"प्रयोग:प्रिया": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
!विवरण | !विवरण | ||
|- | |- | ||
| | | 1 | ||
| | | 325 ईसवी | ||
| | | कृष्णा नदी के दक्षिण | ||
| पल्लव वंशी राज्य की स्थापना। | |||
|- | |- | ||
| | | 2 | ||
| | | 335–376 ईसवी | ||
| | | | ||
| समुद्र गुप्त का शासनकाल। | |||
|- | |||
| 3 | |||
| 330–375 ईसवी | |||
| पूर्व में असम, पश्चिम में काबुल, उत्तर में नेपाल तथा दक्षिण में पल्लवों तक, केवल उज्जैन स्वतंत्र (शक वंश के अधीन)। | |||
| सम्पूर्ण उत्तर भारत में समुद्रगुप्त का शासन। | |||
|- | |||
| 4 | |||
| 350 ईसवी | |||
| | |||
| मयूरशर्मन द्वारा कदम्ब वंश की स्थापना जो अगले 200 वर्षों तक विद्यमान रहा। | |||
|- | |||
| 2 | |||
| 375–413 ईसवी | |||
| | |||
| समुद्र गुप्त का शासनकाल। | |||
|- | |||
| 3 | |||
| 330–375 ईसवी | |||
| पूर्व में असम, पश्चिम में काबुल, उत्तर में नेपाल तथा दक्षिण में पल्लवों तक, केवल उज्जैन स्वतंत्र (शक वंश के अधीन)। | |||
| सम्पूर्ण उत्तर भारत में समुद्रगुप्त का शासन। | |||
|- | |||
| 4 | |||
| 350 ईसवी | |||
| | |||
| मयूरशर्मन द्वारा कदम्ब वंश की स्थापना जो अगले 200 वर्षों तक विद्यमान रहा। | |||
|} | |} | ||
चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य द्वारा उज्जैन, मालवा तथा गुजरात पर विजय, राजधानी पाटलिपुत्र से अयोध्या और तत्पश्चात कौशाम्बी स्थानान्तरित, चीनी यात्री फाह्यान का भारत आगमन। | |||
*415–454 – कुमारगुप्त प्रथम का शासनकाल, नालन्दा में बौद्ध विहार तथा विश्वविद्यालय की स्थापना, हुणों के आक्रमण का ख़तरा। | |||
*455–467 – स्कन्दगुप्त का शासनकाल, हूणों का भारत पर प्रथम आक्रमण तथा उनकी पराजय। | |||
*477–496 – बुद्धगुप्त-गुप्तवंश का अन्तिम सम्राट, गुप्तवंश का विघटन प्रारम्भ। | |||
*500–502 – हूणों के प्रथम शासक तोरमण द्वारा भारत में राज्य स्थापना तथा मध्यवर्ती भाग (मालवा में एरण) तक उसका विस्तार। | |||
*502–528 – तोरमण का उत्तराधिकारी मिहिरकुल भारत में गुप्त शासक भानुगुप्त द्वारा पराजित, एरन पर गुप्तवंश का पुनः अधिकार, (510)। | |||
*533 – मंदसौर के यशोधर्मन की मिहिरकुल पर विजय। | |||
*540 – परवर्ती गुप्त तथा गुप्त वंश की मुख्य शाखा का अन्त। | |||
*606–647 – हर्ष (पुष्यभुति या कान्यकुब्ज वंश) का शासनकाल। चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग का भारत आगमन (630-44), बाणभट्ट ने 'हर्षचरित' की रचना की। | |||
*647 – तिब्बत से कन्नौज आते हुए ह्वेनसांग पर किसी स्थानीय सामंत के द्वारा हमला। | |||
*700 – कन्नौज में यशोवर्मन (मौखरी वंश) सिंहासनारूढ़, संस्कृत नाट्यकार भवभूति तथा प्राकृत कवि वाक्पतिराज को उसके राजदरबार में संरक्षण। | |||
*600–1200 – मौखरी वंश के शासक यशोवर्मन की मृत्यु (752), उत्तर, मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत में अनेक सामंतों के द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा, अनेक छोटे-बड़े राज्यों का उदय, बंगाल में गौड़, खंग, वर्मन, पाल तथा सेन वंश, उज्जैन में गुर्जर-प्रतिहार, कन्नौज में प्रतिहार, उड़ीसा में भौम, भंज, सोम तथा पूर्वी गंग वंश, असम में भास्कर वर्मा, गुजरात में चालुक्य, धारा में परमार, नर्मदा-त्रिपुरी तथा उत्तर प्रदेश में कलचुरी, राजस्थान में चाहमान (चौहान), बुंदेलखण्ड में चंदेल, कन्नौज में गहड़वाल, कश्मीर में कार्कोट, उत्पल तथा लोहार, अफ़ग़ानिस्तान-पंजाब में हिन्दूशाही वंश। |
05:57, 12 अगस्त 2010 का अवतरण
ईसा पूर्व
क्रम | ईसवी/वर्ष | स्थान | विवरण |
---|---|---|---|
1 | 325 ईसवी | कृष्णा नदी के दक्षिण | पल्लव वंशी राज्य की स्थापना। |
2 | 335–376 ईसवी | समुद्र गुप्त का शासनकाल। | |
3 | 330–375 ईसवी | पूर्व में असम, पश्चिम में काबुल, उत्तर में नेपाल तथा दक्षिण में पल्लवों तक, केवल उज्जैन स्वतंत्र (शक वंश के अधीन)। | सम्पूर्ण उत्तर भारत में समुद्रगुप्त का शासन। |
4 | 350 ईसवी | मयूरशर्मन द्वारा कदम्ब वंश की स्थापना जो अगले 200 वर्षों तक विद्यमान रहा। | |
2 | 375–413 ईसवी | समुद्र गुप्त का शासनकाल। | |
3 | 330–375 ईसवी | पूर्व में असम, पश्चिम में काबुल, उत्तर में नेपाल तथा दक्षिण में पल्लवों तक, केवल उज्जैन स्वतंत्र (शक वंश के अधीन)। | सम्पूर्ण उत्तर भारत में समुद्रगुप्त का शासन। |
4 | 350 ईसवी | मयूरशर्मन द्वारा कदम्ब वंश की स्थापना जो अगले 200 वर्षों तक विद्यमान रहा। |
चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य द्वारा उज्जैन, मालवा तथा गुजरात पर विजय, राजधानी पाटलिपुत्र से अयोध्या और तत्पश्चात कौशाम्बी स्थानान्तरित, चीनी यात्री फाह्यान का भारत आगमन।
- 415–454 – कुमारगुप्त प्रथम का शासनकाल, नालन्दा में बौद्ध विहार तथा विश्वविद्यालय की स्थापना, हुणों के आक्रमण का ख़तरा।
- 455–467 – स्कन्दगुप्त का शासनकाल, हूणों का भारत पर प्रथम आक्रमण तथा उनकी पराजय।
- 477–496 – बुद्धगुप्त-गुप्तवंश का अन्तिम सम्राट, गुप्तवंश का विघटन प्रारम्भ।
- 500–502 – हूणों के प्रथम शासक तोरमण द्वारा भारत में राज्य स्थापना तथा मध्यवर्ती भाग (मालवा में एरण) तक उसका विस्तार।
- 502–528 – तोरमण का उत्तराधिकारी मिहिरकुल भारत में गुप्त शासक भानुगुप्त द्वारा पराजित, एरन पर गुप्तवंश का पुनः अधिकार, (510)।
- 533 – मंदसौर के यशोधर्मन की मिहिरकुल पर विजय।
- 540 – परवर्ती गुप्त तथा गुप्त वंश की मुख्य शाखा का अन्त।
- 606–647 – हर्ष (पुष्यभुति या कान्यकुब्ज वंश) का शासनकाल। चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग का भारत आगमन (630-44), बाणभट्ट ने 'हर्षचरित' की रचना की।
- 647 – तिब्बत से कन्नौज आते हुए ह्वेनसांग पर किसी स्थानीय सामंत के द्वारा हमला।
- 700 – कन्नौज में यशोवर्मन (मौखरी वंश) सिंहासनारूढ़, संस्कृत नाट्यकार भवभूति तथा प्राकृत कवि वाक्पतिराज को उसके राजदरबार में संरक्षण।
- 600–1200 – मौखरी वंश के शासक यशोवर्मन की मृत्यु (752), उत्तर, मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत में अनेक सामंतों के द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा, अनेक छोटे-बड़े राज्यों का उदय, बंगाल में गौड़, खंग, वर्मन, पाल तथा सेन वंश, उज्जैन में गुर्जर-प्रतिहार, कन्नौज में प्रतिहार, उड़ीसा में भौम, भंज, सोम तथा पूर्वी गंग वंश, असम में भास्कर वर्मा, गुजरात में चालुक्य, धारा में परमार, नर्मदा-त्रिपुरी तथा उत्तर प्रदेश में कलचुरी, राजस्थान में चाहमान (चौहान), बुंदेलखण्ड में चंदेल, कन्नौज में गहड़वाल, कश्मीर में कार्कोट, उत्पल तथा लोहार, अफ़ग़ानिस्तान-पंजाब में हिन्दूशाही वंश।