"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर
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-सौन्दर्य | -सौन्दर्य | ||
+रस | +[[रस]] | ||
-शिल्पशास्त्र | -शिल्पशास्त्र | ||
-अभिव्यक्ति | -अभिव्यक्ति | ||
||संचारी शब्द का अर्थ साथ-साथ चलना होता है। संचारी भाव, स्थायी भाव के साथ संचरित होते हैं। जो भाव केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं, वे संचारी भाव होते हैं। विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। | ||संचारी शब्द का अर्थ साथ-साथ चलना होता है। संचारी भाव, स्थायी भाव के साथ संचरित होते हैं। जो भाव केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं, वे संचारी भाव होते हैं। विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव के संयोग से [[रस]] की निष्पत्ति होती है। | ||
{'द लास्ट जजमेंट' के [[चित्रकार]] का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-16 | {'द लास्ट जजमेंट' के [[चित्रकार]] का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-16 | ||
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-लियोनार्दो द | -लियोनार्दो द विंची | ||
-बोत्तिचेल्ली | -बोत्तिचेल्ली | ||
+माइकेल एंजेलो | +माइकेल एंजेलो | ||
-रेन्वा | -रेन्वा | ||
||'द लास्ट जजमेंट' चरम पुनरुत्थानवादी चित्रकार माइकल एंजेलो द्वारा चित्रित एक भित्ति चित्र है। 'द लास्ट जजमेंट का चित्र सिस्टीन चैपेल (वेटिकन सिटी) की छत पर किया गया है। | ||'द लास्ट जजमेंट' चरम पुनरुत्थानवादी चित्रकार माइकल एंजेलो द्वारा चित्रित एक भित्ति चित्र है। 'द लास्ट जजमेंट का चित्र सिस्टीन चैपेल (वेटिकन सिटी) की छत पर चित्रित किया गया है। | ||
{आद्य-पुनर्जागरण का महान चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-53 | {आद्य-पुनर्जागरण का महान चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-53 | ||
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-बॉरदे | -बॉरदे | ||
-टिशियन | -टिशियन | ||
-लियोनार्दो द | -लियोनार्दो द विंची | ||
||सर्वप्रथम ज्योत्तो ने ही इटैलियन चित्रकला को बाइजेन्टाइन रूढ़िवादी परंपरा से मुक्त कर उसे प्रकृति की ओर उन्मुख करने का प्रयास किया था। असीसी के चर्च की भित्तियों पर सेंट फ्रांसिस के जीवन पर बनाए गए 28 चित्र ज्योत्तो | ||सर्वप्रथम ज्योत्तो ने ही इटैलियन चित्रकला को बाइजेन्टाइन रूढ़िवादी परंपरा से मुक्त कर उसे प्रकृति की ओर उन्मुख करने का प्रयास किया था। असीसी के चर्च की भित्तियों पर सेंट फ्रांसिस के जीवन पर बनाए गए 28 चित्र ज्योत्तो की उत्तम कला-कौशल के ज्वलंत दृष्टांत हैं। | ||
{कौन प्रसिद्ध महिला प्रभाववादी कलाकार है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-21 | {कौन प्रसिद्ध महिला प्रभाववादी कलाकार है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-21 | ||
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||मैरी कैसेट प्रमुख प्रभाववादी 'डेगा' की शिष्या थीं, जिसे 'डेगा' ने [[1879]] ई. की प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। इस प्रदर्शनी में मैरी कैसेट ने अपने हिस्से की राशि से 'रेंवार' व 'डेगा' का एक चित्र खरीदा। | ||मैरी कैसेट प्रमुख प्रभाववादी 'डेगा' की शिष्या थीं, जिसे 'डेगा' ने [[1879]] ई. की प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। इस प्रदर्शनी में मैरी कैसेट ने अपने हिस्से की राशि से 'रेंवार' व 'डेगा' का एक चित्र खरीदा। | ||
{[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता गुफाएं]] कब प्रकाश में | {[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता गुफाएं]] कब प्रकाश में आईं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-14 | ||
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-1818 | -1818 | ||
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-1800 | -1800 | ||
||1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट के कुछ सैनिक लोमड़ी का पीछा करते हुए [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता की गुफ़ा]] तक पहुंचे और उन्होंने अजंता की महान कलाकृतियों को सर्वप्रथम देखा। 1824 ई. में लेफ्टीनेंट जेम्स ई. अलेक्जेंडर ने [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता की गुफाओं]] को देखा और इन गुफ़ाओं का विवरण ' | ||1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट के कुछ सैनिक लोमड़ी का पीछा करते हुए [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता की गुफ़ा]] तक पहुंचे और उन्होंने अजंता की महान कलाकृतियों को सर्वप्रथम देखा। 1824 ई. में लेफ्टीनेंट जेम्स ई. अलेक्जेंडर ने [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता की गुफाओं]] को देखा और इन गुफ़ाओं का विवरण 'रॉयल सोसाइटी लंदन' को भेजा। | ||
{संसारचंद के चित्र किस शैली में बने? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-10 | {संसारचंद के चित्र किस शैली में बने हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-10 | ||
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- | -मुग़ल | ||
-राजस्थानी | -राजस्थानी | ||
+पहाड़ी | +पहाड़ी | ||
-कंपनी | -कंपनी | ||
||महाराजा संसारचंद (1775-1823 ई.) | ||महाराजा संसारचंद (1775-1823 ई.) ने पहाड़ी चित्रकला शैली को संरक्षण प्रदान किया। कांगड़ा शैली (पहाड़ी शैली) राजा संसारचंद के समय विकसित हुई। कटोच राजवंश के संसारचंद चित्र प्रेमी, साहित्य प्रेमी तथा सगीत के मर्मज्ञ थे। संसारचंद के समय कांगड़ा चित्रकला उन्नति के शिखर पर थी। कांगड़ा शैली के प्रमुख चित्रकारी केंद्र गुलेर, नूरपुर, तोंरा, सुजानपुर तथा नादौर थे। | ||
{'एगनी एंड एक्सटेसी' फ़िल्म किस [[चित्रकार]] की कहानी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-28 | {'एगनी एंड एक्सटेसी' फ़िल्म किस [[चित्रकार]] की कहानी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-28 | ||
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-विन्सेंट वान गॉग | -विन्सेंट वान गॉग | ||
-पाल सेजां | -पाल सेजां | ||
+माइकल | +माइकल एंजिलो | ||
-[[एम.एफ. हुसैन]] | -[[एम.एफ. हुसैन]] | ||
||'एगनी एंड इक्सटेसी' फ़िल्म वर्ष [[1965]] में करोल रीड ने निर्देशित की थी। यह चित्रकार माइकेल एंजिलो के जीवन पर निर्देशित की गई थी। | ||'एगनी एंड इक्सटेसी' फ़िल्म वर्ष [[1965]] में करोल रीड ने निर्देशित की थी। यह चित्रकार माइकेल एंजिलो के जीवन पर निर्देशित की गई थी। | ||
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-डेगा | -डेगा | ||
-बेकमैन | -बेकमैन | ||
||[[1879]] ई. में एडुवर्ड माने ने आकारों की स्पष्टता को कम करके विशुद्ध चमकीले रंगों का प्रयोग करते हुए एक नवीन कला | ||[[1879]] ई. में एडुवर्ड माने ने आकारों की स्पष्टता को कम करके विशुद्ध चमकीले रंगों का प्रयोग करते हुए एक नवीन कला शैली विकसित की। इस नवीन शैली के अप्रतिम उदाहरण हैं- 'जार्ज मूर का व्यक्ति चित्र' तथा 'फिलिप बर्जेर का मदिरागृह'। | ||
{'गोएर्निका' चित्र किसका है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-129,प्रश्न-34 | {'गोएर्निका' चित्र किसका है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-129,प्रश्न-34 | ||
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-आग्युस्ट माक | -आग्युस्ट माक | ||
-सेजां | -सेजां | ||
||गोएर्निका का चित्र पाब्लो पिकासो द्वारा चित्रित एक तैल चित्र है जो युद्ध की त्रासदी तथा उसके द्वारा व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाती है। यह चित्र वर्ष [[1937]] में स्पेन के गृह युद्ध के समय बनाया गया था। वर्तमान में यह मैड्रिड के रेने सोफिया संग्रहालय में सुरक्षित है। | ||गोएर्निका का चित्र पाब्लो पिकासो द्वारा चित्रित एक तैल चित्र है जो युद्ध की त्रासदी तथा उसके द्वारा व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाती है। यह चित्र वर्ष [[1937]] में [[स्पेन]] के गृह युद्ध के समय बनाया गया था। वर्तमान में यह मैड्रिड के 'रेने सोफिया संग्रहालय' में सुरक्षित है। | ||
{प्रगतिवादी समूह का कौन [[चित्रकार]] पेरिस में बस गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-44 | {प्रगतिवादी समूह का कौन [[चित्रकार]] पेरिस में बस गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-44 | ||
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+रज़ा | +रज़ा | ||
-सूजा | -सूजा | ||
||भारतीय चित्रकार तथा 'पैग' के सदस्य [[सैयद हैदर रज़ा]] फ्रांसीसी सरकार से उच्च पुरस्कार मिलने के बाद वर्ष [[1950]] में पेरिस में बस गए। [[एस.एच. रज़ा]] ने फ्रेंच चित्रकार निकोल दस्ताल के समान विस्तृत क्षेत्रों पर चित्रण, चाकू से मूल रंगों का प्रयोग करके, मोटी परतों की चौड़ी धज्जियों में दृश्य चित्र बनाएं। | ||भारतीय चित्रकार तथा 'पैग' के सदस्य [[सैयद हैदर रज़ा]] फ्रांसीसी सरकार से उच्च पुरस्कार मिलने के बाद [[वर्ष]] [[1950]] में पेरिस में बस गए। [[एस.एच. रज़ा]] ने फ्रेंच चित्रकार निकोल दस्ताल के समान विस्तृत क्षेत्रों पर चित्रण, चाकू से मूल रंगों का प्रयोग करके, मोटी परतों की चौड़ी धज्जियों में दृश्य चित्र बनाएं। | ||
{कौन-सा रंग ठंडा होता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-11 | {कौन-सा रंग ठंडा होता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-11 | ||
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+प्राकृतिक ग्लू | +प्राकृतिक ग्लू | ||
-कोई नहीं | -कोई नहीं | ||
||[[खनिज]] | ||[[खनिज]] रंग में प्राकृतिक ग्लू का बाइंडर मिला होता है। प्राकृतिक ग्लू (गोंद) का प्रयोग पेंटिंगों को आपस में जोड़ने के लिए प्रतिवर्ती रंगों को बनाने के लिए किया जाता है। | ||
</quiz> | </quiz> | ||
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07:28, 7 नवम्बर 2017 का अवतरण
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