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(/* 'जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का न) |
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{{Opt|विकल्प 1=पाणिनि|विकल्प 2=कात्यायन|विकल्प 3=हेमचन्द्र|विकल्प 4=पतंजलि}}{{Ans|विकल्प 1=[[पाणिनि]]|विकल्प 2=[[कात्यायन]]|विकल्प 3='''[[हेमचन्द्र]]'''{{Check}}|विकल्प 4=[[पतंजलि]]|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=पाणिनि|विकल्प 2=कात्यायन|विकल्प 3=हेमचन्द्र|विकल्प 4=पतंजलि}}{{Ans|विकल्प 1=[[पाणिनि]]|विकल्प 2=[[कात्यायन]]|विकल्प 3='''[[हेमचन्द्र]]'''{{Check}}|विकल्प 4=[[पतंजलि]]|विवरण=}} | ||
===='जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का नाम है?==== | ===='जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का नाम है?==== | ||
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====प्रादेशिक बोलियाँ के साथ [[ब्रज]] या मध्य देश की भाषा का आश्रय लेकर एक सामान्य साहित्यिक भाषा स्वीकृत हुई, जिसे चारणों ने नाम दिया?==== | ====प्रादेशिक बोलियाँ के साथ [[ब्रज]] या मध्य देश की भाषा का आश्रय लेकर एक सामान्य साहित्यिक भाषा स्वीकृत हुई, जिसे चारणों ने नाम दिया?==== | ||
{{Opt|विकल्प 1=डिंगल भाषा|विकल्प 2=मेवाड़ी भाषा|विकल्प 3=मारवाड़ी भाषा|विकल्प 4=पिंगल भाषा}}{{Ans|विकल्प 1=डिंगल भाषा|विकल्प 2=मेवाड़ी भाषा|विकल्प 3=मारवाड़ी भाषा|विकल्प 4='''पिंगल भाषा'''{{Check}}|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=डिंगल भाषा|विकल्प 2=मेवाड़ी भाषा|विकल्प 3=मारवाड़ी भाषा|विकल्प 4=पिंगल भाषा}}{{Ans|विकल्प 1=डिंगल भाषा|विकल्प 2=मेवाड़ी भाषा|विकल्प 3=मारवाड़ी भाषा|विकल्प 4='''पिंगल भाषा'''{{Check}}|विवरण=}} |