"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर

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-[[बटुकेश्वर दत्त]]
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+[[मंगल पाण्डे]]
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||[[चित्र:Mangal Panday.jpg|right|100px|मंगल पाण्डे]]सिपाहियों को 1853 ई. में नयी 'एनफ़ील्ड बंदूक' दी गई थी, जिसे भरने के लिये कारतूस को दाँतों से काटकर खोलना पडता था और उसमे भरे हुए बारुद को बंदूक़ की नली में भरकर कारतूस में डालना पड़ता था। कारतूस के बाहरी आवरण मे चर्बी होती थी, जो उसे नमी आदि से बचाती थी। 29 मार्च सन 1857 ई. को नए कारतूस का प्रयोग करवाया गया, मंगल पण्डे ने आज्ञा मानने से मना कर दिया और धोखे से [[धर्म]] भ्रष्ट करने की कोशिश के ख़िलाफ़ [[अंग्रेज़]] 'सार्जेंक हडसन' से उनका विवाद हो गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मंगल पाण्डे]]
||[[चित्र:Mangal Panday.jpg|right|100px|मंगल पाण्डे]]सिपाहियों को 1853 ई. में नयी 'एनफ़ील्ड बंदूक' दी गई थी, जिसे भरने के लिये कारतूस को दाँतों से काटकर खोलना पडता था। कारतूस के बाहरी आवरण मे चर्बी होती थी, जो उसे नमी आदि से बचाती थी। 29 मार्च सन 1857 ई. को नए कारतूस का प्रयोग करवाया गया, मंगल पण्डे ने आज्ञा मानने से मना कर दिया और धोखे से [[धर्म]] भ्रष्ट करने की कोशिश के ख़िलाफ़ [[अंग्रेज़]] 'सार्जेंक हडसन' से उनका विवाद हो गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मंगल पाण्डे]]


{1857 के विद्रोह की असफलता के बाद [[मुग़ल]] बादशाह बहादुरशाह जफ़र द्वितीय को कहाँ निर्वासित कर दिया गया?
{1857 ई. के विद्रोह की असफलता के बाद [[मुग़ल]] बादशाह [[बहादुरशाह द्वितीय|बहादुरशाह जफ़र द्वितीय]] को कहाँ निर्वासित कर दिया गया?
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-[[सिंगापुर]]
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+[[रंगून]]
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-[[बर्मा]]
-[[बर्मा]]
||[[चित्र:Bahadur-Shah-II.jpg|right|100px|]]1857 ई. में [[प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम|स्वतंत्रता संग्राम]] शुरू होने के समय [[बहादुरशाह द्वितीय]] 82 वर्ष के बूढे थे, और स्वयं निर्णय लेने की क्षमता खो चुके थे। संग्रामकारियों ने उनको आज़ाद हिन्दुस्तान का बादशाह बनाया। इस कारण [[अंग्रेज़]] उनसे कुपित हो गये और उन्होंने उनसे शत्रुवत् व्यवहार किया। सितम्बर 1857 ई. में अंग्रेज़ों ने दुबारा [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़ा जमा लिया और बहादुरशाह द्वितीय को गिरफ़्तार करके उन पर मुक़दमा चलाया गया तथा उन्हें [[रंगून]] निर्वासित कर दिया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बहादुरशाह द्वितीय|बहादुरशाह जफ़र द्वितीय]]


{1857 की क्रान्ति का चिह्न क्या निश्चित किया गया था?
{1857 ई. की क्रान्ति का चिह्न क्या निश्चित किया गया था?
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+कमल एवं चपाती
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-1917 में
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1920 में
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||[[चित्र:Hardayal.jpg|right|100px|लाला हरदयाल]]'गदर पार्टी' की स्थापना 25 जून, 1913 ई. में की गई थी। पार्टी का जन्म [[अमेरिका]] के सैन फ़्राँसिस्को के 'एस्टोरिया' में [[अंग्रेज़]] साम्राज्य को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से हुआ। गदर पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष 'सरदार सोहन सिंह भाकना' थे। इसके अतिरिक्त केसर सिंह थथगढ (उपाध्यक्ष), [[लाला हरदयाल]] (महामंत्री), लाला ठाकुरदास धुरी (संयुक्त सचिव) और पण्डित कांशीराम मदरोली (कोषाध्यक्ष) थे। ‘गदर’ नामक पत्र के आधार पर ही पार्टी का नाम भी ‘गदर पार्टी’ रखा गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला हरदयाल]]


{पैमानों की खोज ने यह सिद्ध कर दिया है कि [[सिन्धु घाटी]] के लोग माप और तौल से परिचित थे। यह खोज कहाँ पर हुई?
{पैमानों की खोज ने यह सिद्ध कर दिया है कि [[सिन्धु घाटी]] के लोग माप और तौल से परिचित थे। यह खोज कहाँ पर हुई?

07:55, 23 दिसम्बर 2011 का अवतरण

2 महाराष्ट्र में 'रामोसी कृषक जत्था' किसने स्थापित किया था?

न्यायमूर्ति रानाडे
गोपाल कृष्ण गोखले
वासुदेव बलवंत फड़के
ज्योतिबा फुले

4 वह पहला भारतीय सिपाही कौन था, जिसने चर्बी वाले कारतूस का प्रयोग करने से इन्कार कर दिया था?

शिवराम
हरदेव
बटुकेश्वर दत्त
मंगल पाण्डे

5 1857 ई. के विद्रोह की असफलता के बाद मुग़ल बादशाह बहादुरशाह जफ़र द्वितीय को कहाँ निर्वासित कर दिया गया?

सिंगापुर
नेपाल
रंगून
बर्मा

6 1857 ई. की क्रान्ति का चिह्न क्या निश्चित किया गया था?

कमल एवं चपाती
कमल एवं गदा
कमल एवं गुलाब
कमल एवं तलवार

7 'गदर पार्टी' की स्थापना किस वर्ष हुई थी?

1907 में
1913 में
1917 में

8 पैमानों की खोज ने यह सिद्ध कर दिया है कि सिन्धु घाटी के लोग माप और तौल से परिचित थे। यह खोज कहाँ पर हुई?

कालीबंगा
मोहनजोदड़ो
रोपड़
लोथल

9 रंगपुर, जहाँ हड़प्पा की समकालीन सभ्यता थी, कहाँ पर है?

पंजाब में
उत्तर प्रदेश में
सौराष्ट्र में
राजस्थान में

10 वेदों को 'अपौरुषेय' क्यों कहा गया है?

क्योंकि वेदों की रचना देवताओं द्वारा की गई है।
क्योंकि वेदों की रचना पुरुषों द्वारा की गई है।
क्योंकि वेदों की रचना ऋषियों द्वारा की गई है।
क्योंकि वेदों की रचना ब्रह्मा द्वारा की गई है।

11 ऋग्वेद का कौन-सा मंडल पूर्णत: सोम को समर्पित है?

सातवाँ मंडल
आठवाँ मंडल
नौवाँ मंडल
दसवाँ मंडल

12 323 ई.पू. में सिकन्दर की मृत्यु कहाँ पर हुई थी?

फ़ारस में
बेबीलोन में
मेसीडोनिया में
तक्षशिला में

13 बौद्ध धर्म ग्रहण करने वाली प्रथम महिला कौन थी?

यशोधरा
महामाया
महाप्रजापति गौतमी
बिम्बा

14 निम्न में से कौन बुद्ध के गृहत्याग का प्रतीक है?

घोड़ा
हाथी
बैल
भेंड़

15 अशोक के शासनकाल में बौद्ध संगीति किस नगर में आयोजित हुई थी?

मगध
समस्तीपुर
पाटलिपुत्र
राजगृह