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-[[स्वामी सहजानंद सरस्वती]] | -[[स्वामी सहजानंद सरस्वती]] | ||
||[[चित्र:Raja-Rammohana-Roy-2.jpg|right|100px|border|राजा राममोहन राय]]'ब्रह्मसमाज [[हिन्दू धर्म]] से सम्बन्धित प्रथम धर्म-सुधार आन्दोलन था। इसके संस्थापक [[राजा राममोहन राय]] थे, जिन्होंने [[20 अगस्त]], 1828 ई. में इसकी स्थापना कलकत्ता (वर्तमान [[कोलकाता]]) में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य तत्कालीन हिन्दू समाज में व्याप्त बुराईयों, जैसे- [[सती प्रथा]], बहुविवाह, वेश्यागमन, जातिवाद, अस्पृश्यता आदि को समाप्त करना था। राजा राममोहन राय को "भारतीय पुनर्जागरण का पिता" माना जाता है। राजा राममोहन राय पहले भारतीय थे, जिन्होंने समाज में व्याप्त मध्ययुगीन बुराईयों को दूर करने के लिए आन्दोलन चलाया। [[देवेन्द्रनाथ टैगोर]] ने भी [[ब्रह्मसमाज]] को अपनी सेवाएँ प्रदान की थीं। उन्होंने ही [[केशवचन्द्र सेन]] को ब्रह्मसमाज का आचार्य नियुक्त किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा राममोहन राय]], [[ब्रह्मसमाज]] | ||[[चित्र:Raja-Rammohana-Roy-2.jpg|right|100px|border|राजा राममोहन राय]]'ब्रह्मसमाज [[हिन्दू धर्म]] से सम्बन्धित प्रथम धर्म-सुधार आन्दोलन था। इसके संस्थापक [[राजा राममोहन राय]] थे, जिन्होंने [[20 अगस्त]], 1828 ई. में इसकी स्थापना कलकत्ता (वर्तमान [[कोलकाता]]) में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य तत्कालीन हिन्दू समाज में व्याप्त बुराईयों, जैसे- [[सती प्रथा]], बहुविवाह, वेश्यागमन, जातिवाद, अस्पृश्यता आदि को समाप्त करना था। राजा राममोहन राय को "भारतीय पुनर्जागरण का पिता" माना जाता है। राजा राममोहन राय पहले भारतीय थे, जिन्होंने समाज में व्याप्त मध्ययुगीन बुराईयों को दूर करने के लिए आन्दोलन चलाया। [[देवेन्द्रनाथ टैगोर]] ने भी [[ब्रह्मसमाज]] को अपनी सेवाएँ प्रदान की थीं। उन्होंने ही [[केशवचन्द्र सेन]] को ब्रह्मसमाज का आचार्य नियुक्त किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा राममोहन राय]], [[ब्रह्मसमाज]] | ||
{विश्व का सबसे बड़ा "चाय का बाज़ार" किस शहर को माना जाता है? | |||
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+[[गुवाहाटी]] | |||
-[[दिसपुर]] | |||
-[[कचार]] | |||
-[[सिलचर]] | |||
||[[चित्र:Tea-Worker.jpg|right|100px|border|चाय के बाग़ान में काम करते कुछ लोग]]'[[गुवाहाटी]] [[असम]] का महत्त्वपूर्ण व्यापार केंद्र तथा [[बंदरगाह]] है। पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार गुवाहाटी आसपास के क्षेत्र की व्यवसायिक गतिविधियों का केन्द्र है। इसे विश्व का सबसे बड़ा [[चाय]] का बाज़ार माना जाता है। यहाँ एक तेलशोधन संयंत्र और सरकारी कृषि क्षेत्र है तथा उद्योगों में चाय तथा [[कृषि]] उत्पादों का प्रसंस्करण, अनाज पिसाई तथा साबुन बनाना हैं। यहाँ कोई अन्य बड़े उद्योग नहीं हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुवाहाटी]], [[चाय]] | |||
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