"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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{[[चाय]] में 'लाल रस्ट रोग' किसके कारण होता है? | {[[चाय]] में 'लाल रस्ट रोग' किसके कारण होता है? | ||
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-[[जीवाणु]] | -[[जीवाणु]] | ||
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||कुछ शैवाल जलाशयों में प्रदूषण बढ़ाते हैं, जिससे पानी प्रयोग के योग्य नहीं रह जाता है। ये [[शैवाल]] ज़हर पैदा करते हैं, जिससे [[मछली|मछलियाँ]] मर जाती हैं और नदियों आदि का प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ जाता है। इस तरह की शैवालों में 'माइक्रोसिस्टिस' तथा 'क्रोकोकस' आदि उल्लेखनीय हैं। 'सिफेल्यूरोस' नामक शैवाल की जातियाँ [[चाय]] पर ‘लाल किट्ट रोग’ उत्पन्न करती हैं, जिससे चाय उद्योग को भारी हानि पहुँचती है। [[वर्षा]] के दिनों में ज़मीन [[हरा रंग|हरे रंग]] की दिखने लगती है और फिसलनदार हो जाती है। इस ज़मीन में हरित-नीले शैवाल उग आते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शैवाल]] | ||कुछ शैवाल जलाशयों में प्रदूषण बढ़ाते हैं, जिससे पानी प्रयोग के योग्य नहीं रह जाता है। ये [[शैवाल]] ज़हर पैदा करते हैं, जिससे [[मछली|मछलियाँ]] मर जाती हैं और नदियों आदि का प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ जाता है। इस तरह की शैवालों में 'माइक्रोसिस्टिस' तथा 'क्रोकोकस' आदि उल्लेखनीय हैं। 'सिफेल्यूरोस' नामक शैवाल की जातियाँ [[चाय]] पर ‘लाल किट्ट रोग’ उत्पन्न करती हैं, जिससे चाय उद्योग को भारी हानि पहुँचती है। [[वर्षा]] के दिनों में ज़मीन [[हरा रंग|हरे रंग]] की दिखने लगती है और फिसलनदार हो जाती है। इस ज़मीन में हरित-नीले शैवाल उग आते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शैवाल]] | ||
{'कसीस का तेल' क्या कहलाता है? | {'कसीस का तेल' क्या कहलाता है? | ||
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-नाइट्रिक अम्ल | -नाइट्रिक अम्ल | ||
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+सल्फ़्यूरिक अम्ल | +सल्फ़्यूरिक अम्ल | ||
{'हाइडोजन अम्लों का अनिवार्य अंग है।' यह किसने सिद्ध किया था? | {'हाइडोजन अम्लों का अनिवार्य अंग है।' यह किसने सिद्ध किया था? | ||
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+डेवी ने | +डेवी ने | ||
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-बॉयल ने | -बॉयल ने | ||
{जब दो या दो से अधिक [[पदार्थ]] परस्पर संयोग करके केवल एक पदार्थ बनाते हैं तो यह अभिक्रिया कहलाती है- | {जब दो या दो से अधिक [[पदार्थ]] परस्पर संयोग करके केवल एक पदार्थ बनाते हैं तो यह अभिक्रिया कहलाती है- | ||
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+योगात्मक | +योगात्मक | ||
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-प्रतिस्थापन | -प्रतिस्थापन | ||
{वास्तविक केन्द्रक किसमें अनुपस्थित होता है? | {वास्तविक केन्द्रक किसमें अनुपस्थित होता है? | ||
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+[[जीवाणु|जीवाणुओं]] में | +[[जीवाणु|जीवाणुओं]] में | ||
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||[[चित्र:Bacteria.jpg|right|100px|जीवाणु]]'जीवाणु' एक एककोशिकीय जीव है। इसका आकार कुछ मिमी. तक ही होता है। इनकी आकृति गोल या मुक्त-चक्राकार से लेकर छङा, आदि आकार की हो सकती है। पहले जीवाणुओं को पैधा माना जाता था, परंतु अब उनका वर्गीकरण प्रोकैरियोट्स के रूप में होता है। दुसरे जन्तु कोशिकों तथा यूकैरियोट्स की भांति जीवाणु कोष में पूर्ण विकसीत केन्द्रक का सर्वथा आभाव होता है, जबकि दोहरी झिल्ली युक्त कोसिकांग यदा कदा ही पाएं जाते हैं। पारंपरिक रूप से [[जीवाणु]] शब्द का प्रयोग सभी सजीवों के लिए होता था, परंतु यह वैज्ञानिक वर्गीकरण [[1990]] ई. में हुए एक खोज के बाद बदल गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जीवाणु]] | ||[[चित्र:Bacteria.jpg|right|100px|जीवाणु]]'जीवाणु' एक एककोशिकीय जीव है। इसका आकार कुछ मिमी. तक ही होता है। इनकी आकृति गोल या मुक्त-चक्राकार से लेकर छङा, आदि आकार की हो सकती है। पहले जीवाणुओं को पैधा माना जाता था, परंतु अब उनका वर्गीकरण प्रोकैरियोट्स के रूप में होता है। दुसरे जन्तु कोशिकों तथा यूकैरियोट्स की भांति जीवाणु कोष में पूर्ण विकसीत केन्द्रक का सर्वथा आभाव होता है, जबकि दोहरी झिल्ली युक्त कोसिकांग यदा कदा ही पाएं जाते हैं। पारंपरिक रूप से [[जीवाणु]] शब्द का प्रयोग सभी सजीवों के लिए होता था, परंतु यह वैज्ञानिक वर्गीकरण [[1990]] ई. में हुए एक खोज के बाद बदल गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जीवाणु]] | ||
{निम्न में से कौन-सा [[जल]] सबसे अधिक शुद्ध है? | {निम्न में से कौन-सा [[जल]] सबसे अधिक शुद्ध है? | ||
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-[[समुद्र]] का [[जल]] | -[[समुद्र]] का [[जल]] | ||
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-[[कुआँ|कुऐं]] का जल | -[[कुआँ|कुऐं]] का जल | ||
{'बीनस के फूलों का गुलदस्ता' जो [[जापान]] में भेंट किया जाता है- | {'बीनस के फूलों का गुलदस्ता' जो [[जापान]] में भेंट किया जाता है- | ||
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-ल्यूको सोलीनिया | -ल्यूको सोलीनिया | ||
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+यूप्लेक्टेला | +यूप्लेक्टेला | ||
{निम्न में वह कौन-सा पौधा है, जो [[ऑक्सीजन]] की अनुपस्थिति में [[श्वसन]] कर सकता है? | {निम्न में वह कौन-सा पौधा है, जो [[ऑक्सीजन]] की अनुपस्थिति में [[श्वसन]] कर सकता है? | ||
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-[[गुलाब]] | -[[गुलाब]] | ||
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-[[आलू]] | -[[आलू]] | ||
{निम्न में सबसे स्थायी पारिस्थितिक तन्त्र कौन-सा है? | {निम्न में सबसे स्थायी पारिस्थितिक तन्त्र कौन-सा है? | ||
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-वन | -वन | ||
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||[[चित्र:Arabian-Sea-3.jpg|right|120px|अरब सागर, केरल]]'सागर' या 'समुद्र' खारे पानी का विशाल और लगातार क्षेत्र होता है, जो [[पृथ्वी]] का ज़्यादातर हिस्सा ढके हुए है। यह महासागरों का हिस्सा होते हैं, जैसे- [[हिंद महासागर]], [[अरब सागर]] आदि। भारतीय उपमहाद्वीप को घेरे हुए नीले पानी में यात्रा करना स्मरणीय अनुभव होता है। अधिकांश तटीय राज्यों में नियमित सरकारी जहाज़ उपलब्ध हैं। समुद्री यात्रा का उपयोग अधिकांशत: अरब सागर में [[लक्षद्वीप]] पहुँचने और [[बंगाल की खाड़ी]] में [[अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह]] पहुँचने में किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[समुद्र]] | ||[[चित्र:Arabian-Sea-3.jpg|right|120px|अरब सागर, केरल]]'सागर' या 'समुद्र' खारे पानी का विशाल और लगातार क्षेत्र होता है, जो [[पृथ्वी]] का ज़्यादातर हिस्सा ढके हुए है। यह महासागरों का हिस्सा होते हैं, जैसे- [[हिंद महासागर]], [[अरब सागर]] आदि। भारतीय उपमहाद्वीप को घेरे हुए नीले पानी में यात्रा करना स्मरणीय अनुभव होता है। अधिकांश तटीय राज्यों में नियमित सरकारी जहाज़ उपलब्ध हैं। समुद्री यात्रा का उपयोग अधिकांशत: अरब सागर में [[लक्षद्वीप]] पहुँचने और [[बंगाल की खाड़ी]] में [[अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह]] पहुँचने में किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[समुद्र]] | ||
{भारतीय [[मोर]] का वैज्ञानिक नाम क्या है? | {भारतीय [[मोर]] का वैज्ञानिक नाम क्या है? | ||
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-पैन्थेरा टाइग्रिस | -पैन्थेरा टाइग्रिस | ||
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-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{भूमि में अधिक गहराई पर बोए गए बीज प्राय: अंकुरित नहीं होते हैं, क्योंकि- | {भूमि में अधिक गहराई पर बोए गए बीज प्राय: अंकुरित नहीं होते हैं, क्योंकि- | ||
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+इन्हें वायु नहीं मिल पाती है। | +इन्हें वायु नहीं मिल पाती है। | ||
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-इन्हें प्रकाश नहीं मिल पाता है। | -इन्हें प्रकाश नहीं मिल पाता है। | ||
{तालाबों और [[कुआँ|कुओं]] में किस एक को छोड़ने से मच्छरों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है? | {तालाबों और [[कुआँ|कुओं]] में किस एक को छोड़ने से मच्छरों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है? | ||
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-केकड़ा | -केकड़ा | ||
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-घोंघा | -घोंघा | ||
{[[मानव शरीर]] में 'एन्टअमीबा हिस्टोलिटिका' कहाँ पाया जाता है? | {[[मानव शरीर]] में 'एन्टअमीबा हिस्टोलिटिका' कहाँ पाया जाता है? | ||
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+[[आन्त्र]] | +[[आन्त्र]] | ||
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||[[मानव शरीर|मनुष्य के शरीर]] में [[आन्त्र]] मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित रहती है- '[[छोटी आन्त्र]]' और '[[बड़ी आन्त्र]]।' छोटी आन्त्र [[आमाशय]] के पीछे व उदरगुहा के अधिकांश भाग को घेरे हुए, लगभग 6 मीटर लम्बी व 2.5 सेमी मोटी और अत्यधिक कुण्डलित नलिका होती है। छोटी आन्त्र शेषान्त्र के पीछे की ओर बड़ी आन्त्र में खुलती है। यह छोटी आन्त्र की अपेक्षा अधिक चौड़ी व लगभग 1.5 मीटर लम्बी तथा 6.7 सेमी मोटी होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आंत]] | ||[[मानव शरीर|मनुष्य के शरीर]] में [[आन्त्र]] मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित रहती है- '[[छोटी आन्त्र]]' और '[[बड़ी आन्त्र]]।' छोटी आन्त्र [[आमाशय]] के पीछे व उदरगुहा के अधिकांश भाग को घेरे हुए, लगभग 6 मीटर लम्बी व 2.5 सेमी मोटी और अत्यधिक कुण्डलित नलिका होती है। छोटी आन्त्र शेषान्त्र के पीछे की ओर बड़ी आन्त्र में खुलती है। यह छोटी आन्त्र की अपेक्षा अधिक चौड़ी व लगभग 1.5 मीटर लम्बी तथा 6.7 सेमी मोटी होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आंत]] | ||
{मानव के [[आँसू]] में कौन-सा एन्जाइम होता है, जिससे [[जीवाणु]] मर जाते हैं? | {मानव के [[आँसू]] में कौन-सा एन्जाइम होता है, जिससे [[जीवाणु]] मर जाते हैं? | ||
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-एमाइलेज | -एमाइलेज | ||
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-प्लीहा | -प्लीहा | ||
{किसका अधपका कच्चा मांस खाने से फीताकृमि मनुष्य की [[आन्त्र]] में पहुँचता है? | {किसका अधपका कच्चा मांस खाने से फीताकृमि मनुष्य की [[आन्त्र]] में पहुँचता है? | ||
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-बकरी | -बकरी |
05:30, 30 मई 2012 का अवतरण
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