"तवांग मठ": अवतरणों में अंतर
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'''तवांग मठ''' [[अरुणाचल प्रदेश]] के [[तवांग]] शहर में स्थित एक बौद्ध मठ है। | |||
*तवांग मठ का निर्माण मेराक लामा लोड्रे ग्यात्सो ने 1680-81 ई. में कराया था। | *तवांग मठ का निर्माण मेराक लामा लोड्रे ग्यात्सो ने 1680-81 ई. में कराया था। | ||
*तवांग मठ एक पहाड़ी पर बना हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 10,000 फीट है। | *तवांग मठ एक पहाड़ी पर बना हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 10,000 फीट है। | ||
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तवांग मठ अरुणाचल प्रदेश के तवांग शहर में स्थित एक बौद्ध मठ है।
- तवांग मठ का निर्माण मेराक लामा लोड्रे ग्यात्सो ने 1680-81 ई. में कराया था।
- तवांग मठ एक पहाड़ी पर बना हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 10,000 फीट है।
- यहाँ पर कई छोटी नदियाँ भी बहती हैं। यहाँ से पूरी त्वांग-चू घाटी के ख़ूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं।
- तवांग मठ दूर से क़िले जैसा दिखाई देता है। पूरे देश में यह अपने प्रकार का अकेला बौद्ध मठ है।
- तवांग मठ एशिया का सबसे बडा बौद्ध मठ है। तवांग मठ में 700 बौद्ध साधू ठहर सकते हैं।
- तवांग मठ के पास एक जलधारा भी बहती है। यह जलधारा बहुत ख़ूबसूरत है और यह मठ के लिए जल की आपूर्ति भी करती है।
- तवांग मठ का प्रवेश द्वार दक्षिण में है। प्रवेश द्वार का नाम काकालिंग है। काकालिंग देखने में झोपडी जैसा लगता है और इसकी दो दीवारों के निर्माण में पत्थरों का प्रयोग किया गया है। इन दीवारों पर ख़ूबसूरत चित्रकारी की गई है, जो पर्यटकों को बहुत पसंद आती है।[1]
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