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| [[भारतकोश सम्पादकीय 8 जुलाई 2015|अभिभावक]]   
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[[चित्र:Aditya-Chaudhary-Wishva-Hindi-Sammelan-2.jpg |border|right|120px|भारतकोश संस्थापक श्री [[आदित्य चौधरी]] जी को माननीय गृहमंत्री श्री [[राजनाथ सिंह]] 'विश्व हिन्दी सम्मान' से सम्मानित करते हुए|link=विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015]]
====[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015#समाचार|भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी को 'विश्व हिन्दी सम्मान']]====
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        [[आदित्य चौधरी|भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी]] को [[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015|दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन]] में भारतकोश का ऑनलाइन प्रकाशन एवं छात्रों को नि:शुल्क कम्प्यूटर शिक्षा देने के लिए [[भारत सरकार]] के विदेश मंत्रालय द्वारा निमंत्रण मिला। भारत के माननीय गृहमंत्री श्री [[राजनाथ सिंह]] ने 12 सितम्बर, 2015 को श्री आदित्य चौधरी जी को 'विश्व हिन्दी सम्मान' से सम्मानित किया। [[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015|...और पढ़ें]]
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08:00, 5 मई 2016 का अवतरण

भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
हिन्दी के ई-संसार का संचार

        इंटरनेट आज के समाज का पाँचवा स्तम्भ है। गुज़रे ज़माने में समाज पर असर डालने वाले माध्यमों में समाचार पत्रों, पुस्तकों और फ़िल्मों को ज़िम्मेदार समझा जाता रहा है लेकिन आज के समाज को प्रभावित करने में इंटरनेट की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हो गई है। मोबाइल ‘नेटवर्क’ के लिए गली-मुहल्ले-देहात की भाषा में ‘नटवर’ शब्द लोकप्रिय है। हमारे घर में खाना बनाने वाली के पास दो स्मार्टफ़ोन हैं लेकिन उसका स्मार्टफ़ोन उसके नौकरी में उसका सहायक नहीं है। जिसका कारण है कि स्मार्टफ़ोन को मनोरंजन को वरीयता देकर बनाया गया है। होना यह चाहिए कि कंप्यूटर और स्मार्टफ़ोन प्रयोक्ता की ज़रूरत के हिसाब से बनाया जाए जिसमें कि वरीयता उसकी नौकरी या कामकाज हो… पूरा पढ़ें

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