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| <quiz display=simple>
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| {[[विटामिन डी|विटामिन 'D']] किसमें पाया जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-31
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| |type="()"}
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| -[[माखन|मक्खन]]
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| -[[यकृत]]
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| -[[अंडा]]
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| +उपर्युक्त सभी में
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| ||[[विटामिन डी|विटामिन 'D']] का स्त्रोत [[सूर्य]] की किरणें हैं। वास्तव में सूर्य की किरणों के द्वारा विटामिन 'D' का निर्माण हमारी त्वचा (Skin) की कोशिकाओं द्वारा किया जाता है जो कि यहां से निर्मित होकर [[रुधिर]] में मिल जाता है। इसके अलावा, [[माखन|मक्खन]], [[यकृत]], [[अंडा|अंडों]] की जर्दी, [[वृक्क]] इत्यादि से भी विटामिन D प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है। विटामिन D की कमी से बच्चों में रिकेट्स तथा वयस्कों में ऑस्टियोमैलेसिया नामक बीमारी हो जाती है।
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| {चुक्कर (chukkas) और मलेट (mallet) शब्द का प्रयोग किस खेल में होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-116
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| |type="()"}
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| -[[हॉकी]]
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| -घुड़दौड़
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| +पोलो
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| -[[गोल्फ]]
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| ||चुक्कर और मलेट शब्दों का प्रयोग पोलो (POLO) खेल में किया जाता है। 'चुक्कर' इस खेल की अवधि के खंडों को प्रदर्शित करता है जबकि मलेट (Mallet) पोलो स्टिक को कहते हैं।
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| {एक वयस्क में [[रक्त]] की औसत मात्रा क्या होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-121
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| |type="()"}
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| +5 लीटर के लगभग
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| -8 लीटर के लगभग
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| -7 लीटर के लगभग
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| -3 लीटर के लगभग
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| ||एक वयस्क [[मानव शरीर|मानव]] में एक माइक्रोलीटर [[रक्त]] में लगभग 4 मिलियन से 6 मिलियन [[लाल रक्त कोशिका|लाल रक्त कोशिकाएं]], 5000 से 11,000 [[श्वेत रक्त कोशिका|सफ़ेद रक्त कोशिकाएं]] तथा 1,50,000 से 5,00,000 तक प्लेटलेट्स होती हैं। रक्त का कुल आयतन लगभग 5 लीटर होता हैं।
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| {स्क्वैश खेल सर्वप्रथम किस देश में खेला गया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-36
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| |type="()"}
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| -कनाडा
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| -[[अमेरिका]]
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| +[[इंग्लैंड]]
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| -मेक्सिको
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| ||स्क्वैश खेल सर्वप्रथम इंग्लैंड में खेला गया। इस खेल की सर्वोच्च संस्था 'वर्ल्ड स्क्वैश फ़ेडरेशन' है।
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| {श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल कहाँ स्थित है?(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-91
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| |type="()"}
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| -[[नागपुर]]
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| +[[अमरावती]]
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| -[[पटियाला]]
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| -[[मद्रास]]
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| ||श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल [[महाराष्ट्र]] के [[अमरावती]] शहर में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष [[1914]] में की गई थी। यह बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट [[1950]] एवं सोसायटी पंजीकरण अधिनियम [[1860]] के तहत पंजीकृत है। इसकी स्थापना वैद्य भाइयों- अनंत कृष्ण वैद्य एवं अंबादास कृष्ण वैद्य ने की थी।
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| {[[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] (Award) कब स्थापित किया गया। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-11
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| |type="()"}
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| -[[1986]]
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| -[[1984]]
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| +[[1985]]
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| -[[1983]]
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| ||[[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] (Award) वर्ष [[1985]] में स्थापित किया गया। यह पुरस्कार विभिन्न खेलों से सम्बंधित कोच को उनके उत्कृष्ट कार्य के सम्मान स्वरूप प्रदान किया जाता है। 7 लाख रु. की धनराशि तथा द्रोणाचार्य की प्रतीक मूर्ति पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है।
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| {"योगाकार्माशु कौशलम" परिभाषा किसने दी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-208 प्रश्न-59
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| |type="()"}
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| +[[गीता|भगवद्गीता]]
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| -[[महाभारत]]
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| -[[रामायण]]
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| -योगसूत्र
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| ||बुद्धियुक्तो जहातीह उभे सुकृतदुष्कृते। तस्माद्योगाय युज्यस्व योग: कर्मसु कौशलम॥ ([[गीता]] में 'योग' कर्मसु कौशलम की परिभाषा 50 वें श्लोक में की गई है। इसका अर्थ है- समबुद्धियुक्त पुरुष पुण्य और पाप दोनों को इस लोक में ही त्याग देता है अर्थात उनसे मुक्त हो जाता है, इससे (तू) समत्त्वरूप योग में लग जा, समत्त्वरूप योग ही कर्मों में कुशलता है अर्थात कर्मबंधन से छूटने का उपाय है।)
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| {'लैट' शब्द प्रयोग होता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-13
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| |type="()"}
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| -वॉलीबॉल
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| +[[टेबल टेनिस]]
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| -कोर्फबॉल
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| -सॉफ्टबॉल
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| ||[[टेबल टेनिस]] के खेल में लूप, वॉली, ऐस, फ्लैट, किल शॉट, लोडेड, फोरहैंड, वेस्टर्न ग्रिप या शेक हैंड ग्रिप, पेन होल्ड ग्रिप, लैट, चाप, स्पिन, टेबल, ड्यूस, रैली, सर्वर, सर्विस, फ्री हैंड आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
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| {एक प्रभावशाली निर्णय करने का लक्षण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-229 प्रश्न-121
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| |type="()"}
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| -निष्पक्षता
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| +नियमों का ज्ञान
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| -विश्वास
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| -अच्छा व्यक्तित्व
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| ||एक प्रभावशाली निर्णय करने के लिए नियमों का पूर्व ज्ञान होना आवश्यक है क्योंकि इससे किसी पक्ष विशेष या कार्य विशेष के अनुचित लाभ या हानि की संभावना खत्म हो जाती है तथा संबंधित गतिविधियों पारदर्शी होती हैं।
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| {कालक्रम के अनुसार उम्र का आशय क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-23
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| |type="()"}
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| +वर्ष, महीना तथा दिन में उम्र की अभिव्यक्ति
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| -हड्डियों तथा दांतों दोनों द्वारा निर्धारित
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| -पोनारंभ के संकेतों द्वारा निर्धारित
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| -बुद्धि के परीक्षण द्वारा निर्धारित
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| {हीमोफीलिया में- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-32
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| |type="()"}
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| -हीमोलिसिस होता है।
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| +रक्त का थक्का नहीं जमता।
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| -लाल रुधिराणु परस्पर चिपक जाते हैं।
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| -श्वेत रुधिराणु कोशाभक्षी हो जाते हैं।
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| ||हीमोफीलिया एक ऐसा विकार है जिसमें सामान्य ढंग से रक्त का थक्का नहीं जम पाता है। इसके लक्षणों में कई बड़ी या गहरी खरोंचे, जोड़ों का दर्द व सूजन, अनपेक्षित रक्तस्त्राव एवं मूत्र या मल में रक्त का शामिल होना होता है। इसका सर्वाधिक प्रभाव 0 से 40 वर्ष की आयु के व्यक्तियों पर अधिक होता है।
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| {'लोना' शब्द का प्रयोग किस खेल में होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-117
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| |type="()"}
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| -[[खो-खो]]
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| -[[कुश्ती]]
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| +[[कबड्डी]]
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||'लोना' [[कबड्डी |कबड्डी खेल]] से संबंधित है, इसके लिए दो अंक मिलते हैं।
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| {[[कंकाल|मानव अस्थि-पंजर]] के घुटने, हाथ और पांव में पाई जाने वाली अस्थियां कहलाती हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-122
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| |type="()"}
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| -छोटी अस्थियां
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| +कंडरास्थियां
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| -असमाकृति अस्थियां
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| -चिपटी अस्थियां
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| ||[[मांसपेशी]] की कंडरा (Tendon) में पाई जाने वाली अस्थियों को कंडरास्थियां (Sesamonoid bone) कहते हैं। ये अस्थियां घुटने, हाथ एवं पैर में भी पाई जाती हैं।
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| {वह बीमारी कौन-सी है, जिसे मानसिक बीमारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है?(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-183
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| |type="()"}
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| -[[मधुमेह]]
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| +[[दमा]]
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| -[[तपेदिक|टी.बी.]]
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| -[[चेचक]]
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| ||[[अस्थमा]] या [[दमा]] एक एलर्जी जनित रोग है जिसमें श्वसन नलिकाओं का बार-बार प्रवेगी संकुचन होता है तथा रोगी को नि:श्वसनी कष्टश्वास होता रहता है। 'एलर्जी' एक प्रकार का संवेदनशीलता का गुण है जिसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति के शरीर के जीवित कोशिका अथवा ऊतक एलर्जिक वस्तु या परिस्थिति के उपस्थित होने पर अधिक सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया करने लगते हैं। इनमें मनोवैज्ञानिक तनाव कारक भी हो सकते हैं जो [[तंत्रिका तंत्र]] के मध्यम से उत्प्रेरण कर सकते हैं। इन्हीं कारणों से अस्थमा को साइको-सोमैटिक या मनोदैहिक रोग की श्रेणी में रखा गया है।
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| {[[1920]] में, वाई.एम.सी.ए. की शुरुआत किसने की- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-93
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| |type="()"}
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| -अजमेर सिंह
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| -जी. डी. सोंधी
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| -पी. एम. जोसेफ
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| +एच. सी. बक
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| ||वाई.एम.सी.ए. (Y.M.C.A) [[एशिया]] में शारीरिक शिक्षा के लिए [[चेन्नई]] में स्थापित पहला शिक्षण संस्थान है। [[भारत]] में इसकी स्थापना वर्ष [[1920]] में [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] के हैरी क्रो बक (H. C. Buck) द्वारा की गई थी।
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| {प्रथम आधुनिक [[ओलंपिक खेल]] कब शुरू हुए थे? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-12
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| |type="()"}
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| -[[1900]]
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| +[[1896]]
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| -[[1904]]
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| -[[1908]]
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| ||[[ओलंपिक खेल]] अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चार वर्षों पर आयोजित होने वाली बहुखेल प्रतियोगिता है। आधुनिक ओलंपिक खेल एथेंस में वर्ष [[1896]] में आरंभ किए गए। वर्ष [[2008]] के ओलंपिक खेलों का आयोजन [[चीन]] के बीजिंग तथा वर्ष [[2012]] के ओलंपिक खेल [[ब्रिटेन]] के [[लंदन]] में आयोजित किए गए जबकि वर्ष [[2016]] के ओलंपिक खेलों का आयोजन रियो डि जेनेरियो, [[ब्राजील]] में आयोजित किए गए।
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| {किस प्रकार का भोजन योगा करने वालों के लिए सर्वोत्तम होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-208 प्रश्न-60
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| |type="()"}
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| -तामसिक
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| -राजसिक
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| +सात्विक
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||सात्विक भोजन योगा करने वालों के लिए सर्वोतम है। योगा ही नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए सात्विक भोजन सर्वोतम है। सात्विक भोजन के पश्चात मन शांत व निर्मल रहता है।
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| {ओलंपिक खेलों को एकमात्र उद्देश्य के साथ पुनर्जीवित किया गया- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-14
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| |type="()"}
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| -जनता के बीच खेल-कूद को बढ़ावा देना
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| +राष्ट्रों के बीच सौहार्द, समझ एवं भाईचारे को बढ़ाना एवं निर्माण
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| -प्राचीन खेलों को नया रूप देने के लिए
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| -बच्चों एवं युवाओं को अधिक कुशल बनाने के लिए
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| ||ओलंपिक के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं- 1.विश्व के सभी देशों का शारीरिक शिक्षा तथा खेल प्रतियोगिताओं की ओर ध्यान दिलाना। 2.युवाओं के व्यक्तिगत, चरित्र, नागरिकता के गुणों एवं स्वास्थ्य का विकास करना। 3.खिलाड़ियों में अच्छी आदतों का निर्माण करना, ताकि वे खुशहाल तथा स्वस्थ जीवन बिता सकें। 4.खिलाड़ियों में देशभक्ति व भाईचारे की भावना का विकास करना। 5.अंतर्राष्ट्रीय मैत्री भावना व शांति का विकास करना 6.[[जाति]], [[धर्म]] एवं नस्ल के आधार पर कोई भेदभाव न होने देना।
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| {फार्टलेक प्रशिक्षण बढ़ाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-122
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| |type="()"}
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| -ताकत
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| +सहनशीलता
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| -लचीलापन
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| -फुर्तीलापन
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| ||फॉर्टलेक प्रशिक्षण विधि का प्रयोग सहनक्षमता विकसित करने के लिए किया जाता है। इस विधि को गोस्टाहोमर ने [[1937]] ई. में विकसित किया था। 'फार्टलेक' स्वीडिश भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है 'गतिज या गति खेल।' यह एक ऐसा प्रशिक्षण तरीक़ा है जो निरंतर प्रशिक्षण को अंतराल प्रशिक्षण के साथ मिश्रित करता है।
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| {निम्न में से किसका संदर्भ ऐस्थेनिक बॉडी टाइप से है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-24
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| |type="()"}
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| -छोटा, मोटा
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| -मांसपेशी
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| +पतला, छिछली छाती वाला
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| -असामान्य शरीर
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| ||एस्थेनिक (Asthenic type) बॉडी में कद लंबा परंतु शरीर दुबला-पतला होता है। इनमें [[क्षय रोग]] विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
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| {यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स के अनुसार----------किस्म के व्यक्ति आमतौर पर कमज़ोर, आलसी, अक्रिय, सुस्त और निस्तेज होते हैं तथा अपना काम काफी धीमी गति से करते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-184
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| |type="()"}
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| +निरुत्साहित
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| -प्रसन्नचित्त
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| -गुस्सैल
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| -विषादग्रस्त
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| ||हिप्पोक्रेट्स ने विचारों व व्यवहारों पर आधारित गुणों को व्यक्तित्व के वर्गीकरण का आधार बनाया। उन्होंने व्यक्तियों को चार समुदाय यथा निरुत्साह (Phlematic), प्रसन्नचित (Sanguine), गुस्सैल (Choleric) एवं विषादग्रस्त (Melancholic) में विभाजित किया है। निरुत्साह किस्म के व्यक्ति साधारण: कमज़ोर, आलसी, अक्रिय-सुस्त व निस्तेज होते हैं तथा अपना काम धीमी गति से करते हैं।
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| {'इंदिरा गांधी शारीरिक शिक्षा व खेल विज्ञान संस्थान' स्थित है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-94
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| |type="()"}
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| -[[मुंबई]]
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| +[[नई दिल्ली]]
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| -[[चेन्नई]]
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| -[[कोलकाता]]
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| ||इंदिरा गांधी शारीरिक शिक्षा व खेल विज्ञान संस्थान [[नई दिल्ली]] में स्थित है। दिल्ली प्रशासन द्वारा इसकी स्थापना [[3 अगस्त]], [[1987]] को की गई थी।
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| {[[ओलंपिक खेल]] हर बार कितने समय बाद होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-13
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| |type="()"}
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| -तीसरे वर्ष
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| -पांचवें वर्ष
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| +चौथे वर्ष
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| -दूसरे वर्ष
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| {निम्न में से कौन सुधि क्रिया नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-61
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| |type="()"}
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| -नेती
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| -कपालभाति
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| -धौती
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| +कुंभक
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| ||कुंभक सुधि क्रिया नहीं है। 6 प्रमुख सुधि क्रियाएं हैं- नेती, धौती, नौली, बस्ती, तारक, कपालभाति। कुंभक अर्थात श्वास को सप्रयास रोके रहना दो प्रकार से संभव है- 1.बहिर्कुंभक- अर्थात श्वास को बाहर निकालकर बाहर ही रोके रखना। 2. अंत:कुंभक-अर्थात श्वास को अंदर खींचकर अंदर ही रोके रखना।
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| {[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] के झंडे पर पांच अलग-अलग रंग के आपस में मिले हुए छल्ले क्या दर्शाते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-15
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| |type="()"}
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| +दुनिया की एकता
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| -मानवजाति में भाईचारा
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| -अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
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| -आदमी की खेल भावना
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| ||ओलंपिक ध्वज वर्ष [[1914]] में बैरेन डी कुबर्टिन द्वारा बनाए गए मॉडल पर आधारित है। इसे प्रथम बार वर्ष [[1920]] के एंटवर्प (बेल्जियम) ओलंपिक में फहराया गया था। यह [[सफेद रंग|सफ़ेद]] रेशम का बना होता है। ध्वज के बीच में एक दूसरे से जुड़े विभिन्न रंगों के पांच छल्ले होते हैं जो दुनिया की एकता दर्शाते हैं।
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| {दीवार को धकेलना किसका उदाहरण है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-123
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| |type="()"}
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| +आइसोमेट्रिक व्यायाम
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| -आइसोटोनिक व्यायाम
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| -आइसोकाईनेटिक व्यायाम
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| -ईसैंट्रिक व्यायाम
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| ||आइसोमेट्रिक सकुंचन में पेशी में तो संकुचन होता है लेकिन पेशी की लंबाई में कोई परिवर्तन नहीं होता। यह स्थिर संकुचन भी कहा जाता है क्योंकि इसमें संधि का कोण नहीं बदलता। उदाहरण के लिए दीवार के विरुद्ध वहां के लंबाई में अथवा धकेलने में भार को लटकाए अथवा उठाए रहना अथवा प्रतिरोध को समाप्त किए बिना किसी भारी वज़न को उठाए रहना।
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| {वह दर्शनशास्त्री कौन हैं, जिन्हें आदर्शवाद का जन्मदाता कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-25
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| |type="()"}
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| -[[अरस्तू]]
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| -रूसो
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| +[[प्लेटो]]
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| -डार्विन
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| ||[[प्लेटो]] एक यूनानी दार्शनिक थे, जिन्हें आदर्शवाद का जन्मदाता कहा जाता है। ये [[सुकरात]] के शिष्य तथा [[अरस्तू]] के गुरु थे। रिपब्लिक, द लॉज (The Laws), द स्टेट्समैन आदि इनकी प्रमुख पुस्तकें है।
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| {8वें दक्षेस खेल समारोह में सर्वाधिक पदक जीतने वाला देश कौन-सा है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-33
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| |type="()"}
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| -[[नेपाल]]
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| +[[भारत]]
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| -[[पाकिस्तान]]
| |
| -[[पेशावर]]
| |
| ||8वें दक्षिण एशियाई खेलों (दक्षेस या सैफ खेल) का आयोजन वर्ष [[1999]] में [[काठमांडू]], [[नेपाल]] में किया गया था। इसमें सार्क देशों के कुल 1069 [[एथलेटिक्स|एथलीटों]] ने बारह खेलों में भाग लिया था। पदक तालिका में [[भारत]] कुल 197 पदकों (102 स्वर्ण, 58 रजत एवं 37 कांस्य) के साथ प्रथम स्थान पर था।
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| {[[इंसुलिन]] का स्त्राव किसके द्वारा किया होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-113
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| |type="()"}
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| -[[यकृत]]
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| -पीयूष
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| +[[अग्न्याशय]]
| |
| -अवटु (थाइरॉइड)
| |
| ||[[इंसुलिन]] का स्त्राव [[अग्न्याशय]] द्वारा किया जाता है। अग्न्याशय [[मानव शरीर|शरीर]] के रक्त ग्लूकोज़ को नियंत्रित करता है। [[अग्न्याशय]] अंत:स्त्रावी एवं ब्राह्य स्त्रावी दोनों प्रकार की ग्रंथि है। इसलिए इसे 'मिश्रित ग्रंथि' भी कहते हैं।
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| {निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में से किसमें कैलोरी सबसे ज्यादा मात्रा में पाई जाती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-123
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| |type="()"}
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| -स्किंड मिल्क
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| +[[माखन|मक्खन]]
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| -[[दूध|संघनित दूध]]
| |
| -[[दही]]
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| {निम्नलिखित में से किस तरह के कार्य में प्रति घंटे सबसे ज्यादा मात्रा में कैलोरी की खपत होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-185
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| |type="()"}
| |
| +दौड़ना
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| -सामान्य कसरत (लगातार)
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| -लॉन टेनिस (एकल) खेलना
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| -तैराकी (मध्य चाल से)
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| {शारीरिक क्रियाओं के मनोवैज्ञानिक आधार का अध्ययन है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-95
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| |type="()"}
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| -बाल मनोविज्ञान
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| -शिक्षा मनोविज्ञान
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| +खेल मनोविज्ञान
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| -अपराध विज्ञान (क्रिमिनोलॉज़ी)
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| ||खेल मनोविज्ञान शारीरिक क्रियाओं के मनोवैज्ञानिक आधार का अध्ययन है। यह मनोविज्ञान की वह शाखा है जो खेल के मैदान पर मानव व्यवहार से जुड़ी है। अभ्यास और प्रतियोगिता दोनों ही स्थितियों में यह उसके प्रदर्शन में गुणात्मक सुधार लाती है।
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| {शब्द "डबल फॉल्ट" (Double fault) किस खेल में प्रयोग होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-14
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| |type="()"}
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| -[[टेबल टेनिस]]
| |
| -वॉलीबॉल
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| +[[टेनिस]]
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| -[[बैडमिंटन]]
| |
| ||शब्द 'डबल फॉल्ट' (Double fault) का प्रयोग [[टेनिस|टेनिस खेल]] में होता है। यह सर्विस करने वाले खिलाड़ी पर दूसरी सर्विस गलत होने पर लगाया जाता है एवं पेनाल्टी स्वरूप एक प्वॉइंट कम कर दिया जाता है।
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| {निम्न में से कौन-सा लक्षण हठयोग से सम्बंधित नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-62
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| |type="()"}
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| -[[मस्तिष्क]] का संतुलन
| |
| -प्राणायाम
| |
| -आसन
| |
| +सुधि क्रिया
| |
| ||हठयोग शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए विश्व की प्राचीनतम प्रणालियों में से एक है। मस्तिष्क संतुलन, प्राणायाम एवं आसन हठयोग के अंतर्गत आते हैं किंतु सुधि क्रिया हठयोग से संबंधित नहीं है।
| |
|
| |
| {[[ओलंपिक खेल|ग्रीष्म ओलंपिक]] [[2000]] के खेल का स्थान कौन-सा था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-16
| |
| |type="()"}
| |
| -एथेंस
| |
| -ऐटलांटा
| |
| +[[सिडनी]]
| |
| -सियोल
| |
| ||[[ओलंपिक खेल|ग्रीष्म ओलंपिक]] [[2000]] के खेल का स्थान [[सिडनी]] था। [[ओलंपिक 2016|ग्रीष्म ओलंपिक 2016]] के खेल का स्थान रियो डी जेनेरियो है एवं वर्ष 2020 का ओलंपिक टोक्यो ([[जापान]]) में होगा।
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| |
| {निम्नलिखित में से कौन-सा कम-से-कम प्रशिक्षणीय है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-124
| |
| |type="()"}
| |
| -ताकत
| |
| -सहनशीलता
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| -लचीलापन
| |
| +गति
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| |
| {कौन-सा काल [[भारतवर्ष]] में [[महाकाव्य]] काल माना गया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-26
| |
| |type="()"}
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| -2000 से 1000 ई. पूर्व
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| +1000 से 600 ई. पूर्व
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| -300 ई. से 1230 ई.
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| -300 ई. तक
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| ||1000 से 600 ई. पू. तक के समय को [[भारतवर्ष]] में 'महाकाव्य काल' माना गया है। इस काल में [[रामायण]], [[महाभारत]], [[उपनिषद्]] जैसे [[ग्रंथ|ग्रंथों]] की रचना हुई थी।
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| {माइटोकॉन्ड्रिया यह भी कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-152 प्रश्न-34
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| |type="()"}
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| -कोशिका द्रव्य
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| +कोशिका का ऊर्जा केंद्र
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| -प्लाज्मा झिल्ली
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| -सेंट्रोसोम
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| ||माइटोकॉन्ड्रिया या सूत्रकणिका कोशिकाओं में पाई जाने वाली झिल्लीयुक्त संरचना होती है। सूत्रकणिका का वायवीय श्वसन से संबंध होता है। इनमें कोशिकीय ऊर्जा ए.टी.पी. के रूप में उत्पादित होती है। इस कारण से सूत्रकणिका को कोशिका का शक्ति गृह या ऊर्जा केंद्र कहते हैं।
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| {'फ़ास्ट ब्रेक' शब्द का प्रयोग किस खेल में किया जाता हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-114
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| |type="()"}
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| +[[बास्केटबॉल]]
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| -[[हॉकी]]
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| -वॉलीबाल
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| -[[टेनिस]]
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| ||'फ़ास्ट ब्रेक' अथवा तेज़ आक्रमण शब्द का प्रयोग [[बास्केटबॉल]] में किया जाता हैं। आक्रमण की इस शैली में विरोधी की रक्षा पंक्ति को तेज़ी से भेदने का प्रयास किया जाता है। आक्रमण की शीघ्रता ही इसका मुख्य आधार होता है।
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| {व्यक्तियों के [[मानव शरीर|शरीर]] की किस्म या काय किस्म को किसने तीन श्रेणियों अर्थात एंडोमॉर्फ, मेसोमॉर्फ और एक्टोमॉर्फ में वर्गीकृत किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-124
| |
| |type="()"}
| |
| -अर्नेस्ट क्रेट्समर
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| +डब्ल्यू. एच. शेल्डन
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| -एच. एम. बैरो
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||शेल्डन ने अपनी पुस्तक स्वभाव की किस्में (Varities of Teperament) में तीन प्रकार के व्यक्तित्व का जिक्र किया- 1. एंडोमॉर्फिक (Endomorphic)- गोल, मोटे व मुलायम शरीर वाले व्यक्ति, 2. मेसोमॉर्फिक (Mesomorphic)- पूर्ण विकसित, तीखे नाक-नक्श वाला तथा एथलेटिक शरीर और 3.एक्टोमॉर्फिट (Ectomorphic)- कमज़ोर शरीर तथा शरीर का गठन नरम व लचीला।
| |
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| |
| {शारीरिक शिक्षा और खेलकूद के क्षेत्र में 'फ़िटनेसग्राम' परीक्षण के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-184 प्रश्न-186
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| |type="()"}
| |
| -यह परीक्षण [[1982]] में कूपर इंस्टीट्यूट, टेक्सास, यू एस ए द्वारा तैयार किया गया था।
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| -यह शरीरिक शिक्षा विषय के शिक्षकों के लिए बच्चों के फ़िटनेस स्तर पर एक रिपोर्ट तैयार करने का एक आसान रास्ता है।
| |
| -इसमें हृद्वाहिका फ़िटनेस, मांसपेशिय क्षमता, शरीर की बनावट और लचीलेपन का परीक्षण किया जाता है।
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| +उपर्युक्त सभी
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| {"मानव जीवन की मनोभौतिक एकता" कहलाती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-96
| |
| |type="()"}
| |
| +मन तथा [[मानव शरीर|शरीर]] का विकास
| |
| -शरीर तथा हड्डियों का विकास
| |
| -[[मानव शरीर|शरीर]] तथा [[हृदय]] का विकास
| |
| -आत्मा तथा मांसपेशियों का विकास
| |
| ||मानव जीवन की मनोभौतिक एकता से अभिप्राय मन तथा [[मानव शरीर|शरीर]] के विकास से है।
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| |
| {[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक]] के झंडे में पाँच गोले किसका संकेत करते हैं?(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-16
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| |type="()"}
| |
| -पांच देश
| |
| -पांच नदियां
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| +पांच [[महाद्वीप]]
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| -पांच [[पर्वत]]
| |
| ||ओलंपिक झंडे में पांच रिंग जो कि [[नीला रंग|नीला]], [[पीला रंग|पीला]], [[काला रंग|काला]], [[हरा रंग|हरा]] एवं [[लाल रंग]] के होते हैं, पांच [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] को प्रदर्शित करते हैं। उनका आपस में जुड़ाव उनकी सार्वभौमिकता को दर्शाता है। [[सफेद रंग]] झंडे का पृष्ठ रंग है।
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| |
| {खेल के अतिरिक्त [[ऊर्जा|ऊर्जा (शक्ति)]] के सिद्धांत का प्रतिपादन किया- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-63
| |
| |type="()"}
| |
| -पावलोव
| |
| -फ्रायड
| |
| +[[हर्बर्ट स्पेंसर]]
| |
| -स्पियरमेन
| |
| ||खेल के अतिरिक्त [[ऊर्जा|ऊर्जा (शक्ति)]] के सिद्धान्त का प्रतिपादन [[हर्बर्ट स्पेंसर]] ने किया था। ये विक्टोरियाई काल के एक अंग्रेज़ दार्शनिक, जीव-विज्ञानी, समाजशास्त्री तथा प्रसिद्ध पारंपरिक उदारवादी राजनैतिक सिद्धांतकार थे।
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| |
| {[[राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार]] किस वर्ष से संस्थित (शुरू) हुआ? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-17
| |
| |type="()"}
| |
| -[[1990]]-[[1991]]
| |
| +[[1991]]-[[1992]]
| |
| -[[1992]]-[[1993]]
| |
| -[[1993]]-[[1994]]
| |
| ||[[राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार]] [[भारत सरकार]] द्वारा वर्ष [[1991]]-[[1992]] में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च खेल प्रदर्शन को प्रोत्साहन देना तथा देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है। किसी वर्ष में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाने पर यह पुरस्कार दिया जाता है।
| |
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| |
| {लंबी कूद में किस प्रकार की ताकत का प्रयोग होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-125
| |
| |type="()"}
| |
| +विस्फोटक ताकत
| |
| -अधिकतम ताकत
| |
| -ताकत सहनशक्ति
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| -कम-से-कम ताकत
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| {पलेस्टरा प्राचीन यूनान में प्रसिद्ध था- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-27
| |
| |type="()"}
| |
| -एक संगीत विद्यालय के रूप में
| |
| -एक स्टेडियम के रूप में
| |
| +एक कुश्ती के स्कूल के रूप में
| |
| -एक तैराकी तालाब के रूप में
| |
| ||पलेस्टरा (Palaestra) प्राचीन यूनान में एक कुश्ती के स्कूल के रूप में प्रसिद्ध था।
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| |
| {नोनिता लाल किस खेल से सम्बंधित हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-35
| |
| |type="()"}
| |
| -शतरंज
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| -[[बैडमिंटन]]
| |
| +[[गोल्फ]]
| |
| -निशानेबाज़ी
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| |
| {[[अर्जुन पुरस्कार]] प्राप्त करने वाले पहले [[फ़ुटबॉल|फ़ुटबॉल खिलाड़ी]] का नाम है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-115
| |
| |type="()"}
| |
| -चुन्नी गोस्वामी
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| -टी. बलराम
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| +[[पी.के. बनर्जी]]
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| -अब्दुल अजीज
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| ||[[अर्जुन पुरस्कार]] प्राप्त करने वाले प्रथम [[फ़ुटबॉल|फुटबाल खिलाड़ी]] [[पी.के. बनर्जी]] हैं। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष [[1961]] में प्रदान किया गया। वर्ष [[1962]] एवं [[1963]] में यह पुरस्कार क्रमश: तुलसी बलराम एवं चून्नी गोस्वामी को दिया गया।
| |
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| |
| {निम्नलिखित मच्छरों के प्रकार में से कौन [[डेंगू]] फैलाता हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-125
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| |type="()"}
| |
| +ऐडीज इजिप्टी
| |
| -ऐनोफिलीज
| |
| -क्यूलेक्स
| |
| -हेमोगोगस
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| ||डेंगू एक संक्रामक बीमारी है जो ऐडीज इजिप्टी नामक मच्छरों के काटने से फैलता है?
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| {मानवमितीय त्वचा परत माप में [[मानव शरीर]] के निम्नलिखित में से किन हिस्सों पर विचार किया जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-185 प्रश्न-187
| |
| |type="()"}
| |
| -अधिश्रोणिय
| |
| -उदर
| |
| -जांघ
| |
| +उपर्युक्त सभी
| |
| ||मानवमितीय त्वचा परत माप (Skinfold measurnmant) में निम्न हिस्सों पर विचार किया जाता है- 1.बाज़ू (ट्राइसेप्स), 2.सबस्कैपुला(subscapularis) या अंसफलकंध 3.सुप्राइलिएक या अधिश्रोणीय 4.उदर (Abdomen) एवं 5. जांघ (Thigh)।
| |
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| |
| {अनुभव एवं प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार परिवर्तन कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-197 प्रश्न-97
| |
| |type="()"}
| |
| -वृद्धि
| |
| +सीखना
| |
| -विकास
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| ||अनुभव एवं प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार परिवर्तन, सीखना कहलाता है। कालविन के अनुसार "पहले से निर्मित व्यवहार में अनुभवों द्वारा हुए परिवर्तन को अधिगम कहते हैं।" इस परिभाषा से स्पष्ट होता है कि सीखने के कारण व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आता है, व्यवहार में यह परिवर्तन बाह्य एवं आंतरिक दोनों ही प्रकार का हो सकता है। अत: सीखना एक प्रक्रिया है जिसमें अनुभव एवं प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में स्थायी या अस्थायी परिवर्तन दिखाई देता है।
| |
|
| |
| {अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी का मुख्य कार्यालय कहां पर स्थित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-17
| |
| |type="()"}
| |
| -[[संयुक्त राज्य अमेरिका|यू.एस.ए.]]
| |
| -[[जर्मनी]]
| |
| +स्विट्जरलैंड
| |
| -[[रूस]]
| |
| ||अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो आधुनिक [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] का नियंत्रण करती हैं। इसका मुख्यालय लुसाने (स्विट्जरलैंड) में है। यह एक स्थायी और स्वनिर्वाचित संस्था है लेकिन जिस देश में ओलंपिक गतिविधियों में अच्छी बढ़ोत्तरी हो या जिस देश में एक बार ओलंपिक खेल हुए हो उसे अपने दो सदस्य मनोनीत करवाने का विशेषाधिकार प्राप्त है।
| |
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| |
| {मनोरंजन जरुरी है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-64
| |
| |type="()"}
| |
| -विभिन्न कार्यक्रमों की गतिविधियों में भाग लेने के लिए
| |
| -व्यक्तित्व के विकास के लिए
| |
| +आत्मखुशी एवं मन की शांति के लिए
| |
| -विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए
| |
| ||मनोरंजन आत्मखुशी एवं मन की शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है। लंबे समय तक कार्य करने के पश्चात कुछ देर मनोरंजन करने से सारी थकान समाप्त हो जाती है तथा शरीर में एक नई [[ऊर्जा]] का संचार होता है। मनोरंजन सभी वर्ग के लोगों के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।
| |
|
| |
| {प्रसिद्ध खिलाड़ी पेले किस खेल से सम्बधित था- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-218 प्रश्न-18
| |
| |type="()"}
| |
| -[[हॉकी]]
| |
| +[[फ़ुटबॉल]]
| |
| -[[बास्केटबॉल]]
| |
| -वॉलीबॉल
| |
| ||फुटबॉल के कुछ प्रसिद्ध खिलाड़ियों के नाम निम्नलिखित हैं- (1) पेले-[[ब्राजील]] (2)रोनाल्डो-ब्राजील (3)लियोनेल मैसी-अर्जेंटीना (4)मैराडोना-अर्जेंटीना (5)डेविड बेकहम-इंग्लैंड (6)जिडॉन-[[फ़्राँस|फ्रांस]]
| |
|
| |
| {कौन-से प्रशिक्षण ढंग में ऐरोबिक तथा ऐनऐरोबिक ऊर्जा प्रयोग होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-126
| |
| |type="()"}
| |
| -फार्टलेक
| |
| +अंतराल प्रशिक्षण
| |
| -लगातार दौड़ना
| |
| -ताकत प्रशिक्षण
| |
| ||अंतराल प्रशिक्षण से शरीर के दो ऊर्जा उत्पन्न करने वाले तंत्र- एरोबिक तथा एनऐरोबिक का पूरा इस्तेमाल होता है। ऐरोबिक तंत्र वह है जो ऊर्जा को मीलों सैर करने या दौड़ने की आज्ञा देता है जो [[ऑक्सीजन]] का उपयोग शरीर के सभी स्त्रोतों से [[कार्बोहाइड्रेट]] को ऊर्जा में बदलने में करता है। इनऐरोबिक तंत्र में इसके विपरीत, कार्बोहाइड्रेट जो मांसपेशियों में स्टोर हैं उनसे ऊर्जा लेकर दौड़ने, कूदने या भारी वज़न उठाने में उपयोग की जाती है।
| |
|
| |
| {[[अखाड़ा]] किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-28
| |
| |type="()"}
| |
| -[[फुटबॉल]]
| |
| -जूडो
| |
| +[[कुश्ती]]
| |
| -मुक्केबाज़ी
| |
| ||अखाड़ा शब्द [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] वर्णमाला का शब्द है। अखाड़ा मुख्य रूप से प्राचीनकाल में [[भारत]] के साधु-संतों का एक ऐसा समूह होता था जो संकट के समय में राजधर्म के विरुद्ध परिस्थितियों में राष्ट्र और धर्म रक्षा के लिए कार्य करता था। खेल के संदर्भ में अखाड़ा पहलवानों के लिए एक मैदान होता है जहां [[कुश्ती]] लड़ी जाती थी।
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से किस खेल में खेलते समय कोई 'टाइम आउट' नहीं दिया जाता? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-11
| |
| |type="()"}
| |
| -वॉलीबाल
| |
| +[[फुटबाल]]
| |
| -[[बास्केटबॉल]]
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||वॉलीबाल में रेस्ट के लिए टाइम आउट का समय 30 सेकंड का होता है। [[बास्केटबॉल]] में टाइम आउट की अवधि 1 मिनट होती है। [[फुटबाल]] में टाइम आउट नहीं दिया जाता है।
| |
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| |
| {"प्रत्येक व्यक्ति की संहति का लगभग 99 प्रतिशत भाग छह तत्त्वों- [[कार्बन]], [[ऑक्सीजन]], [[हाइड्रोजन]], -------- से बना होता है।" इस प्रश्न में रिक्त स्थान के लिए सही विकल्प चुनिए? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-126
| |
| |type="()"}
| |
| +[[नाइट्रोजन]], [[फॉस्फोरस]] और [[कैल्शियम]]
| |
| -कैल्शियम, [[सल्फर]] और [[ताम्र]]
| |
| -नाइट्रोजन, [[आयोडीन]] और फॉस्फोरस
| |
| -फॉस्फोरस, [[पोटैशियम]] और [[सोडियम]]
| |
| ||प्रत्येक व्यक्ति की संहति का लगभग 99% भाग 6 तत्त्वों- [[कार्बन]], [[ऑक्सीजन]], [[हाइड्रोजन]], [[नाइट्रोजन]], [[फॉस्फोरस]] और [[कैल्शियम]] से बना होता है।
| |
|
| |
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| |
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| |
| {'क्रास-वेबर टेस्ट' का प्रयोग ------ की माप के लिए किया जाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-185 प्रश्न-188
| |
| |type="()"}
| |
| -सहनशीलता
| |
| -हृदश्वसन दक्षता
| |
| -सापेक्षिक पेशीय ताकत
| |
| +न्यूनतम पेशीय ताकत
| |
| ||क्रास-वेबर परीक्षण (Kraus-Weber Test) में छ: मद शामिल होते हैं। इन परीक्षणों को व्यक्ति की कम-से-कम या न्यूनतम [[मांसपेशी|मांसपेशीय]] ताकत या पुष्टि को मापने के लिए किया जाता है।
| |
|
| |
| {वर्तमान समय में [[मनोविज्ञान]] क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-198 प्रश्न-98
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मस्तिष्क]] का विज्ञान
| |
| +व्यवहार का विज्ञान
| |
| -चेतना का विज्ञान
| |
| -[[आत्मा]] का विज्ञान
| |
| ||सर्वप्रथम मनोविज्ञान को 'आत्मा का विद्वान' माना जाता था किंतु वर्तमान समय में [[मनोविज्ञान]] 'व्यवहार का विज्ञान' है।
| |
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| |
| {[[ओलंपिक खेल]] के झंडे में बना [[पीला रंग|पीला]] गोला किस [[महाद्वीप]] का प्रतिनिधित्व करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-19
| |
| |type="()"}
| |
| +[[एशिया]]
| |
| -[[यूरोप]]
| |
| -[[ऑस्ट्रेलिया]]
| |
| -[[अमेरिका]]
| |
| ||ओलंपिक झंडे में बने पांच गोले पांच महाद्वीपों को दर्शाते हैं- [[नीला रंग|नीले रंग]] का गोला-[[यूरोप]], [[पीला रंग|पीले रंग]] का गोला-[[एशिया]], [[काला रंग |काले रंग]] का गोला-[[अफ्रीका]], [[लाल रंग]] का गोला-[[अमेरिका]], [[हरा रंग |हरे रंग]] का गोला-[[ऑस्ट्रेलिया]] (ओसेनिया) का प्रतिनिधित्व करता है।
| |
|
| |
| {कैंपिंग के क्या उद्देश्य हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-65
| |
| |type="()"}
| |
| -व्यावहारिक कौशल सिखाना
| |
| -सकारात्मक सोच विकसित करना
| |
| -व्यक्तिगत संबंध स्थापित करना
| |
| +उपरोक्त सभी
| |
| ||कैंपिग का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक कौशल सिखाना, उनमें सकारात्मक सोच विकसित करना तथा उनमें व्यक्तिगत संबंध स्थापित करना है। कैंपिंग के माध्यम से छात्रों में व्यावहारिक गुण बहुतायत विकसित होते हैं।
| |
|
| |
| {मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी (माका) किसको दी जाती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-219 प्रश्न-19
| |
| |type="()"}
| |
| +विश्वविद्यालय
| |
| -[[राज्य]]
| |
| -खिलाड़ी
| |
| -प्रशिक्षक
| |
| ||[[भारत]] के भूतपूर्व शिक्षा मंत्री [[अबुलकलाम आज़ाद|मौलाना अबुल कलाम आजाद]] की पुण्य स्मृति में वर्ष [[1956]]-[[1957]] में मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी शुरू की गई। प्रति वर्ष दी जाने वाली यह ट्रॉफी उस विश्वविद्यालय को दी जाती है जिसने ऑल इंडिया विश्वविद्यालय टूर्नामेंट में ओवर ऑल अच्छा प्रदर्शन किया हो।
| |
|
| |
| {'लिम्बरिंग डाउन' कब करते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-127
| |
| |type="()"}
| |
| -खेल से पहले
| |
| +खेल के पश्चात
| |
| -खेल के बीच में
| |
| -खेल से पहले तथा खेल के पश्चात दोनों।
| |
| ||कूलिंग डाउन या लिम्बरिंग डाउन को वार्मिंग डाउन भी कहा जा सकता है। किसी स्पर्धा/प्रतियोगिता या प्रशिक्षण के बाद, [[मानव शरीर|शरीर]] को फिर से सामान्य अवस्था में लाने को लिम्बरिंग डाउन या कूलिंग डाउन कहा जाता है। कूलिंग डाउन, शरीर का धीरे-धीरे थकावट या प्रयास की अवस्था से आराम या लगभग आराम की दशा में लाने की प्रक्रिया होती है। वास्तव में कूलिंग डाउन प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता के बाद एक आवश्यक क्रिया होती है।
| |
|
| |
| {शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत निम्नलिखित में से किस पर ज्यादा आधारित हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-29
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुभव एवं सूझबूझ
| |
| -परम्पराएं एवं रीतियां
| |
| +प्रक्रिया से संबंधित वैज्ञानिक नियम
| |
| -दार्शनिक विचार
| |
| ||शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत प्रक्तिया से संबंधित वैज्ञानिक नियमों पर मुख्यत: आधारित हैं। शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत वैज्ञानिक मापदंडों के आधार पर विकसित किए गए हैं जिससे बालक का शारीरिक एवं मानसिक विकास साथ-साथ हो सके।
| |
|
| |
| {'लॉस्ट चाइल्ड' पुस्तक के लेखक कौन हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-36
| |
| |type="()"}
| |
| -[[प्रेमचंद]]
| |
| -[[महात्मा गाँधी]]
| |
| -[[जवाहरलाल नेहरू]]
| |
| +मुल्कराज आनंद
| |
|
| |
| {शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत निम्नलिखित में से किस पर ज्यादा आधारित हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-29
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुभव एवं सूझबूझ
| |
| -परंपराएं एवं रीतियां
| |
| +प्रक्रिया से संबंधित वैज्ञानिक नियम
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| -दार्शनिक विचार
| |
| ||शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत प्रक्तिया से संबंधित वैज्ञानिक नियमों पर मुख्यत: आधारित हैं। शारीरिक शिक्षा के सिद्धांत वैज्ञानिक मापदंडों के आधार पर विकसित किए गए हैं जिससे बालक का शारीरिक एवं मानसिक विकास साथ-साथ हो सके।
| |
|
| |
| {[[रक्त]] के प्लाज्मा में [[जल]] होता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-37
| |
| |type="()"}
| |
| +90%
| |
| -60%
| |
| -99%
| |
| -50%
| |
| ||[[रक्त]] एक तरल संयोजी [[ऊतक]] है। रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होने वाला यह गाढ़ा, कुछ चिपचिपा, [[लाल रंग]] का द्रव्य एक जीवित ऊतक है। शरीर में उपस्थित कुल रक्त की मात्रा का लगभग 55 प्रतिशत तक प्लाज्मा होता है। प्लाज्मा में लगभग 90 से 92 प्रतिशत अंश जल का होता है।
| |
|
| |
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| |
| {मैराथन दौड़ में किसी धावक द्वारा तय की गई मानक दूरी कितनी होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-118
| |
| |type="()"}
| |
| +42.195 कि.मी.
| |
| -42.115 कि.मी.
| |
| -42.575 कि.मी.
| |
| -42.360 कि.मी.
| |
| ||मैराथन दौड़ की दूरी 42.195 किमी. होती है, इसे लंबी दूरी दौड़ में सम्मिलित किया जाता है।
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन [[मानव शरीर]] के लिए आवश्यक सूक्ष्म तत्त्व है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-177 प्रश्न-128
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मैग्नीशियम]]
| |
| -[[आयोडीन]]
| |
| +उपर्युक्त दोनों
| |
| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
| |
| ||[[आयोडीन]], [[लोहा]], [[तांबा]], [[जस्ता]], [[कोबाल्ट]], [[मैंगनीज]], [[निकिल]] आदि [[मानव शरीर]] के लिए आवश्यक सूक्ष्म तत्त्व हैं।
| |
|
| |
| {[[मानव शरीर]] के उपबंधी अस्थि-पंजर में कितनी अस्थियां होती हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-185 प्रश्न-189
| |
| |type="()"}
| |
| +126
| |
| -213
| |
| -206
| |
| -100
| |
| ||अस्थि पंजर को दो भागों में बांटा गया है- 1. ऐक्सियल अस्थियां और 2.एपेंडीकुलर या उपबंधी अस्थियाँ। वयस्क [[मानव शरीर]] में ऐक्सियल अस्थियों की कुल संख्या 80 और एपेंडीकुलर अस्थियों की कुल संख्या 126 होती है।
| |
|
| |
| {'परसोना' शब्द किस भाषा से लिया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-198 प्रश्न-99
| |
| |type="()"}
| |
| -[[उर्दू भाषा]]
| |
| -रोमन भाषा
| |
| -[[हिंदी भाषा]]
| |
| +लैटिन भाषा
| |
| ||'परसोना' शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है। जहां यह मूलरूप से नाटकीय मुखौटे के लिए उपयोग किया जाता है। [[अंग्रेज़ी भाषा]] में इसका उपयोग 'वह छवि या व्यक्तित्व जो एक व्यक्ति अन्य के समक्ष प्रस्तुत करता है' के लिए किया जाता है।
| |
|
| |
| {[[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] का उत्सवीय ध्वज पहली बार कब प्रयोग में लाया गया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-20
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| |type="()"}
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| +एंटवर्प [[1920]]
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| -[[लंदन]] [[1908]]
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| -पेरिस [[1900]]
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| -पेरिस [[1924]]
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| ||बैरन डी कुबर्टिन के सुझाव पर वर्ष [[1913]] में ओलंपिक ध्वज का निर्माण किया गया। वर्ष [[1914]] में पेरिस में इसका उद्घाटन किया गया और प्रथम बार वर्ष 1920 में एंटवर्प ओलंपिक खेल के समय मैदान में फहराया गया।
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| {कैंप के दौरान गाया जाने वाला- "सारे जहां से अच्छा" गीत किसने लिखा था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-66
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| |type="()"}
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| -[[जयदेव]]
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| +[[मोहम्मद इक़बाल]]
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| -[[बंकिम चंद्र चटर्जी]]
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| -[[रबींद्रनाथ टैगोर]]
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| ||[[मोहम्मद इक़बाल]] अविभाजित [[भारत]] के प्रसिद्ध [[कवि]], नेता और दार्शनिक थे। 'सारे जहां से अच्छा' देश-भक्ति के गीत के रूप में भारत में गाया जाता है। इसे अनौपचारिक रूप से भारत के राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्राप्त है। इसे प्रसिद्ध शायर मोहम्मद इक़बाल ने वर्ष [[1905]] में लिखा था। [[पाकिस्तान]] में इन्हें राष्ट्रकवि माना जाता है। इनकी प्रमुख रचनाएं असरार-ए-खुदी, रूमुज-ए-बेखुदी और बंग-ए-दारा इत्यादि हैं।
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| {[[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] कौन-से वर्ष से आरंभ किया गया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-219 प्रश्न-20
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| |type="()"}
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| -[[1984]]
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| +[[1985]]
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| -[[1983]]
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| -[[1986]]
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| ||[[भारत सरकार]] ने वर्ष [[1985]] में [[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] की स्थापना की। यह पुरस्कार खिलाड़ियों और टीमों को प्रशिक्षण प्रदान करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जाने-माने खेल प्रशिक्षकों को प्रदान किए जाते हैं।
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| {'लीड-अप गेम' सहायक है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-128
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| |type="()"}
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| -मनोरंजन उपलब्ध कराना
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| -कला उपलब्ध कराना
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| -तालमेल बढ़ाना
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| +मनोरंजन उपलब्ध कराना तथा कला बढ़ाना
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| ||'लीड-अप गेम' मनोरंजन उपलब्ध कराने तथा कला बढ़ाने में सहायक होते हैं।
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| {शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय Y.M.C.A. की स्थापना कब हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-30
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| |type="()"}
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| +[[1920]]
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| -[[1924]]
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| -[[1896]]
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| -[[1914]]
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| ||शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय Y.M.C.A. की स्थापना वर्ष [[1920]] में एच.सी.बक द्वारा की गई थी। यह कॉलेज 'तमिलनाडु शारीरिक शिक्षा एवं खेल विश्वविद्यालय' से संबद्ध है।
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| {[[मानव शरीर|शरीर]] में सबसे बड़ी [[ग्रंथि]] कौन-सी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-38
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| |type="()"}
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| -लारग्रंथि
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| +[[यकृत|यकृत ग्रंथि]]
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| -पिट्यूटरी ग्रंथि
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| -थॉयराइड-ग्रंथि
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| ||[[यकृत]] गहरे लाल-भूरे रंग की ग्रंथि है जो उदर के ऊपरी भाग में दाहिनी ओर अवस्थित होती है। यह [[मानव शरीर|शरीर]] की सबसे बड़ी [[ग्रंथि]] है। यह पित्त रस स्त्रावित करती है जो एक थैली में संग्रहित होता रहता है, इसे [[पित्ताशय]] कहते हैं। पित्त रस [[वसा]] के पाचन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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| {विश्व में शतरंज के खेल का नियंत्रण करने वाला निकाय (संस्था) है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-119
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| |type="()"}
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| -FIBA
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| +FIDE
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| -WCF
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| -UCI
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| ||FIDE ( Federation International des Echecs) या वर्ल्ड चैस फेडरेशन की स्थापना [[20 जुलाई]], [[1924]] को [[फ्रांस]] की राजधानी पेरिस में हुई थी। जिसे अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने [[1999]] में एक अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स फेडरेशन के रूप में मान्यता दी। अब यह युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ वर्ग आदि समूहों के लिए 40 से अधिक प्रकार की शतरंज प्रतियोगिताएं कराने वाली विश्व की एक बड़ी स्पोर्ट्स संस्था बन चुकी है।
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| {निम्न में से कौन [[इंसुलिन]] की हरकत को उतेजित करता है और जिसकी कमी से [[मधुमेह]] (डायबिटीज) हो सकता है, जो कि पनीर, शीरा और हरी फूलगोभी में पाया जाता है? (शारीरिक शिक्षा, पृ.सं -177 प्रश्न-129
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| |type="()"}
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| -[[कोबाल्ट]]
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| -[[ताम्र]]
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| +[[क्रोमियम]]
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| -[[फॉस्फोरस]]
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| ||[[मानव शरीर]] [[क्रोमियम]] [[इंसुलिन]] की क्रिया को उत्तेजित करता है। इसकी कमी [[मधुमेह]] का कारण हो सकती है। यह पनीर, [[आलू]], हरी फूलगोभी (ब्रॉकोली), शीरा, लहसुन आदि में पाया जाता है।
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| {निम्नलिखित में से किस काल में प्राण और नाड़ियां चर्चा के महत्त्वपूर्ण विषय है और 'योग' शब्द का प्रयोग तकनीकी अर्थ में किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-185 प्रश्न-190
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| |type="()"}
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| -[[वैदिक काल]]
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| -पौराणिक काल
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| -सूत्र काल
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| +उपनिषद काल
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| ||उपनिषद काल में प्राण एवं नाड़ियां चर्चा के महत्त्वपूर्ण विषय हैं और 'योग' शब्द का वर्णन तकनीकी अर्थ में किया गया है।
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| {अंतर्मुर्खी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति रुचि रखते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-198 प्रश्न-100
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| |type="()"}
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| -अन्य व्यक्तियों
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| +स्वयं अपने
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| -सामाजिक कार्यों
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| -शारीरिक कार्यों
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| ||अंतर्मुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति स्वयं अपने में रुचि रखते हैं। वे स्वयं का प्रतिचित्रण पसंद करते हैं, विभिन्न विचारों का विश्लेषण करते हैं तथा वे सामाजिक गतिविधियों के स्थान पर एकांत गतिविधियां पसंद करते हैं। बहिर्मुखी व्यक्ति इसके विपरीत होते हैं। वे सामाजिक गतिविधियां करना पसंद करता हैं।
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| {बच्चों की शारीरिक वृद्धि बहुत तेज़ होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-21
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| |type="()"}
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| +तीन वर्ष की आयु तक
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| -6 से 10 वर्ष की आयु तक
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| -13 से 19 वर्ष की आयु तक
| |
| -19 से 25 वर्ष की आयु तक
| |
| ||बच्चों को शारीरिक वृद्धि तीन वर्ष की आयु तक बहुत तेज़ होती है। इस उम्र में बच्चों का शारीरिक विकास एवं वृद्धि अस्थियों के जुड़ने के कारण सर्वाधिक होती है।
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| {निम्न में से किसने अपने कथन में खेल के शब्द को मनोरंजन का यथेष्ट रूप कहा है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-67
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| |type="()"}
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| -टी.पी. नन
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| +जॉन एच. फिनले
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| -पी.एम. जोसेफ
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| -जॉन दवे
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| {[[कुश्ती]] में सर्वप्रथम [[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]] प्राप्त करने वाला खिलाड़ी कौन था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-219 प्रश्न-21
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| |type="()"}
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| -[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]]
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| -मास्टर चंदगी राम
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| +उदय चंद
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| -सतपाल
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| ||कुश्ती में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले कुछ पहलवानों के नाम निम्नलिखित हैं-
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| [[1961]]- [[उदय सिंह]], [[1962]]- मालबा, [[1963]]- गणपत अंडलकर, [[1964]]- विशम्भर सिंह, [[1966]]-भीम सिंह, [[1967]]- मुख्तियार सिंह, [[1969]]- चंदगी राम, [[1970]]- सुदेश कुमार, [[1972]]- प्रेम नाथ, [[1973]]- जगरूप सिंह, [[1974]]- सतपाल, [[2005]]- [[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]], [[2009]]- [[योगेश्वर दत्त]]।
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| {[[हृदय]] के दाहिने निलय (वेन्ट्रिकल) से [[रक्त]] बहता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-129
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| |type="()"}
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| -निम्न महाशिरा में
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| -बाएं अलिंद (वेन्ट्रीकल)
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| +फुस्फुस धमनी
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| -फुस्फुस शिरा
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| ||अशुद्ध [[रक्त]] दाएं अलिंद से दाएं निलय में जाता है। जब दायां निलय संकुचित होता है, तो रक्त पल्मोनरी धमनी या फुस्फुस धमनी में प्रवेश करता है। पल्मोनरी धमनी दो भागों में विभक्त हो जाती है जो अशुद्ध रक्त को बाएं तथा दाएं [[फेफड़ा|फेफड़े]] में प्रत्येक आर्टरी छोटी-छोटी [[धमनियाँ|धमनियों]] में बंट जाती है, उसके बाद Arterioles में अंत में अशुद्ध रक्त पल्मोनरी केशिकाओं में पहुंचता है।
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| {सिगमंड फ्रायड को निम्नलिखित में से किस एक सिद्धांत का पिता कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-31
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| |type="()"}
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| -अभिप्रेरणा सिद्धांत
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| +मनोविश्लेषण सिद्धांत
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| -संबंधवाद सिद्धांत
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| -समांतरवाद सिद्धांत
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| ||सिगमंड फ्रायड को मनोविश्लेषण सिद्धांत का पिता कहा जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार, उन्होंने भीड़ व्यवहार का आधार चेतन तथा अचेतन इच्छाओं को माना। उनके अनुसार मन (Mind) के तीन भाग हैं- चेतन, अर्द्धचेतन तथा अचेतन। फ्रायद ने भीड़ व्यवहार के बारे में अपने उक्त विचारों को अपनी पुस्तक "Group Psychology and the Analysis of the Ego" के अंतर्गत प्रस्तुत किया।
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| {अस्थियों के साथ जुड़ी पेशियां कौन-सी हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-39
| |
| |type="()"}
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| +रेखित
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| -अरेखित
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| -हृदयी
| |
| -उपरोक्त सभी
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| ||अस्थियों के साथ जुड़ी पेशियां रेखित या ऐच्छिक पेशियां कहलाती हैं। ये पेशियां मनुष्य की इच्छा शक्ति के नियंत्रण में रहती हैं। इन पेशियों में आड़ी धारियों के पाए जाने के कारण ही इन्हें रेखित पेशियां कहा जाता है।
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| {आधुनिक पेंटाथलॉन खेलों में निम्नलिखित में से किस खेल को सम्मिलित किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-120
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| |type="()"}
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| +[[तैराकी]]
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| -बॉक्सिंग
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| -[[बैडमिंटन]]
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| -साइकलिंग
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| ||आधुनिक पेंटाथलॉन खेलों में सम्मिलित पांचों खेल कौशल पर आधारित होते हैं, जैसे- दौड़, तैराकी, फेन्सिंग (तलवारबाज़ी), हॉर्स जम्पिंग एवं पिस्टल शूटिंग।
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| {निम्न में से किस प्रकार की चोट में अस्थि टूट जाती है और [[ऊतक]] या [[धमनी]] जैसे आंतरिक अंग क्षतिग्रस्त हो जाते है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-177 प्रश्न-130
| |
| |type="()"}
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| -अवनत भंग
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| -संघटित भंग
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| -विखंडित भंग
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| +जटिल भंग
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| ||जटिल अस्थि भंग में टूटी हुई अस्थि, आंतरिक अंग या अंगों को भी हानि पहुंचा देती है। इससे प्रभावित अंग [[ऊतक]], तंतु या [[तंत्रिका तंत्र|तंत्रिका]] या फिर [[धमनी]] भी हो सकती है। इस प्रकार के अस्थि भंग प्राय बहुत जटिल व खतरनाक होते हैं। इस प्रकार के अस्थि भंग ऊंची कूद तथा बांस कूद वाले खिलाडियों में पाया जाता है।
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| {किसी मानव अस्थि-पंजर में निम्नलिखित में से किस जोड़ को "थोड़ा-चल-जोड़" कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-185 प्रश्न-191
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| |type="()"}
| |
| +ऐम्फारथ्रोसेस जोड़
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| -सायनाथ्रोसेस जोड़
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| -डाइआरथ्रोसेस जोड़
| |
| -सायनोविअल जोड़
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| {'साइकोलोजी' शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-198 प्रश्न-102
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| |type="()"}
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| +लैटिन भाषा
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| -[[हिंदी भाषा]]
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| -[[संस्कृत भाषा]]
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| -[[अंग्रेज़ी भाषा]]
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| {किस आयु के अंतर्गत लड़कियों की वृद्धि लड़कों की अपेक्षा सर्वाधिक तीव्रता से होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-204 प्रश्न-22
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| |type="()"}
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| -6 से 10 साल
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| +13 से 19 साल
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| -19 से 25 साल
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| -25 से ऊपर
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| ||जीवन के प्रारंभिक चार वर्षों की उम्र तक लड़की की वृद्धि लड़कों की वृद्धि समान होती है। 4 से 12 वर्षों के मध्य लड़कों की शारीरिक वृद्धि लड़कियों की अपेक्षा अधिक होती है जबकि 12 से 14 वर्ष तक लड़कियों का शारीरिक विकास एवं वृद्धि लड़कों की अपेक्षा अधिक होती है।
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| {"शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की शारीरिक क्रियाओं का जोड़ है जो परिणामों के आधार पर चयनित एवं संचालित की जाती है" किसका कथन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-209 प्रश्न-68
| |
| |type="()"}
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| -जे.बी. नैश
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| -चार्ल्स ए. बूचर
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| +जे. एफ. विलियम्स
| |
| -आर. ए. बर्मन
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| ||"शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की शारीरिक क्रियाओं का जोड़ है जो परिणामों के आधार पर चयनित एवं संचालित की जाती है" यह कथन जेसी फेयरिंग विलियम्स का है।
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| {जीवित प्राणियों की संरचना की कार्यविधि को जाना जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-230 प्रश्न-130
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| |type="()"}
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| -शरीर रचना विज्ञान
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| -मनुष्य-शरीर रचनाशास्त्र
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| +शरीर क्रिया विज्ञान
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| -[[मनोविज्ञान]]
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| ||शरीर क्रिया विज्ञान दो शब्दों फिजियों व ऍलोजी से बना है, जहां पर फिजिओ का अर्थ-प्रकृति व 'ऍलोजी' का अर्थ है- अध्ययन। जीवित प्राणियों की संरचना या [[मानव शरीर|शरीर]] व इसके सभी भागों के कार्यविधि का अध्ययन शरीर क्रिया विज्ञान कहलाता है।
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| {कंधे का जोड़ किस प्रकार का होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-205 प्रश्न-34
| |
| |type="()"}
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| +बॉल और सॉकेट जोड़
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| -कब्जा वाला जोड़
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| -काठी वाला जोड़
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| -कोन्डिलायड जोड़
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| ||कंधे का जोड़ एक प्रकार का बॉल और सॉकेट जोड़ है। इस प्रकार के जोड़ में अस्थि का एक सिरा गेंद की तरह गोल तथा दूसरा अस्थि सिरा गड्ढे (गर्त) या एक प्याले की तरह होता है। एक अस्थि का गोल भाग दूसरी अस्थि के गड्ढे (गर्त) में फिट हो जाता है। इस प्रकार के जोड़ कूल्हे और कंधे में पाए जाते हैं।
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| {घेंघा रोग किसकी कमी से होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-153 प्रश्न-40
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| |type="()"}
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| -पाइरीडॉक्सीन
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| -रिबोफ्लोविन
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| -थियामाइन
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| +[[आयोडीन]]
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| ||[[आयोडीन]] (Iodine) की कमी होने से गले में घेंघा नामक रोग हो जाता है। इससे गर्दन फूलकर मोटी, कॉलर जैसी दिखाई देने लगती है। आयोडीन का स्त्रोत [[दूध]], समुद्री भोजन तथा आयोडीन युक्त [[नमक]] है।
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा खेल, खेल मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता' श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-162 प्रश्न-121
| |
| |type="()"}
| |
| -[[टेनिस]]
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| +[[योग]]
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| -तीरंदाजी
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| -[[बैडमिंटन]]
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| ||खेल मंत्रालय द्वारा [[23 मार्च]], [[2015]] को जारी किए गए नवीनतम वर्गीकरण में 'उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के अंतर्गत [[एथलेटिक्स]], [[टेनिस]], [[कुश्ती]], भारोत्तोलन, [[बैडमिंटन]], तीरंदाजी, [[हॉकी]], शूटिंग तथा बॉक्सिंग शामिल हैं। स्पष्ट है कि इनमें 'योग' को शामिल नहीं किया गया है।
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| {[[मानव शरीर]] में हड्डियों को किस आधार पर वर्गीकृत किया जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-177 प्रश्न-131
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| |type="()"}
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| -संरचना और कार्य
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| -स्थान और जुड़ाव
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| +आकार और आकृति
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| -जोड़ और हरकत
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| ||आकृति व आकार के अनुसार अस्थियों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है- '''लंबी अस्थियां'''- लंबी अस्थियां मुख्य तौर पर ऊपरी एवं निचले पाद (Limbs) में होती हैं। उदाहरण- ह्यूमरस, रेडियस, अल्ना, फीमर, टीबिया एवं फिबुला आदि लंबी अस्थियों के उदाहरण हैं। '''छोटी अस्थियां'''- ये अस्थियां लंबाई में छोटी होती हैं। इसलिए इन्हें छोटी अस्थियां कहते हैं। उदाहरण- कार्पस एवं टार्सस। इनके अतिरिक्त अस्थियों के अन्य प्रकार हैं। जैसे- चपटी अस्थियां, सेसामॉयड अस्थियां आदि।
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| </quiz>
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| |}
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| |}
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