्तु X तथा Y के विभिन्न संयोगों में संबंध होता है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-56

वस्तु X बढ़ेगी तथा वस्तु Yघटेगी
वस्तु Yबढ़ेगी तथा वस्तु X घटेगी
वस्तु X बढ़ेगी तथा वस्तु Y वस्तु स्थित रहेगी
वस्तु Y बढ़ेगी तथा वस्तु X भी बढ़ेगी

2 निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-57

यदि वस्तु की मांग अधिक है तो साधन की मांग कम होगी
यदि वस्तु की मांग अधिक है तो साधन की मांग भी अधिक होगी
यदि वस्तु की मांग कम है तो साधन की मांग अधिक होगी
उपर्युक्त में से कोई नहीं

3 उस बिंदु पर उपभोक्ता साम्य में होता है, जब बजट रेखा- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-20,प्रश्न-58

एक उदासीन क्रम से ऊपर होती है
उदासीन वक्र की स्पर्श रेखा होती है
उदासीन वक्र की स्पर्श रेखा होती है
एक उदासीन वक्र को कटती है

4 MRSxy व्यक्त करता है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-21,प्रश्न-59

उपभोक्ता X की एक अतिरिक्त इकाई के लिई Y की कितनी मात्रा का त्याग करता है और उसी उदासीनता-वक्र पर रहता है।
उपभोक्त y की एक अतिरिक्त इकाई के लिए x की कितनी इकाइयों का त्याग करता है और उसी उदासीनता-वक्र पर रहता है।
उपभोक्ता x की एक इकाई के लिए y की कितनी इकाइयों का त्याग करता है और ऊंचे उदासीनता-वक्र पर चढ़ जाता है
उपभोक्ता निचले उदासीनता-वक्र पर उत्तर काता है।

5 प्रतिस्थापन प्रभाव हमेशा होगा- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-21,प्रश्न-60

ऋणात्मक
धनात्मक
ऋणात्मक या धनात्मक
आय प्रभाव के बराबर

6 एक व्यक्तिगत मांग वक्र इस मान्यता पर आधारित होता है कि निम्न तत्व को छोड़कर बाकी सब निर्धारक तत्व स्थिर रहते हैं- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-34,प्रश्न-128

उपभोक्ता की आय
संबंधित वस्तुओं की कीमत
वस्तु की कीमत
उपभोक्ता की रुचि

7 मांग वक्र प्रदर्शित है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-35,प्रश्न-129

उत्पादन लागत और वस्तु की मांग के विपरीत संबंध को।
वस्तु की कीमत और वस्तु की मांग के विपरीत संबंध को।
वस्तु की कीमत और वस्तु की मांग के प्रत्यक्ष संबंध को।
मांग की मात्रा में परिवर्तन के विपरीत संबंध को।

8 जब मांग की रेखा सदैव आधार रेखा के समानांतर रहती है, ऐसी स्थिति में मांग की लोच होगी- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-35,प्रश्न-130

शून्य
अनंत
इकाई से कम
इकाई से अधिक

9 सैम्युएल्सन के अनुसार मांग के तार्किक सिद्धांत का तीसरा सूत्र है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-35,प्रश्न-132

तटस्थ वक्र विश्लेषण
मांग की लोच
उद्घाटित अधिमान सिद्धांत
उपयोगिता विश्लेषण

10 एक वस्तु की कीमत में परिवर्तन के परिणामस्वरूप जब दोनों वस्तुओं की मांग घटती या बढ़ती है तो मांग की तिरछी लोच होगी- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-35,प्रश्न-133

ऋणात्मक
धनात्मक
शून्य
इकाई के बराबर

11 पूर्ण प्रतियोगिता की वह कौन-सी विशेषता है, जो एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता पर लागू नहीं होती? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-107

अधिक क्रेता व विक्रेता
स्वतंत्र प्रवेश व निकास
एकरूप उत्पादन
उपर्युक्त सभी

12 दीर्घकालीन साम्य की अवस्था में सभी पूर्ण प्रतियोगी फर्में केवल- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-109

सामान्य लाभ प्राप्त करती है।
हानि सहन करती हैं।
लाभ अर्जित करती हैं।
उपरोक्त सभी।

13 अपूर्ण प्रतियोगिता से यह संबंधित नहीं है- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-111

फर्मों की अधिक संख्या
समरूप पदार्थ
मांग लोचपूर्ण
कीमत पर कुछ नियंत्रण

14 एकाधिकारी- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-113

अपनी बिक्री तथा उत्पादन को बढ़ाकर वस्तु की कीमत को घटा सकता है।
अपनी बिक्री तथा उत्पादन को घटाकर कीमत को बढ़ा सकता है।
उपरोक्त दोनों।
उपरोक्त में कोई भी नहीं।

15 एकादिकारी प्रतियोगिता के अल्पकालीन साम्य की अवस्था में- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-114

फर्म को लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
फर्म को हानि सहन करनी पड़ सकती है।
फर्म को न लाभ न हाँइ की स्थिति से गुजरना पड़ सकता है।
उपरोक्त सभी।

16 सही कथन क्या है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-50

लगान में वृद्धि से भूमि की कीमत बढ़ती है।
हस्तांतरण भुगतान का अर्थ न्यूनतम पूर्ति कीमत से है।
एक विशिष्ट साधन लगान का उपार्जन नहीं करता।
सीमांत भूमि सर्वाधिक लगान का उपार्जन करती है।

17 मजदूरी के जीवन-निर्वाह सिद्धांत का प्रतिपादन किया था: (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-51

जेक्स
मार्क्स
मार्शल
सेम्युएल्सन

18 शब्द 'संभाव्य आश्चर्य' किस सिद्धांत से सम्बद्ध है? (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-52

लगान सिद्धांत
ब्याज सिद्धांत
मजदूरी सिद्धांत
लाभ सिद्धांत

19 जब किसी को क्षति पहुंचाए बिना किसी को अच्छा बनाना संभव न हो तो ऐसी स्थिति को कहते हैं- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-53

संभाविता अनुकूलतम
पैरेटो अनुकूलतम
जनसंख्या अनुकूलतम
प्रदूषण अनुकूलतम

20 वालरस का 'सामान्य संतुलन का मॉडल' था- (अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-55

एक स्थैतिक मॉडल
एक गत्यात्मक मॉडल
तुलनात्मक स्थैतिक मॉडल
उपरोक्त में से कोई नहीं नहीं