"प्रयोग:R3": अवतरणों में अंतर
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=====प्रेशर कुकर में खाना जल्दी पक जाता है, क्योंकि?===== | =====प्रेशर कुकर में खाना जल्दी पक जाता है, क्योंकि?===== | ||
{{Opt|विकल्प 1=प्रेशर कुकर के अन्दर दाब कम होता है |विकल्प 2=प्रेशर कुकर के अन्दर दाब अधिक होता है|विकल्प 3=प्रेशर कुकर के आकार के कारण|विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं}}{{Ans|विकल्प 1=प्रेशर कुकर के अन्दर दाब कम होता है|विकल्प 2='''प्रेशर कुकर के अन्दर दाब अधिक होता है'''{{Check}} |विकल्प 3=प्रेशर कुकर के आकार के कारण |विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=प्रेशर कुकर के अन्दर दाब कम होता है |विकल्प 2=प्रेशर कुकर के अन्दर दाब अधिक होता है|विकल्प 3=प्रेशर कुकर के आकार के कारण|विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं}}{{Ans|विकल्प 1=प्रेशर कुकर के अन्दर दाब कम होता है|विकल्प 2='''प्रेशर कुकर के अन्दर दाब अधिक होता है'''{{Check}} |विकल्प 3=प्रेशर कुकर के आकार के कारण |विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं|विवरण=}} | ||
=====[[दाब]] बढ़ाने पर जल का क्वथनांक?===== | =====[[दाब]] बढ़ाने पर जल का [[क्वथनांक]]?===== | ||
{{Opt|विकल्प 1=बढ़ता है |विकल्प 2=घटता है|विकल्प 3=पहले बढ़ता है फिर घटता है|विकल्प 4=अपरिवर्तित रहता है}}{{Ans|विकल्प 1='''बढ़ता है'''{{Check}}|विकल्प 2=घटता है |विकल्प 3=पहले बढ़ता है फिर घटता है |विकल्प 4=अपरिवर्तित रहता है|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=बढ़ता है |विकल्प 2=घटता है|विकल्प 3=पहले बढ़ता है फिर घटता है|विकल्प 4=अपरिवर्तित रहता है}}{{Ans|विकल्प 1='''बढ़ता है'''{{Check}}|विकल्प 2=घटता है |विकल्प 3=पहले बढ़ता है फिर घटता है |विकल्प 4=अपरिवर्तित रहता है|विवरण= | ||
;क्वथनांक | |||
*([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Boiling point)- [[रसायन विज्ञान]] में [[दाब]] के किसी दिए हुए नियत मान के लिए वह नियत [[ताप]] जिस पर कोई [[द्रव]] उबलकर द्रव अवस्था से वाष्प की अवस्था में परिणत हो जाय तो वह नियत ताप द्रव का क्वथनांक कहलाता है। | |||
*दाब बढ़ाने से द्रव का क्वथनांक बढ़ जाता है और दाब घटने से द्रव का क्वथनांक घट जाता है। | |||
;दाब | |||
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Pressure) यदि किसी सतह पर उसके लम्बवत् कोई [[बल]] आकर लग रहा हो तो कहा जाता है कि सतह पर दाब लग रहा है। इस प्रकार दाब को हम निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं। | |||
"किसी सतह के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।" दाब का मात्रक एम. के. एस. पद्धति में न्यूटन प्रति वर्ग मीटर होता है। जिस वस्तु का क्षेत्रफल जितना कम होता है, वह किसी सतह पर उतना ही अधिक दाब डालती है। | |||
<math>\mathbf{P}</math> = <math>\frac{F}{A}</math> | |||
दाब = पृष्ठ के लम्बवत् बल / पृष्ठ का क्षेत्रफल | |||
किसी वस्तु का क्षेत्रफल जितना कम होता है, वह सतह पर उतना ही अधिक दाब डालती है, इसके दैनिक जीवन में अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं, जैसे दलदल में फंसे व्यक्ति को लेट जाने की सलाह दी जाती है ताकि उसके शरीर का अधिक क्षेत्रफल दलदल के सम्पर्क में आ जाय व नीचे की ओर कम दाब लगे। कील का निचला हिस्सा नुकीला बनाया जाता है ताकि क्षेत्रफल कम होने से वह सतह पर अधिक दाब डाल सके व ठोंकने पर आसानी से गड़ जाये। S.I. पद्धति में दाब का [[मात्रक]] [[पास्कल]] कहलाता है। | |||
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====='प्रत्येक क्रिया के बराबर व विपरीत दिशा में एक प्रतिक्रिया होती है।' यह न्यूटन का===== | ====='प्रत्येक क्रिया के बराबर व विपरीत दिशा में एक प्रतिक्रिया होती है।' यह न्यूटन का===== | ||
{{Opt|विकल्प 1=पहला नियम है |विकल्प 2=दूसरा नियम है|विकल्प 3=तीसरा नियम है |विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं}}{{Ans|विकल्प 1=पहला नियम है |विकल्प 2=दूसरा नियम है |विकल्प 3='''तीसरा नियम है'''{{Check}} |विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं|विवरण=}} | {{Opt|विकल्प 1=पहला नियम है |विकल्प 2=दूसरा नियम है|विकल्प 3=तीसरा नियम है |विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं}}{{Ans|विकल्प 1=पहला नियम है |विकल्प 2=दूसरा नियम है |विकल्प 3='''तीसरा नियम है'''{{Check}} |विकल्प 4=उपर्युक्त में से कोई नहीं|विवरण=}} |