"कहावत लोकोक्ति मुहावरे-स": अवतरणों में अंतर
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!कहावत लोकोक्ति मुहावरे | ! style="width:30%"| कहावत लोकोक्ति मुहावरे | ||
!अर्थ | ! style="width:70%"| अर्थ | ||
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| | | 1- सींग गिरेला जानवर और मनई कोड़, यह नीके ना होयगें करलो जतन करोड़। | ||
1- सींग गिरेला जानवर और मनई कोड़, | | अर्थ - गिरे हुए सींग के जानवर तथा आलसी मनुष्य कभी भी अच्छे नहीं होते। दोनों हमेशा बीमारी का घर रहते हैं। | ||
यह नीके ना होयगें करलो जतन करोड़। | |||
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अर्थ - गिरे हुए सींग के जानवर तथा आलसी मनुष्य कभी भी अच्छे नहीं होते। दोनों हमेशा बीमारी का घर रहते हैं। | |||
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|2- सोने की चिडिया हाथ से निकल जाना। | |2- सोने की चिडिया हाथ से निकल जाना। | ||
| | | अर्थ - लाभदायक वस्तु का खो जाना। | ||
अर्थ - लाभदायक वस्तु का खो जाना। | |||
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|3- सौ की जोत पचासै जोतै, ऊँच के बाँधै | |3- सौ की जोत पचासै जोतै, ऊँच के बाँधै बारी। जो पचास का सौ न तुलै, दव घाघ को गारी।। सर्व तपै जो रोहिनी, सर्व तपै जो मूर। परिवा तपै जो जेठ की, उपजै सातो तूर।। | ||
जो पचास का सौ न तुलै, दव घाघ को | | अर्थ - यदि रोहिणी में तपे और मूल भी पूरा तपे और जेठ की प्रतिपदा भी तपे तो सातों तरह के अन्न पैदा होते हैं। | ||
सर्व तपै जो रोहिनी, सर्व तपै जो मूर। | |||
परिवा तपै जो जेठ की, उपजै सातो तूर।। | |||
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अर्थ - यदि रोहिणी में तपे और मूल भी पूरा तपे और जेठ की प्रतिपदा भी तपे तो सातों तरह के अन्न पैदा होते हैं। | |||
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|4- सोम सुक्र सुरगुरु दिवस, पौष अमावस होय। | |4- सोम सुक्र सुरगुरु दिवस, पौष अमावस होय। घर घर बजे बधावनो, दुखी न दीखै कोय।। | ||
घर घर बजे बधावनो, दुखी न दीखै कोय।। | |अर्थ - पूस की अमावस्या को सोमवार, शुक्रवार या बृहस्पतिवार पड़े तो घर घर बधाई बजेगी,कोई दुखी न दिखाई पड़ेगा। | ||
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अर्थ - पूस की अमावस्या को सोमवार, शुक्रवार या बृहस्पतिवार पड़े तो घर घर बधाई बजेगी,कोई दुखी न दिखाई पड़ेगा। | |||
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|5- सावन पहिले पाख में, दसमी रोहिनी होय। | |5- सावन पहिले पाख में, दसमी रोहिनी होय। महंग नाज अरु स्वल्प जल, विरला विलसै कोय।। | ||
महंग नाज अरु स्वल्प जल, विरला विलसै कोय।। | |अर्थ - अगर सावन कृष्ण पक्ष में दशमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र हो तो समझ लेना चाहिए कि अनाज महंगा होगा और वर्षा कम होगी, कम लोग ही सुखी रहेगें। | ||
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अर्थ - अगर सावन कृष्ण पक्ष में दशमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र हो तो समझ लेना चाहिए कि अनाज महंगा होगा और वर्षा कम होगी, कम लोग ही सुखी रहेगें। | |||
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|6- सावन सुक्ला सप्तमी, जो गरजै अधिरात। | |6- सावन सुक्ला सप्तमी, जो गरजै अधिरात। बरसै तो झुरा परै, नाहीं समौ सुकाल।। | ||
बरसै तो झुरा परै, नाहीं समौ सुकाल।। | |अर्थ - अगर सावन माह की सप्तमी को आधी रात के समय बादल गरजें और पानी बरसें तो झुरा पड़ेगा; न बरसे तो समय अच्छा बीतेगा। | ||
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अर्थ - अगर सावन माह की सप्तमी को आधी रात के समय बादल गरजें और पानी बरसें तो झुरा पड़ेगा; न बरसे तो समय अच्छा बीतेगा। | |||
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|7- साझे की हाँड़ी चौराहे फूटी। | |7- साझे की हाँड़ी चौराहे फूटी। | ||
| | |अर्थ - ज़िम्मेदारी एक ही व्यक्ति की होनी चाहिए नहीं तो काम ख़राब हो जाता है। | ||
अर्थ - ज़िम्मेदारी एक ही व्यक्ति की होनी चाहिए नहीं तो काम ख़राब हो जाता है। | |||
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|8- संसार से उठना / विदा होना। | |8- संसार से उठना / विदा होना। | ||
| | |अर्थ - मर जाना। | ||
अर्थ - मर जाना। | |||
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|9- सफ़ेद झूठ। | |9- सफ़ेद झूठ। | ||
| | |अर्थ - बिलकुल झूठ। | ||
अर्थ - बिलकुल झूठ। | |||
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|10- सब्ज़बाग़ दिखाना। | |10- सब्ज़बाग़ दिखाना। | ||
| | |अर्थ - अच्छी बातें कह कर बहकाना। | ||
अर्थ - अच्छी बातें कह कर बहकाना। | |||
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|11- साँचे में ढला होना। | |11- साँचे में ढला होना। | ||
| | |अर्थ - रूपवान होना। | ||
अर्थ - रूपवान होना। | |||
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|12- साँप को दूध पिलाना। | |12- साँप को दूध पिलाना। | ||
| | |अर्थ - बुरे के साथ नेकी करना। | ||
अर्थ - बुरे के साथ नेकी करना। | |||
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|13- साँप छछूंदर की गति होना। | |13- साँप छछूंदर की गति होना। | ||
| | |अर्थ - असमंजस की दशा होना। | ||
अर्थ - असमंजस की दशा होना। | |||
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|14- साँप सूँघ जाना। | |14- साँप सूँघ जाना। | ||
| | |अर्थ - गुपचुप हो जाना। | ||
अर्थ - गुपचुप हो जाना। | |||
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|15- सात घाट का पानी पीना। | |15- सात घाट का पानी पीना। | ||
| | |अर्थ - व्यापक अनुभव होना। | ||
अर्थ - व्यापक अनुभव होना। | |||
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|16- घाट –घाट का पानी पीना। | |16- घाट –घाट का पानी पीना। | ||
| | |अर्थ - व्यापक अनुभव होना। | ||
अर्थ - व्यापक अनुभव होना। | |||
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|17- सिंदूर चढ़ना। | |17- सिंदूर चढ़ना। | ||
| | |अर्थ - लड़की का विवाह होना। | ||
अर्थ - लड़की का विवाह होना। | |||
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|18- सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाना। | |18- सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाना। | ||
| | |अर्थ - होश उड़ जाना। | ||
अर्थ - होश उड़ जाना। | |||
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|19- सिर उठाना। | |19- सिर उठाना। | ||
| | |अर्थ - विरोध करना। | ||
अर्थ - विरोध करना। | |||
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|20- सिर गंजा करना। | |20- सिर गंजा करना। | ||
| | |अर्थ - बुरी तरह पीटना। | ||
अर्थ - बुरी तरह पीटना। | |||
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|21- सिर पर कफ़न बाँधना। | |21- सिर पर कफ़न बाँधना। | ||
| | |अर्थ - बलिदान देने के लिए तैयार होना। | ||
अर्थ - बलिदान देने के लिए तैयार होना। | |||
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|22- सिर पर ख़ून सवार होना। | |22- सिर पर ख़ून सवार होना। | ||
| | |अर्थ - मरने -मारने पर उतारू होना। | ||
अर्थ - मरने -मारने पर उतारू होना। | |||
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|23- सिर पर पाँव रखकर भागना। | |23- सिर पर पाँव रखकर भागना। | ||
| | |अर्थ - तुरंत भाग जाना। | ||
अर्थ - तुरंत भाग जाना। | |||
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|24- सिर पर भूत सवार होना। | |24- सिर पर भूत सवार होना। | ||
| | |अर्थ - धुन लग जाना। | ||
अर्थ - धुन लग जाना। | |||
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|25- सिर पर सवार रहना। | |25- सिर पर सवार रहना। | ||
| | |अर्थ - पीछे पड़ना। | ||
अर्थ - पीछे पड़ना। | |||
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|26- सिर मुंड़ाते ओले पड़ना। | |26- सिर मुंड़ाते ओले पड़ना। | ||
| | |अर्थ - काम शुरू होते ही बाधा आना। | ||
अर्थ - काम शुरू होते ही बाधा आना। | |||
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|27- सींग कटाकर बछड़ों में मिलना। | |27- सींग कटाकर बछड़ों में मिलना। | ||
| | |अर्थ - बूढ़े होकर भी बच्चों जैसा काम करना। | ||
अर्थ - बूढ़े होकर भी बच्चों जैसा काम करना। | |||
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|28- सुबह–शाम कटना। | |28- सुबह–शाम कटना। | ||
| | |अर्थ - टालमटोल करना। | ||
अर्थ - टालमटोल करना। | |||
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|29- सुई की नोंक के बराबर। | |29- सुई की नोंक के बराबर। | ||
| | |अर्थ - ज़रा सा। | ||
अर्थ - ज़रा सा। | |||
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|30- सूख कर काँटा होना। | |30- सूख कर काँटा होना। | ||
| | |अर्थ - बहुत दुर्बल होना। | ||
अर्थ - बहुत दुर्बल होना। | |||
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|31- सूखी धान पर पानी पड़ना। | |31- सूखी धान पर पानी पड़ना। | ||
| | |अर्थ - दशा सुधरना। | ||
अर्थ - दशा सुधरना। | |||
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|32- सूरज को दीपक दिखाना। | |32- सूरज को दीपक दिखाना। | ||
| | |अर्थ - प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना। | ||
अर्थ - प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना। | |||
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|33- सेमल का फूल होना। | |33- सेमल का फूल होना। | ||
| | |अर्थ - दिखावटी रूप से, धोखा होना। | ||
अर्थ - दिखावटी रूप से, धोखा होना। | |||
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07:37, 4 मार्च 2017 का अवतरण
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1- सींग गिरेला जानवर और मनई कोड़, यह नीके ना होयगें करलो जतन करोड़। | अर्थ - गिरे हुए सींग के जानवर तथा आलसी मनुष्य कभी भी अच्छे नहीं होते। दोनों हमेशा बीमारी का घर रहते हैं। |
2- सोने की चिडिया हाथ से निकल जाना। | अर्थ - लाभदायक वस्तु का खो जाना। |
3- सौ की जोत पचासै जोतै, ऊँच के बाँधै बारी। जो पचास का सौ न तुलै, दव घाघ को गारी।। सर्व तपै जो रोहिनी, सर्व तपै जो मूर। परिवा तपै जो जेठ की, उपजै सातो तूर।। | अर्थ - यदि रोहिणी में तपे और मूल भी पूरा तपे और जेठ की प्रतिपदा भी तपे तो सातों तरह के अन्न पैदा होते हैं। |
4- सोम सुक्र सुरगुरु दिवस, पौष अमावस होय। घर घर बजे बधावनो, दुखी न दीखै कोय।। | अर्थ - पूस की अमावस्या को सोमवार, शुक्रवार या बृहस्पतिवार पड़े तो घर घर बधाई बजेगी,कोई दुखी न दिखाई पड़ेगा। |
5- सावन पहिले पाख में, दसमी रोहिनी होय। महंग नाज अरु स्वल्प जल, विरला विलसै कोय।। | अर्थ - अगर सावन कृष्ण पक्ष में दशमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र हो तो समझ लेना चाहिए कि अनाज महंगा होगा और वर्षा कम होगी, कम लोग ही सुखी रहेगें। |
6- सावन सुक्ला सप्तमी, जो गरजै अधिरात। बरसै तो झुरा परै, नाहीं समौ सुकाल।। | अर्थ - अगर सावन माह की सप्तमी को आधी रात के समय बादल गरजें और पानी बरसें तो झुरा पड़ेगा; न बरसे तो समय अच्छा बीतेगा। |
7- साझे की हाँड़ी चौराहे फूटी। | अर्थ - ज़िम्मेदारी एक ही व्यक्ति की होनी चाहिए नहीं तो काम ख़राब हो जाता है। |
8- संसार से उठना / विदा होना। | अर्थ - मर जाना। |
9- सफ़ेद झूठ। | अर्थ - बिलकुल झूठ। |
10- सब्ज़बाग़ दिखाना। | अर्थ - अच्छी बातें कह कर बहकाना। |
11- साँचे में ढला होना। | अर्थ - रूपवान होना। |
12- साँप को दूध पिलाना। | अर्थ - बुरे के साथ नेकी करना। |
13- साँप छछूंदर की गति होना। | अर्थ - असमंजस की दशा होना। |
14- साँप सूँघ जाना। | अर्थ - गुपचुप हो जाना। |
15- सात घाट का पानी पीना। | अर्थ - व्यापक अनुभव होना। |
16- घाट –घाट का पानी पीना। | अर्थ - व्यापक अनुभव होना। |
17- सिंदूर चढ़ना। | अर्थ - लड़की का विवाह होना। |
18- सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाना। | अर्थ - होश उड़ जाना। |
19- सिर उठाना। | अर्थ - विरोध करना। |
20- सिर गंजा करना। | अर्थ - बुरी तरह पीटना। |
21- सिर पर कफ़न बाँधना। | अर्थ - बलिदान देने के लिए तैयार होना। |
22- सिर पर ख़ून सवार होना। | अर्थ - मरने -मारने पर उतारू होना। |
23- सिर पर पाँव रखकर भागना। | अर्थ - तुरंत भाग जाना। |
24- सिर पर भूत सवार होना। | अर्थ - धुन लग जाना। |
25- सिर पर सवार रहना। | अर्थ - पीछे पड़ना। |
26- सिर मुंड़ाते ओले पड़ना। | अर्थ - काम शुरू होते ही बाधा आना। |
27- सींग कटाकर बछड़ों में मिलना। | अर्थ - बूढ़े होकर भी बच्चों जैसा काम करना। |
28- सुबह–शाम कटना। | अर्थ - टालमटोल करना। |
29- सुई की नोंक के बराबर। | अर्थ - ज़रा सा। |
30- सूख कर काँटा होना। | अर्थ - बहुत दुर्बल होना। |
31- सूखी धान पर पानी पड़ना। | अर्थ - दशा सुधरना। |
32- सूरज को दीपक दिखाना। | अर्थ - प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना। |
33- सेमल का फूल होना। | अर्थ - दिखावटी रूप से, धोखा होना। |