"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कविता भाटिया (वार्ता | योगदान) No edit summary |
कविता भाटिया (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{के.एस. कुलकर्णी की [[कला]] में पाए जाते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-93,प्रश्न-1 | {के.एस. कुलकर्णी की [[कला]] में पाए जाते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-93,प्रश्न-1 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
पंक्ति 35: | पंक्ति 27: | ||
-गाय चित्रों के लिए | -गाय चित्रों के लिए | ||
-हाथी चित्रों के लिए | -हाथी चित्रों के लिए | ||
||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई | ||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फ़िल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फिल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- सरस्वती, मदर टेरेसा, घोड़े, माधुरी, जमीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[एम.एफ. हुसैन]] | ||
{[[बूंदी चित्रकला|बूंदी]] के लद्यु चित्रों का प्रमुख विषय है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-1 | {[[बूंदी चित्रकला|बूंदी]] के लद्यु चित्रों का प्रमुख विषय है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-1 | ||
पंक्ति 53: | पंक्ति 45: | ||
||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, [[कोलकाता]] (कलकत्ता) से हुआ। | ||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, [[कोलकाता]] (कलकत्ता) से हुआ। | ||
{[[भारतवर्ष]] में सर्वप्रथम तैल चित्रण करने का श्रेय किस कलाकार को जाता है? | {[[भारत|भारतवर्ष]] में सर्वप्रथम तैल चित्रण करने का श्रेय किस कलाकार को जाता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-असित कुमार हल्दर | -असित कुमार हल्दर | ||
पंक्ति 68: | पंक्ति 60: | ||
+माइकेल एंजेलो | +माइकेल एंजेलो | ||
-रेन्वा | -रेन्वा | ||
||'द लास्ट जजमेंट' चरम पुनरुत्थानवादी चित्रकार | ||'द लास्ट जजमेंट' चरम पुनरुत्थानवादी चित्रकार माइकल एंजेलो द्वारा चित्रित एक भित्ति चित्र है। 'द लास्ट जजमेंट का चित्र सिस्टीन चैपेल (वेटिकन सिटी) की छत पर किया गया है। | ||
{आद्य-पुनर्जागरण का महान चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-53 | {आद्य-पुनर्जागरण का महान चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-53 | ||
पंक्ति 75: | पंक्ति 67: | ||
-बॉरदे | -बॉरदे | ||
-टिशियन | -टिशियन | ||
-लियोनार्दो | -लियोनार्दो द विंसी | ||
||सर्वप्रथम ज्योत्तो ने ही इटैलियन चित्रकला को बाइजेन्टाइन रूढ़िवादी परंपरा से मुक्त कर उसे प्रकृति की ओर उन्मुख करने का प्रयास किया था। असीसी के चर्च की भित्तियों पर सेंट फ्रांसिस के जीवन पर बनाए गए 28 चित्र ज्योत्तो के उत्तम कला-कौशल के ज्वलंत दृष्टांत हैं। | ||सर्वप्रथम ज्योत्तो ने ही इटैलियन चित्रकला को बाइजेन्टाइन रूढ़िवादी परंपरा से मुक्त कर उसे प्रकृति की ओर उन्मुख करने का प्रयास किया था। असीसी के चर्च की भित्तियों पर सेंट फ्रांसिस के जीवन पर बनाए गए 28 चित्र ज्योत्तो के उत्तम कला-कौशल के ज्वलंत दृष्टांत हैं। | ||
पंक्ति 93: | पंक्ति 85: | ||
-1800 | -1800 | ||
||1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट के कुछ सैनिक लोमड़ी का पीछा करते हुए अजंता की | ||1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट के कुछ सैनिक लोमड़ी का पीछा करते हुए अजंता की गुफ़ा तक पहुंचे और उन्होंने अजंता की महान कलाकृतियों को सर्वप्रथम देखा। 1824 ई. में लेफ्टीनेंट जेम्स ई. अलेक्जेंडर ने [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता की गुफाओं]] को देखा और इन गुफ़ाओं का विवरण 'रायल सोसाइटी लंदन' को भेजा। | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
11:55, 4 नवम्बर 2017 का अवतरण
|