"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
|
|
<quiz display=simple>
<quiz display=simple>
{लोक कला चित्रों का माध्यम क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-170,प्रश्न-32
{अजंता की [[चित्रकला]] किस चित्रकला का उदाहरण है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-29,प्रश्न-1
|type="()"}
|type="()"}
-पेस्टल रंग
-म्यूरल
-एक्रेलिक रंग
+फ्रेस्को
+[[गोंद]] मिले [[मिट्टी]] के [[रंग]]
-तैल
-तैल रंग
-फ्राफिक
||लोक कला के चित्रों का माध्यम गोंद मिले [[मिट्टी]] के [[रंग]] हैं। चित्रों को बनाने के लिए खनिज रंगों का प्रयोग किया जाता है जिसमें गेरू, रामरज, हिरौंजी आदि को चर्बी में घोलकर चित्रों में रंग भरा गया है। [[सफेद रंग]] [[चूना पत्थर|चूने]] अथवा [[खड़िया]] से बना होता था। [[लाल रंग|लाल]] तथा [[भूरा रंग|भूरे रंग]] लोहे के खनिज का रंग है। हरा रंग स्थानीय पत्थरों की सहायता से बनाया जाता था, जो 'तांबे का खनिज रंग' कहलाता है। इसे 'टेरावर्ट' भी कहा जाता है।
||[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]] के चित्र गुफा की भित्ति (दीवार) पर निर्मित हैं। ग्रिफिथ्स महोदय का मानना है कि अजंता चित्रकला फ्रेस्को और टेम्परा विधि का सम्मिश्रण (मिश्रित विधि) है तथापि इसमें मुख्यत: फ्रेस्को तकनीक का प्रयोग किया गया।


{जैन लघुचित्रों का प्रमुख विषय क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-43,प्रश्न-2
{के.एस. कुलकर्णी की [[कला]] में पाए जाते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-93,प्रश्न-1
|type="()"}
|type="()"}
+[[तीर्थंकर]] और उनकी जीवनी
-प्राकृतिक दृश्य
-पशु-पक्षी
+ग्राम्य जीवन के दृश्य
-शासक
-प्रतिकृति चित्रों के दृश्य
-मानव
-पौराणिक कहानियों के दृश्य
||
||के.एस. कुलकर्णी की कला में ग्राम्य जीवन के दृश्य पाए जाते हैं। कुलकर्णी के कुछ चित्रों में मानवता एवं भावुकता दिखाई पड़ती है।
||'[[कल्पसूत्र]]' नामक जैन ग्रंथों में तीर्थंकरों ([[पार्श्वनाथ तीर्थंकर|पार्श्वनाथ]], [[महावीर स्वामी]] आदि) का जीवन चरित वर्णित है। [[भद्रबाहु]] इसके रचयिता माने जाते हैं। कल्पसूत्र ग्रंथों के चित्रण जैन शैली में हुए। इस ग्रंथ की रचना महावीर स्वामी के निर्वाण के 150 वर्ष बाद हुई मानी जाती है।  
 
{'संचारी भाव' का संबंध किससे है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-155,प्रश्न-11
|type="()"}
-सौन्दर्य
+रस
-शिल्पशास्त्र
-अभिव्यक्ति
||संचारी शब्द का अर्थ साथ-साथ चलना होता है। संचारी भाव, स्थायी भाव के साथ संचरित होते हैं। जो भाव केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं, वे संचारी भाव होते हैं। विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है।


{इनमें से कौन असंबद्ध है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-50,प्रश्न-22
{[[एम.एफ. हुसैन]] किस चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-99,प्रश्न-12
|type="()"}
|type="()"}
-[[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]]
-सांड़ चित्रों के लिए
-[[बीकानेर की चित्रकला|बीकानेर शैली]]
+घोड़ा चित्रों के लिए
-[[मेवाड़ की चित्रकला|मेवाड़ शैली]]
-गाय चित्रों के लिए
+आगरा शैली
-हाथी चित्रों के लिए
||बूंदी शैली, बीकानेर शैली तथा मेवाड़ शैली का संबंध [[राजस्थानी चित्रकला]] शैली से है जबकि [[चित्रकला]] की आगरा शैली का कोई अस्तित्व नहीं है।
||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फिल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फिल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- सरस्वती, मदर टेरेसा, घोड़े, माधुरी, जमीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[एम.एफ. हुसैन]]


{[[मुग़लकाल|मुग़ल]] चित्रों में सर्वश्रेष्ठ शबीह किसके समय की है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-60,प्रश्न-32
{[[बूंदी चित्रकला|बूंदी]] के लद्यु चित्रों का प्रमुख विषय है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-1
|type="()"}
|type="()"}
-[[अकबर]]
-पशु-पक्षी
-[[शाहजहां]]
+रागमाला
-[[औरंगजेब]]
-प्रतिकृति
+[[जहांगीर]]
-शिकार
||मुगल चित्रों में सर्वश्रेष्ठ शबीह (हूबहू व्यक्ति चित्र) [[जहांगीर]] के शासन काल की हैं। जहांगीर को अपना चित्र बनवाने का बड़ा शौक था। अबुल हसन ने जहांगीर के सिंहासनारोहण का एक चित्र बनाया था जो तुजुक-ए-जहांगीरी में मुख्य पृष्ठ पर लगा दिया गया। बादशाह इस चित्र को प्रत्येक दृष्टि से पूर्ण समझता था और उसे युग के सर्वश्रेष्ठ चित्रों में मानता था। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[जहांगीर]]
||[[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] के चित्रकारों के प्रमुख विषय नायक-नायिका, बारहमाला, ऋतु चित्रण, [[कृष्ण लीला]] आदि थे किंतु इस शैली के आरंभिक चित्र 'राग-माला चित्रावली' के भाग हैं। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[बूंदी चित्रकला|बूंदी]]  


{'वाकायत-ए-बाबरी' की [[अकबर]] कालीन प्रति में कितने [[हिंदू]] चित्रकारों का उल्लेख है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-68,प्रश्न-78
{वॉश पेंटिंग का प्रारंभ किस कला महाविद्यालय से हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-11
|type="()"}
|type="()"}
-तीन
-[[लखनऊ]]
+उन्नीस
-[[पटना]]
-सात
+[[शांति निकेतन]]
-तेरह
-[[दिल्ली]]
||वाकायत-ए-बाबरी की अकबर कालीन प्रति में उन्नीस उच्च कोटि के [[हिंदू]] और तीन उच्च कोटि के [[मुसलमान]] चित्रकारों का बर्णन है।
||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, [[कोलकाता]] (कलकत्ता) से हुआ।


{किस स्थापत्यविद ने 'शहीद स्मृति' का निर्माण किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-26
{[[भारतवर्ष]] में सर्वप्रथम तैल चित्रण करने का श्रेय किस कलाकार को जाता है?  
|type="()"}
|type="()"}
-प्रदोष दास गुप्ता
-असित कुमार हल्दर
+देवी प्रसाद रायचौधरी
-के.के. हेब्बर
-रामकिंकर बैज
+[[राजा रवि वर्मा]]
-धनराज भगत
-क्षितिन्द्रनाथ मजूमदार
||शहीद स्मारक पटना में स्थित है जिसमें 7 वीर पुरुषों की कांस्य प्रतिमा लगी है। 1942 में [[असहयोग आंदोलन]] के दौरान पुराने सचिवालय भवन पर कांग्रेसी झंडा लहराया था। इस 'शहीद स्मृति' का निर्माण [[पटना]] में देवी प्रसाद रायचौधरी ने किया था। जिसमें यह दिखाया गया है कि एक वीर पुरुष झंडा ले जा रहा है तथा 6 अन्य ब्रिटिश पुलिस की गोली लगने से नीचे गिर गए हैं।
||[[राजा रवि वर्मा]] तैल रंगों की पेंटिंग (तैल चित्रण विधि) के लिए जाने जाते थे। इन्होंने भारतीय जीवन और परंपरा को इस नई [[कला]] के द्वारा प्रतिष्ठा दिलाई। इस प्रकार तैल रंगों का आधुनिक चित्रकला में प्रयोग करने का श्रेय सर्वप्रथम राजा रवि वर्मा को जाता है। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[राजा रवि वर्मा]]
 


{[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] की पहचान किस रूप में नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-85,प्रश्न-58
{'द लास्ट जजमेंट' के [[चित्रकार]] का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-16
|type="()"}
|type="()"}
-[[चित्रकार]]
-लियोनार्दो द विंसी
-[[कवि]]
-बोत्तिचेल्ली
+मूर्तिकार
+माइकेल एंजेलो
-कहानीकार
-रेन्वा
||रबीन्द्रनाथ टैगोर कवि, नाटककार, उपन्यासकार, संगीतज्ञ, [[अभिनेता]], विचारक, दार्शनिक एवं चित्रकार विधाओं में पारंगत थे। उनकी पहचान मूर्तिकार के रूप में नहीं है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]]
||'द लास्ट जजमेंट' चरम पुनरुत्थानवादी चित्रकार माइकेल एंजेलो द्वारा चित्रित एक भित्ति चित्र है। 'द लास्ट जजमेंट का चित्र सिस्टीन चैपेल (वेटिकन सिटी) की छत पर किया गया है।


{जोसेफ मैलॉर्ड विलियम टर्नर किस वाद के कलाकार हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-117,प्रश्न-11
{आद्य-पुनर्जागरण का महान चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-53
|type="()"}
|type="()"}
+प्रभाववाद
+ज्योत्तो
-अभिव्यंजनावाद
-बॉरदे
-यथार्थवाद
-टिशियन
-अतियथार्थवाद
-लियोनार्दो-द-विंसी
||[[इंग्लैंड]] के भू-दृश्य (लैंडस्केप) [[चित्रकार|चित्रकारों]] में जोसेफ़ मैलॉर्ड विलियम टर्नर (1775-1851 ई.) को अद्भुत प्रतिभाशाली एवं संयमी कलाकार माना जाता है। उनका कार्य प्रभाववादियों के लिए एक रोमांटिक प्रस्तावना के रूप में जाना जाता है। वह अपने तैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध थे। वर्ष 1839 में उनके द्वारा चित्रित चित्र 'द फाइटिंग टेंपरेरी' तैलीय माध्यम में बनी हुई है। वह ब्रिटिश वाटरकलर लैंडस्केप चित्रकारी के महानतम पुरोधा भी थे। टर्नर ने अपनी कला के द्वारा प्रकाश का प्रयोग विकसित किया।
||सर्वप्रथम ज्योत्तो ने ही इटैलियन चित्रकला को बाइजेन्टाइन रूढ़िवादी परंपरा से मुक्त कर उसे प्रकृति की ओर उन्मुख करने का प्रयास किया था। असीसी के चर्च की भित्तियों पर सेंट फ्रांसिस के जीवन पर बनाए गए 28 चित्र ज्योत्तो के उत्तम कला-कौशल के ज्वलंत दृष्टांत हैं।


{'ययाति' चित्रों की एक शृंखला है, जो किनके द्वारा बनाई गई हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-146,प्रश्न-60
{कौन प्रसिद्ध महिला प्रभाववादी कलाकार है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-21
|type="()"}
|type="()"}
-[[नन्दलाल बोस]]
-एडवर्ड ली
-[[अमृता शेरगिल]]
+मैरी कैसेट
+रामचंद्रन नायर
-कैसेट मूर
-[[बिशनदास]]
-ब्रुक शियेल्ड
||'ययाति' चित्रों की शृंखला अच्युतन रामचंद्रन नायर द्वारा बनाई गई है।
||मैरी कैसेट प्रमुख प्रभाववादी 'डेगा' की शिष्या थीं, जिसे 'डेगा' ने [[1879]] ई. की प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। इस प्रदर्शनी में मैरी कैसेट ने अपने हिस्से की राशि से 'रेंवार' व 'डेगा' का एक चित्र खरीदा।


{इनमें से संयुक्त राष्ट्र संघ की वह कौन-सी संस्था है, जो [[कला]] एवं [[संस्कृति]] को बढ़ावा देती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-301
{[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता गुफाएं]] कब प्रकाश में आई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-14
|type="()"}
|type="()"}
-यूनेव
-1818
-यूनीसेफ़
-1816
-यूनीडो
+1819
+[[यूनेस्को]]
-1800
||यूनेस्को-(UNESCO-United Nations Educational Scientific and Cultural Organization) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन का संक्षिप्त रूप है। संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देती है।
 
||1819 ई. में मद्रास रेजीमेंट के कुछ सैनिक लोमड़ी का पीछा करते हुए अजंता की गुफा तक पहुंचे और उन्होंने अजंता की महान कलाकृतियों को सर्वप्रथम देखा। 1824 ई. में लेफ्टीनेंट जेम्स ई. अलेक्जेंडर ने [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता की गुफाओं]] को देखा और इन गुफाओं का विवरण 'रायल सोसाइटी लंदन' को भेजा।
 
 





11:28, 4 नवम्बर 2017 का अवतरण

1 अजंता की चित्रकला किस चित्रकला का उदाहरण है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-29,प्रश्न-1

म्यूरल
फ्रेस्को
तैल
फ्राफिक

2 के.एस. कुलकर्णी की कला में पाए जाते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-93,प्रश्न-1

प्राकृतिक दृश्य
ग्राम्य जीवन के दृश्य
प्रतिकृति चित्रों के दृश्य
पौराणिक कहानियों के दृश्य

3 'संचारी भाव' का संबंध किससे है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-155,प्रश्न-11

सौन्दर्य
रस
शिल्पशास्त्र
अभिव्यक्ति

4 एम.एफ. हुसैन किस चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-99,प्रश्न-12

सांड़ चित्रों के लिए
घोड़ा चित्रों के लिए
गाय चित्रों के लिए
हाथी चित्रों के लिए

5 बूंदी के लद्यु चित्रों का प्रमुख विषय है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-1

पशु-पक्षी
रागमाला
प्रतिकृति
शिकार

6 वॉश पेंटिंग का प्रारंभ किस कला महाविद्यालय से हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-11

लखनऊ
पटना
शांति निकेतन
दिल्ली

7 भारतवर्ष में सर्वप्रथम तैल चित्रण करने का श्रेय किस कलाकार को जाता है?

असित कुमार हल्दर
के.के. हेब्बर
राजा रवि वर्मा
क्षितिन्द्रनाथ मजूमदार

8 'द लास्ट जजमेंट' के चित्रकार का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-16

लियोनार्दो द विंसी
बोत्तिचेल्ली
माइकेल एंजेलो
रेन्वा

9 आद्य-पुनर्जागरण का महान चित्रकार कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-53

ज्योत्तो
बॉरदे
टिशियन
लियोनार्दो-द-विंसी

10 कौन प्रसिद्ध महिला प्रभाववादी कलाकार है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-21

एडवर्ड ली
मैरी कैसेट
कैसेट मूर
ब्रुक शियेल्ड

11 अजंता गुफाएं कब प्रकाश में आई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-14

1818
1816
1819
1800