"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर
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{'संचारी भाव' का संबंध किससे है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-155,प्रश्न-11 | {'संचारी भाव' का संबंध किससे है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-155,प्रश्न-11 | ||
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||संचारी शब्द का अर्थ साथ-साथ चलना होता है। संचारी भाव, स्थायी भाव के साथ संचरित होते हैं। जो भाव केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं, वे संचारी भाव होते हैं। विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। | ||संचारी शब्द का अर्थ साथ-साथ चलना होता है। संचारी भाव, स्थायी भाव के साथ संचरित होते हैं। जो भाव केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं, वे संचारी भाव होते हैं। विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। | ||
{'द लास्ट जजमेंट' के [[चित्रकार]] का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-16 | {'द लास्ट जजमेंट' के [[चित्रकार]] का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-16 | ||
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-1800 | -1800 | ||
||1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट के कुछ सैनिक लोमड़ी का पीछा करते हुए अजंता की गुफ़ा तक पहुंचे और उन्होंने अजंता की महान कलाकृतियों को सर्वप्रथम देखा। 1824 ई. में लेफ्टीनेंट जेम्स ई. अलेक्जेंडर ने [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता की गुफाओं]] को देखा और इन गुफ़ाओं का विवरण 'रायल सोसाइटी लंदन' को भेजा। | ||1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट के कुछ सैनिक लोमड़ी का पीछा करते हुए [[अजंता की गुफ़ाएं|अजंता की गुफ़ा]] तक पहुंचे और उन्होंने अजंता की महान कलाकृतियों को सर्वप्रथम देखा। 1824 ई. में लेफ्टीनेंट जेम्स ई. अलेक्जेंडर ने [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता की गुफाओं]] को देखा और इन गुफ़ाओं का विवरण 'रायल सोसाइटी लंदन' को भेजा। | ||
{संसारचंद के चित्र किस शैली में बने? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-10 | |||
|type="()"} | |||
-मुगल | |||
-राजस्थानी | |||
+पहाड़ी | |||
-कंपनी | |||
||महाराजा संसारचंद (1775-1823 ई.) में पहाड़ी चित्रकला शैली को संरक्षण प्रदान किया। कांगड़ा शैली (पहाड़ी शैली) राजा संसारचंद के समय विकसित हुई। कटोच राजवंश के संसारचंद चित्र में प्रेमी, साहित्य प्रेमी तथा सगीत के मर्मझ थे। संसारचंद के समय कांगड़ा चित्रकला उन्नति के शिखर पर थी। कांगड़ा शैली के प्रमुख चित्रकारी केंद्र गुलेर, नूरपुर, तोंरा, सुजानपुर तथा नादौर थे। | |||
{'एगनी एंड एक्सटेसी' फ़िल्म किस [[चित्रकार]] की कहानी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-28 | |||
|type="()"} | |||
-विन्सेंट वान गॉग | |||
-पाल सेजां | |||
+माइकल | |||
-[[एम.एफ. हुसैन]] | |||
||'एगनी एंड इक्सटेसी' फ़िल्म वर्ष [[1965]] में करोल रीड ने निर्देशित की थी। यह चित्रकार माइकेल एंजिलो के जीवन पर निर्देशित की गई थी। | |||
{'जार्ज भूर का व्यक्ति चित्र' किसकी कृति है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-31 | |||
|type="()"} | |||
-क्लॉड मोने | |||
+एडुवर्ड माने | |||
-डेगा | |||
-बेकमैन | |||
||[[1879]] ई. में एडुवर्ड माने ने आकारों की स्पष्टता को कम करके विशुद्ध चमकीले रंगों का प्रयोग करते हुए एक नवीन कला (शैली) विकसित की। इस नवीन शैली के अप्रतिम उदाहरण हैं-'जार्ज मूर का व्यक्ति चित्र' तथा 'फिलिप बर्जेर का मदिरागृह'। | |||
{'गोएर्निका' चित्र किसका है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-129,प्रश्न-34 | |||
|type="()"} | |||
-ब्राक | |||
+पिकासो | |||
-आग्युस्ट माक | |||
-सेजां | |||
||गोएर्निका का चित्र पाब्लो पिकासो द्वारा चित्रित एक तैल चित्र है जो युद्ध की त्रासदी तथा उसके द्वारा व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाती है। यह चित्र वर्ष [[1937]] में स्पेन के गृह युद्ध के समय बनाया गया था। वर्तमान में यह मैड्रिड के रेने सोफिया संग्रहालय में सुरक्षित है। | |||
{प्रगतिवादी समूह का कौन [[चित्रकार]] पेरिस में बस गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-44 | |||
|type="()"} | |||
-आरा | |||
-गायतोंडे | |||
+रज़ा | |||
-सूजा | |||
||भारतीय चित्रकार तथा 'पैग' के सदस्य [[सैयद हैदर रज़ा]] फ्रांसीसी सरकार से उच्च पुरस्कार मिलने के बाद वर्ष [[1950]] में पेरिस में बस गए। [[एस.एच. रज़ा]] ने फ्रेंच चित्रकार निकोल दस्ताल के समान विस्तृत क्षेत्रों पर चित्रण, चाकू से मूल रंगों का प्रयोग करके, मोटी परतों की चौड़ी धज्जियों में दृश्य चित्र बनाएं। | |||
{कौन-सा रंग ठंडा होता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-11 | |||
|type="()"} | |||
-पीला | |||
-लाल | |||
-काला | |||
+नीला | |||
||प्रकाशयुक्तता एवं अक्ष-पटल की उत्तेजना के विचार से कुछ वर्ण गरम और शीतल माने जाते हैं। लाल और नारंगी वर्ण उष्ण (गर्म) हैं, नीला एवं हरा वर्ण शीतल (ठंडा)। पीला एवं बैंगनी न उष्ण हैं, न शीतल। | |||
{एक पूर्ण चित्र में कितने ग्राउंड (सतह) हो सकता हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-50 | |||
|type="()"} | |||
-एक | |||
+तीन | |||
-पांच | |||
-अनगिनत | |||
||एक पूर्ण चित्र में तीन ग्राउंड (सतह) हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं- अग्रभूमि, मध्यभूमि, तथा पृष्ठभूमि परिदृश्य चित्रों में पूर्ण चित्र वास्तव में इन तीन सतहों से ही निर्मित होता है। | |||
{खनिज रंग में बाइंडर मिला होता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-51 | |||
|type="()"} | |||
-अलसी का तेल | |||
-तारपीन का तेल | |||
+प्राकृतिक ग्लू | |||
-कोई नहीं | |||
||[[खनिज]] रंफ में प्राकृतिक ग्लू का बाइंडर मिला होता है। प्राकृतिक ग्लू (गोंद) का प्रयोग पेंटिंगों को आपस में जोड़ने के लिए प्रतिवर्ती रंगों को बनाने के लिए किया जाता है। उ.प्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड नें अपने प्रारंभिक उत्तर-कुंजी में इसका उत्तर (d) माना था किंतु परिवर्तित उत्तर-कुंजी में इसका उत्तर (c) माना है। | |||
</quiz> | </quiz> | ||
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12:08, 5 नवम्बर 2017 का अवतरण
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