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|हिन्दी=विजय- जैसे-युद्ध में जय प्राप्त हुई, जीत, संयम, संग्रह, जैसे इन्द्रिय जय, इन्द्र का पुत्र जयन्त, लाभ, बृहस्पति-युग के साठ संवत्सरों में से एक, एक वृक्ष, अरणी, अग्निमन्थ, जयन्ती, विष्णु का एक द्वारपाल
|हिन्दी=विजय- जैसे-युद्ध में जय प्राप्त हुई, जीत, संयम, संग्रह, जैसे इन्द्रिय जय, इन्द्र का पुत्र जयन्त, लाभ, बृहस्पति-युग के साठ संवत्सरों में से एक, एक वृक्ष, अरणी, अग्निमन्थ, जयन्ती, विष्णु का एक द्वारपाल
|व्याकरण=पुल्लिंग [स॰ जि+अच्] जीत, विलोम-पराजय
|व्याकरण=पुल्लिंग [स॰ जि+अच्] जीत, विलोम-पराजय
|उदाहरण=राम को युद्ध में रावण से विजय प्राप्त हुई।
|उदाहरण=अयोध्या की प्रजा रामजी की जयजयकार करती थी।
|विशेष=परस्पर मिलने पर 'जय राम जी', 'जय श्री राम', 'जय गोपाल' या 'जय जिनेन्द्र' आदि कहना सांस्कृतिक धार्मिक शिष्टाचार में 'नमस्ते/प्रणाम' के समान प्रचलित है।  
|विशेष=परस्पर मिलने पर 'जय राम जी', 'जय श्री राम', 'जय गोपाल' या 'जय जिनेन्द्र' आदि कहना सांस्कृतिक धार्मिक शिष्टाचार में 'नमस्ते/प्रणाम' के समान प्रचलित है।  
|पर्यायवाची=ग़लबा, ज़फ़र, जयलक्ष्मी, जयश्री, जिति, जीत, जैत्र, फ़तह, लाभ, विजय, सफलता, सर, सिद्धि
|पर्यायवाची=ग़लबा, ज़फ़र, जयलक्ष्मी, जयश्री, जिति, जीत, जैत्र, फ़तह, लाभ, विजय, सफलता, सर, सिद्धि

10:33, 11 जून 2010 का अवतरण

शब्द संदर्भ
हिन्दी विजय- जैसे-युद्ध में जय प्राप्त हुई, जीत, संयम, संग्रह, जैसे इन्द्रिय जय, इन्द्र का पुत्र जयन्त, लाभ, बृहस्पति-युग के साठ संवत्सरों में से एक, एक वृक्ष, अरणी, अग्निमन्थ, जयन्ती, विष्णु का एक द्वारपाल
-व्याकरण    पुल्लिंग [स॰ जि+अच्] जीत, विलोम-पराजय
-उदाहरण   अयोध्या की प्रजा रामजी की जयजयकार करती थी।
-विशेष    परस्पर मिलने पर 'जय राम जी', 'जय श्री राम', 'जय गोपाल' या 'जय जिनेन्द्र' आदि कहना सांस्कृतिक धार्मिक शिष्टाचार में 'नमस्ते/प्रणाम' के समान प्रचलित है।
-विलोम   
-पर्यायवाची    ग़लबा, ज़फ़र, जयलक्ष्मी, जयश्री, जिति, जीत, जैत्र, फ़तह, लाभ, विजय, सफलता, सर, सिद्धि
संस्कृत जयः [जि+अच्] जीत, विजयोत्सव, विजय, सफलता, जीतना (युद्ध में खेल में या मुक़दमे में), संयम, दमन, जीतना- जैसा कि 'इन्द्रियजय' में, सूर्य का नाम, इन्द्र का पुत्र जयन्त, पाण्डव राजकुमार युधिष्ठर, विष्णु का सेवक, अर्जुन का विशेषण, दुर्गा, दुर्गा का सेवक, एक प्रकार का झण्डा
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