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||प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब संस्कृत का | ||प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब संस्कृत का महत्त्व कम होने लगा तो प्राकृत भाषा अधिक व्यवहार में आने लगी। इसके चार रूप विशेषत: उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[प्राकृत भाषा]] | ||
{किस [[कुषाण]] शासक ने सर्वाधिक स्वर्ण मुद्रायें जारी की? | {किस [[कुषाण]] शासक ने सर्वाधिक स्वर्ण मुद्रायें जारी की? |
10:51, 13 मार्च 2011 का अवतरण
इतिहास
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