"ऐ मेरे वतन के लोगों": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (ए मेरे वतन के लोगो का नाम बदलकर ऐ मेरे वतन के लोगो कर दिया गया है)
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
{| class="bharattable-pink" align="right"
{| class="bharattable-pink" align="right"
|+ संक्षिप्त परिचय
|+ संक्षिप्त परिचय
|-
|-
|
|
* फ़िल्म :
* संगीतकार : [[सी. रामचंद्र]]
* संगीतकार :  
* गायिका: [[लता मंगेशकर]]
* गायक :  
* गीतकार:[[प्रदीप]]
* गीतकार: लता मंगेशकर, प्रदीप
* फ़िल्मांकन:
|}
|}
{{Poemopen}}
{{Poemopen}}
<poem>
<poem>
मेरे वतन के लोगों
मेरे वतन के लोगो
तुम खूब लगा लो नारा
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
ये शुभ दिन है हम सब का
पंक्ति 21: पंक्ति 18:
जो लौट के घर न आए -2
जो लौट के घर न आए -2


मेरे वतन के लोगों
मेरे वतन के लोगो
ज़रा आँख में भर लो पानी
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
जो शहीद हुए हैं उनकी
पंक्ति 28: पंक्ति 25:
जब घायल हुआ हिमालय
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लादे वोः
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
संगीन पे धर कर माथा
सो गए अमर बलिदानी
सो गए अमर बलिदानी
जो शहीद...
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी


जब देश में थी दिवाली
जब देश में थी दिवाली
वोः खेल रहे थे होली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
जब हम बैठे थे घरों में
वोः झेल रहे थे गोली
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वोः आपने
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वोः उनकी जवानी
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद ...
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी


कोई सिख कोई जात मराठा
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पे मरनेवाला
सरहद पे मरने वाला
हर वीर था भारतवासी
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
जो खून गिरा पर्वत पर
वोः खून था हिन्दुस्तानी
वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद...
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी


थी खून से लात-पथ काया
थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
दस-दस को एक ने मारा
पंक्ति 58: पंक्ति 58:
खुश रहना देश के प्यारों
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफर करते हैं
अब हम तो सफर करते हैं
क्या लोग थे वोः दीवाने
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वोः अभिमानी
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद...
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी


तुम भूल न जाओ उनको
तुम भूल न जाओ उनको
इस लिए कही ये कहानी
इस लिए कही ये कहानी
जो शहीद...
जो शहीद हुए हैं उनकी
जे हिंद जे हिंद की सेना -2
ज़रा याद करो कुर्बानी
जे हिंद, जे हिंद, जे हिंद
 
जय हिंद जय हिंद की सेना -2
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद
</poem>
</poem>
{{Poemclose}}
{{Poemclose}}
पंक्ति 72: पंक्ति 75:




{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
 
*[http://www.youtube.com/watch?v=M39a7GbNsLA ऐ मेरे वतन के लोगो (यू-ट्यूब)]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{देश भक्ति गीत}}
[[Category:नया पन्ना दिसंबर-2011]]
[[Category:फ़िल्मी गीत]]
 
[[Category:देश भक्ति गीत]]
[[Category:संगीत]]
[[Category:संगीत कोश]]
[[Category:सिनेमा]]
[[Category:सिनेमा कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
[[Category:देश_भक्ति_गीत]]
__NOTOC__

08:25, 11 दिसम्बर 2012 का अवतरण

संक्षिप्त परिचय

ऐ मेरे वतन के लोगो
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो -2
जो लौट के घर न आए -2

ऐ मेरे वतन के लोगो
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गए अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

जब देश में थी दिवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पे मरने वाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गए होश गँवा के
जब अंत-समय आया तो
कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफर करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

तुम भूल न जाओ उनको
इस लिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

जय हिंद जय हिंद की सेना -2
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद



टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख