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====खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है?==== | ====खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=फ़ारसी भाषा|विकल्प 2=अरबी भाषा|विकल्प 3=उर्दू भाषा|विकल्प 4=अदालती भाषा}}{{Ans|विकल्प 1=[[फ़ारसी भाषा]]|विकल्प 2=[[अरबी भाषा]]|विकल्प 3='''[[उर्दू भाषा]]'''{{Check}}|विकल्प 4=अदालती भाषा|विवरण=उर्दू भाषा भारतीय-आर्य भाषा है, जो भारतीय संघ की 18 राष्ट्रीय भाषाओं में से एक व [[पाकिस्तान]] की राष्ट्रभाषा है। हालाँकि यह [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] और [[अरबी भाषा|अरबी]] से प्रभावित है, लेकिन यह [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]] के निकट है और इसकी उत्पत्ति और विकास भारतीय उपमहाद्वीप में ही हुआ। दोनों भाषाएँ एक ही भारतीय आधार से उत्पन्न हुई हैं। स्वर वैज्ञानक और व्याकरण के स्तर पर इनमें काफ़ी समानता है और ये एक ही भाषा प्रतीत होती हैं। लेकिन शब्द संग्रह के स्तर पर इनमें विभिन्न स्रोतों (उर्दू में अरबी तथा फ़ारसी और हिन्दी में संस्कृत) से व्यापक रूप से गृहीत शब्द हैं, जिससे इन्हें स्वतंत्र भाषाओं का दर्जा दिया जा सकता है। इनके बीच सबसे बड़ा विभेद भाषा लेखन के स्तर पर परिलक्षित होता है। हिन्दी के लिए [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] का उपयोग होता है और उर्दू के लिए फ़ारसी-अरबी लिपि प्रयुक्त होती है, जिसे आवश्यकतानुसार स्थानीय रूप में परिवर्तित कर लिया गया है।}} | {{Opt|विकल्प 1=फ़ारसी भाषा|विकल्प 2=अरबी भाषा|विकल्प 3=उर्दू भाषा|विकल्प 4=अदालती भाषा}}{{Ans|विकल्प 1=[[फ़ारसी भाषा]]|विकल्प 2=[[अरबी भाषा]]|विकल्प 3='''[[उर्दू भाषा]]'''{{Check}}|विकल्प 4=अदालती भाषा|विवरण=उर्दू भाषा भारतीय-आर्य भाषा है, जो भारतीय संघ की 18 राष्ट्रीय भाषाओं में से एक व [[पाकिस्तान]] की राष्ट्रभाषा है। हालाँकि यह [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] और [[अरबी भाषा|अरबी]] से प्रभावित है, लेकिन यह [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]] के निकट है और इसकी उत्पत्ति और विकास भारतीय उपमहाद्वीप में ही हुआ। दोनों भाषाएँ एक ही भारतीय आधार से उत्पन्न हुई हैं। स्वर वैज्ञानक और व्याकरण के स्तर पर इनमें काफ़ी समानता है और ये एक ही भाषा प्रतीत होती हैं। लेकिन शब्द संग्रह के स्तर पर इनमें विभिन्न स्रोतों (उर्दू में अरबी तथा फ़ारसी और हिन्दी में संस्कृत) से व्यापक रूप से गृहीत शब्द हैं, जिससे इन्हें स्वतंत्र भाषाओं का दर्जा दिया जा सकता है। इनके बीच सबसे बड़ा विभेद भाषा लेखन के स्तर पर परिलक्षित होता है। हिन्दी के लिए [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] का उपयोग होता है और उर्दू के लिए फ़ारसी-अरबी लिपि प्रयुक्त होती है, जिसे आवश्यकतानुसार स्थानीय रूप में परिवर्तित कर लिया गया है।}} | ||
====[[हिन्दी भाषा]] | ====[[हिन्दी भाषा]] का पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्ताण्ड' किस सन् में प्रकाशित हुआ था?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=1821|विकल्प 2=1826|विकल्प 3=1828|विकल्प 4=1830}}{{Ans|विकल्प 1=1821|विकल्प 2='''1826'''{{Check}}|विकल्प 3=1828|विकल्प 4=1830|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=1821|विकल्प 2=1826|विकल्प 3=1828|विकल्प 4=1830}}{{Ans|विकल्प 1=1821|विकल्प 2='''1826'''{{Check}}|विकल्प 3=1828|विकल्प 4=1830|विवरण=}} | ||
====हिन्दी के किस समाचार-पत्र में 'खड़ीबोली' को 'मध्यदेशीय भाषा' कहा गया है?==== | ====हिन्दी के किस समाचार-पत्र में 'खड़ीबोली' को 'मध्यदेशीय भाषा' कहा गया है?==== | ||
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#महाराष्ट्री प्राकृत- यह व्यापक रूप से प्रचलित थी और [[महाराष्ट्र]] में फैली होने के कारण इस नाम से पहिचानी जाती थी। | #महाराष्ट्री प्राकृत- यह व्यापक रूप से प्रचलित थी और [[महाराष्ट्र]] में फैली होने के कारण इस नाम से पहिचानी जाती थी। | ||
#शौरसेनी प्राकृत- इसका क्षेत्र [[मथुरा]] और मध्य प्रदेश का आँचल था। इस भाषा में अनेक ग्रंथ रचे गए जिनमें जैन धर्मग्रंथों की संख्या अधिक हैं संस्कृत के प्राचीन नाटकों में भी स्त्री पात्रों और जनसामान्य के संवादों के लिए प्राकृत भाषा का ही प्रयोग हुआ है।}} | #शौरसेनी प्राकृत- इसका क्षेत्र [[मथुरा]] और मध्य प्रदेश का आँचल था। इस भाषा में अनेक ग्रंथ रचे गए जिनमें जैन धर्मग्रंथों की संख्या अधिक हैं संस्कृत के प्राचीन नाटकों में भी स्त्री पात्रों और जनसामान्य के संवादों के लिए प्राकृत भाषा का ही प्रयोग हुआ है।}} | ||
====सिद्धों की उद्धृत रचनाओं की काव्य भाषा है?==== | ====सिद्धों की उद्धृत रचनाओं की काव्य भाषा है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी [[हिन्दी]]|विकल्प 2=प्राकृत भाषा|विकल्प 3=अवहट्ठ भाषा|विकल्प 4=पालि भाषा}}{{Ans|विकल्प 1='''देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी हिन्दी'''{{Check}}|विकल्प 2=प्राकृत भाषा|विकल्प 3=अवहट्ठ भाषा|विकल्प 4=[[पालि भाषा]]|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी [[हिन्दी]]|विकल्प 2=प्राकृत भाषा|विकल्प 3=अवहट्ठ भाषा|विकल्प 4=पालि भाषा}}{{Ans|विकल्प 1='''देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी हिन्दी'''{{Check}}|विकल्प 2=प्राकृत भाषा|विकल्प 3=अवहट्ठ भाषा|विकल्प 4=[[पालि भाषा]]|विवरण=}} | ||
====अपभ्रंश भाषा के प्रथम | ====अपभ्रंश भाषा के प्रथम व्याकरणाचार्य थे?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=पाणिनि|विकल्प 2=कात्यायन|विकल्प 3=हेमचन्द्र|विकल्प 4=पतंजलि}}{{Ans|विकल्प 1=[[पाणिनि]]|विकल्प 2=[[कात्यायन]]|विकल्प 3='''[[हेमचन्द्र]]'''{{Check}}|विकल्प 4=[[पतंजलि]]|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=पाणिनि|विकल्प 2=कात्यायन|विकल्प 3=हेमचन्द्र|विकल्प 4=पतंजलि}}{{Ans|विकल्प 1=[[पाणिनि]]|विकल्प 2=[[कात्यायन]]|विकल्प 3='''[[हेमचन्द्र]]'''{{Check}}|विकल्प 4=[[पतंजलि]]|विवरण=}} | ||
===='जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का नाम है?==== | ===='जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का नाम है?==== | ||
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===='एक नगर पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी।' यह पंक्ति किस भाषा की है?==== | ===='एक नगर पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी।' यह पंक्ति किस भाषा की है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=ब्रजभाषा|विकल्प 2=खड़ीबोली भाषा|विकल्प 3=अपभ्रंश भाषा|विकल्प 4=कन्नौजी भाषा}}{{Ans|विकल्प 1='''[[ब्रजभाषा]]'''{{Check}}|विकल्प 2=खड़ीबोली भाषा|विकल्प 3=अपभ्रंश भाषा|विकल्प 4=कन्नौजी भाषा|विवरण=ब्रजभाषा मूलत: ब्रजक्षेत्र की बोली है। विक्रम की 13वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक भारत में साहित्यिक भाषा रहने के कारण ब्रज की इस जनपदीय बोली ने अपने विकास के साथ भाषा नाम प्राप्त किया और ब्रजभाषा नाम से जानी जाने लगी। शुद्ध रूप में यह आज भी [[मथुरा]], [[आगरा]], [[धौलपुर]] और अलीगढ़ जिलों में बोली जाती है। इसे हम केंद्रीय ब्रजभाषा भी कह सकते हैं। प्रारम्भ में ब्रजभाषा में ही काव्य रचना हुई। [[भक्तिकाल]] के कवियों ने अपनी रचनाएं ब्रजभाषा में ही लिखी हैं जिनमें [[सूरदास]], [[रहीम]], [[रसखान]], [[बिहारी लाल]], [[केशव कवि|केशव]], [[घनानन्द कवि|घनानन्द]] आदि कवि प्रमुख हैं। हिन्दी फिल्मों और फिल्मी गीतों में भी ब्रजभाषा के शब्दों का बहुत प्रयोग होता है। आधुनिक ब्रजभाषा 1 करोड़ 23 लाख जनता के द्वारा बोली जाती है और लगभग 38,000 वर्गमील के क्षेत्र में फैली हुई है।}} | {{Opt|विकल्प 1=ब्रजभाषा|विकल्प 2=खड़ीबोली भाषा|विकल्प 3=अपभ्रंश भाषा|विकल्प 4=कन्नौजी भाषा}}{{Ans|विकल्प 1='''[[ब्रजभाषा]]'''{{Check}}|विकल्प 2=खड़ीबोली भाषा|विकल्प 3=अपभ्रंश भाषा|विकल्प 4=कन्नौजी भाषा|विवरण=ब्रजभाषा मूलत: ब्रजक्षेत्र की बोली है। विक्रम की 13वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक भारत में साहित्यिक भाषा रहने के कारण ब्रज की इस जनपदीय बोली ने अपने विकास के साथ भाषा नाम प्राप्त किया और ब्रजभाषा नाम से जानी जाने लगी। शुद्ध रूप में यह आज भी [[मथुरा]], [[आगरा]], [[धौलपुर]] और अलीगढ़ जिलों में बोली जाती है। इसे हम केंद्रीय ब्रजभाषा भी कह सकते हैं। प्रारम्भ में ब्रजभाषा में ही काव्य रचना हुई। [[भक्तिकाल]] के कवियों ने अपनी रचनाएं ब्रजभाषा में ही लिखी हैं जिनमें [[सूरदास]], [[रहीम]], [[रसखान]], [[बिहारी लाल]], [[केशव कवि|केशव]], [[घनानन्द कवि|घनानन्द]] आदि कवि प्रमुख हैं। हिन्दी फिल्मों और फिल्मी गीतों में भी ब्रजभाषा के शब्दों का बहुत प्रयोग होता है। आधुनिक ब्रजभाषा 1 करोड़ 23 लाख जनता के द्वारा बोली जाती है और लगभग 38,000 वर्गमील के क्षेत्र में फैली हुई है।}} | ||
====किस भाषा को वैज्ञानिक ने [[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]] और [[मैथिली भाषा|मैथिली]] | ====किस भाषा को वैज्ञानिक ने [[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]] और [[मैथिली भाषा|मैथिली]] मागधी से निकली होने के कारण हिन्दी से पृथक् माना है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=हार्नले|विकल्प 2=सुनीति कुमार चटर्जी|विकल्प 3=जॉर्ज ग्रियर्सन|विकल्प 4=धीरेन्द्र वर्मा}}{{Ans|विकल्प 1=हार्नले|विकल्प 2='''सुनीति कुमार चटर्जी'''{{Check}}|विकल्प 3=जॉर्ज ग्रियर्सन|विकल्प 4=धीरेन्द्र वर्मा|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=हार्नले|विकल्प 2=सुनीति कुमार चटर्जी|विकल्प 3=जॉर्ज ग्रियर्सन|विकल्प 4=धीरेन्द्र वर्मा}}{{Ans|विकल्प 1=हार्नले|विकल्प 2='''सुनीति कुमार चटर्जी'''{{Check}}|विकल्प 3=जॉर्ज ग्रियर्सन|विकल्प 4=धीरेन्द्र वर्मा|विवरण=}} | ||
====[[देवनागरी लिपि]] को राष्ट्रलिपि के रूप में कब स्वीकार किया गया था?==== | ====[[देवनागरी लिपि]] को राष्ट्रलिपि के रूप में कब स्वीकार किया गया था?==== | ||
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====मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाओं का स्थिति काल रहा है?==== | ====मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाओं का स्थिति काल रहा है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=1500 ई.पू. से 500 ई.पू.|विकल्प 2=1000 ई.पू. से 500 ई.पू.|विकल्प 3=500 ई.पू. से 600 ई.पू.|विकल्प 4=500 ई.पू. से 1000 ई.पू.}}{{Ans|विकल्प 1=1500 ई.पू. से 500 ई.पू.|विकल्प 2=1000 ई.पू. से 500 ई.पू.|विकल्प 3=500 ई.पू. से 600 ई.पू.|विकल्प 4='''500 ई.पू. से 1000 ई.पू.'''{{Check}}|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=1500 ई.पू. से 500 ई.पू.|विकल्प 2=1000 ई.पू. से 500 ई.पू.|विकल्प 3=500 ई.पू. से 600 ई.पू.|विकल्प 4=500 ई.पू. से 1000 ई.पू.}}{{Ans|विकल्प 1=1500 ई.पू. से 500 ई.पू.|विकल्प 2=1000 ई.पू. से 500 ई.पू.|विकल्प 3=500 ई.पू. से 600 ई.पू.|विकल्प 4='''500 ई.पू. से 1000 ई.पू.'''{{Check}}|विवरण=}} | ||
====प्राचीन देशभाषा' (पूर्व अपभ्रंश) को 'अपभ्रंश' तथा परवर्ती अर्थात् अग्रसरीभूत अपभ्रंश को 'अवहट्ठ' किस भाषा वैज्ञानिक ने कहा है?==== | ===='प्राचीन देशभाषा' (पूर्व अपभ्रंश) को 'अपभ्रंश' तथा परवर्ती अर्थात् अग्रसरीभूत अपभ्रंश को 'अवहट्ठ' किस भाषा वैज्ञानिक ने कहा है?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=ग्रियर्सन|विकल्प 2=भोलानाथ तिवारी|विकल्प 3=सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन|विकल्प 4=उदयनारायण तिवारी}}{{Ans|विकल्प 1=ग्रियर्सन|विकल्प 2=भोलानाथ तिवारी|विकल्प 3='''सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन'''{{Check}}|विकल्प 4=उदयनारायण तिवारी|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=ग्रियर्सन|विकल्प 2=भोलानाथ तिवारी|विकल्प 3=सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन|विकल्प 4=उदयनारायण तिवारी}}{{Ans|विकल्प 1=ग्रियर्सन|विकल्प 2=भोलानाथ तिवारी|विकल्प 3='''सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन'''{{Check}}|विकल्प 4=उदयनारायण तिवारी|विवरण=}} | ||
====अर्द्धमागधी अपभ्रंश से इनमें से किस बोली का विकास हुआ है?==== | ====अर्द्धमागधी अपभ्रंश से इनमें से किस बोली का विकास हुआ है?==== |