"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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+[[वल्लभ भाई पटेल]] | +[[वल्लभ भाई पटेल]] | ||
-[[जमनालाल बजाज]] | -[[जमनालाल बजाज]] | ||
||[[चित्र:Sardar-Vallabh-Bhai-Patel.jpg|right|100px|वल्लभ भाई पटेल]]1928 ई. में [[वल्लभ भाई पटेल]] ने बढ़े हुए करों के ख़िलाफ़ बारदोली के भूमिपतियों के संघर्ष का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। [[बारदोली सत्याग्रह]] के कुशल नेतृत्व के कारण उन्हें 'सरदार' की उपाधि मिली और उसके बाद देश भर में राष्ट्रवादी नेता के रूप में उनकी पहचान बन गई। उन्हें व्यावहारिक, निर्णायक और यहाँ तक की कठोर भी माना जाता था तथा [[अंग्रेज़]] उन्हें एक ख़तरनाक शत्रु मानते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बारदोली सत्याग्रह]] | |||
{[[महाराष्ट्र]] में 'रामोसी कृषक जत्था' किसने स्थापित किया था? | {[[महाराष्ट्र]] में 'रामोसी कृषक जत्था' किसने स्थापित किया था? | ||
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-[[जवाहरलाल नेहरू]] | -[[जवाहरलाल नेहरू]] | ||
-[[राजा राममोहन राय]] | -[[राजा राममोहन राय]] | ||
||[[चित्र:Dr.Bhimrao-Ambedkar.jpg|right|100px|भीमराव अम्बेडकर]]भीमराव अम्बेडकर एक बहुजन राजनीतिक नेता, और एक [[बौद्ध]] पुनरुत्थानवादी भी थे। उन्हें 'बाबा साहेब' के नाम से भी जाना जाता है। अम्बेडकर ने अपना सारा जीवन [[हिन्दू धर्म]] की चतुवर्ण प्रणाली, और भारतीय समाज में सर्वत्र व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिता दिया। अपनी महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों तथा देश की अमूल्य सेवा के फलस्वरूप [[भीमराव अम्बेडकर]] को 'आधुनिक युग का मनु' कहकर सम्मानित किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भीमराव अम्बेडकर]] | |||
{वह पहला भारतीय सिपाही कौन था, जिसने चर्बी वाले कारतूस का प्रयोग करने से इन्कार कर दिया था? | {वह पहला भारतीय सिपाही कौन था, जिसने चर्बी वाले कारतूस का प्रयोग करने से इन्कार कर दिया था? | ||
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-[[बटुकेश्वर दत्त]] | -[[बटुकेश्वर दत्त]] | ||
+[[मंगल पाण्डे]] | +[[मंगल पाण्डे]] | ||
||[[चित्र:Mangal Panday.jpg|right|100px|मंगल पाण्डे]]सिपाहियों को 1853 ई. में नयी 'एनफ़ील्ड बंदूक' दी गई थी, जिसे भरने के लिये कारतूस को दाँतों से काटकर खोलना पडता था और उसमे भरे हुए बारुद को बंदूक़ की नली में भरकर कारतूस में डालना पड़ता था। कारतूस के बाहरी आवरण मे चर्बी होती थी, जो उसे नमी आदि से बचाती थी। 29 मार्च सन 1857 ई. को नए कारतूस का प्रयोग करवाया गया, मंगल पण्डे ने आज्ञा मानने से मना कर दिया और धोखे से [[धर्म]] भ्रष्ट करने की कोशिश के ख़िलाफ़ [[अंग्रेज़]] 'सार्जेंक हडसन' से उनका विवाद हो गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मंगल पाण्डे]] | |||
{1857 के विद्रोह की असफलता के बाद [[मुग़ल]] बादशाह बहादुरशाह जफ़र द्वितीय को कहाँ निर्वासित कर दिया गया? | {1857 के विद्रोह की असफलता के बाद [[मुग़ल]] बादशाह बहादुरशाह जफ़र द्वितीय को कहाँ निर्वासित कर दिया गया? |
07:17, 23 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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