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| क्रीज़ | | क्रीज़ | ||
| विकेट के चारों ओर खींची श्वेत रेखाओं को क्रीज़ कहा जाता है। विकेट से होकर जाने वाली श्वेत रेखा को बोलिंग क्रीज़ और विकेट के सामने से जाने वाली दूसरी रेखा को पोप्पिंग क्रीज़ कहा जाता है। | | विकेट के चारों ओर खींची श्वेत रेखाओं को क्रीज़ कहा जाता है। विकेट से होकर जाने वाली श्वेत रेखा को बोलिंग क्रीज़ और विकेट के सामने से जाने वाली दूसरी रेखा को पोप्पिंग क्रीज़ कहा जाता है। | ||
| क्रीज़ की पोप्पिंग रेखा से बाहर गैंदबाज़ का पैर पड़ने पर नो बॉल मानी जाती है। दोनों रेखाओं की लम्बाई 2.64 मीटर तथा दोनों के बीच की दूरी 1.2 मीटर होती है। | |||
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| सुरक्षित क्षेत्र (Safe Zone) | |||
| क्रीज़ से घिरे क्षेत्र को सुरक्षित क्षेत्र (Safe Zone) कहा जाता है। | |||
| दोनों रेखाओं की लम्बाई 2.64 मीटर तथा दोनों के बीच की दूरी 1.2 मीटर होती है। | |||
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| वाइड बॉल | |||
| दो अतिरिक्त साइड क्रीज़ होती हैं जो वाइड बॉल का निर्धारण करती है। | |||
| दोनों रेखाओं की लम्बाई 2.64 मीटर तथा दोनों के बीच की दूरी 1.2 मीटर होती है। | | दोनों रेखाओं की लम्बाई 2.64 मीटर तथा दोनों के बीच की दूरी 1.2 मीटर होती है। | ||
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| | | बल्ला | ||
| | | बल्ला लकड़ी का होता है। | ||
| | | जिसकी मानक लम्बाई 970 मिमी और चौड़ाई 108 मिमी होती है। | ||
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| गेंद | |||
| गेंद गोलाकार होती है और कठोर चमड़े की बनी होती है जिसके बीच में लकड़ी का गोला होता है। | |||
| जिसकी परिधि की मानक लम्बाई 230 मिमी होती है। | |||
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| सुरक्षा | |||
| हेलमेट, दस्ताने (ग्लव्स) और पेड्स | |||
| बल्लेबाज को सुरक्षा के लिए हेलमेट, दस्ताने (ग्लव्स) और पेड्स पहनना अनिवार्य होता है। | |||
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*खेल दो अम्पायरों के द्वारा संचालित और नियंत्रित किया जाता है। जिनमे से एक पिच पर होता है जिसे प्रथम अम्पायर कहते हैं और दूसरा बल्लेबाज़ की ऑन साइड पर 10-12 मीटर की दूरी पर होता है जिसे द्वितीय अम्पायर या लेग अंपायर भी कहते है। | *खेल दो अम्पायरों के द्वारा संचालित और नियंत्रित किया जाता है। जिनमे से एक पिच पर होता है जिसे प्रथम अम्पायर कहते हैं और दूसरा बल्लेबाज़ की ऑन साइड पर 10-12 मीटर की दूरी पर होता है जिसे द्वितीय अम्पायर या लेग अंपायर भी कहते है। | ||
*यदि किसी स्थिति में दोनों [[अम्पायर]] निर्णय करने में असमर्थ होते है तो निर्णय देने के लिए तीसरे अम्पायर (थर्ड अंपायर) को कहा जाता है जो टेलीविज़न और कैमरे की सहायता से निर्णय लेता है। | *यदि किसी स्थिति में दोनों [[अम्पायर]] निर्णय करने में असमर्थ होते है तो निर्णय देने के लिए तीसरे अम्पायर (थर्ड अंपायर) को कहा जाता है जो टेलीविज़न और कैमरे की सहायता से निर्णय लेता है। | ||
*इसके अतिरिक्त एक [[मैच रेफ़री]] भी होता है। जिसका काम खेल में नियमों को बनाये रखना होता है। | *इसके अतिरिक्त एक [[मैच रेफ़री]] भी होता है। जिसका काम खेल में नियमों को बनाये रखना होता है। | ||
*दो स्कोर बोर्ड परिचालक होते है जो स्कोर बोर्ड को नियंत्रित और परिचालित करते है। स्कोर बोर्ड पर मुख्य आंकड़े दिखाए जाते हैं जैसे- [[रन]], [[ओवर]], विकेट, अतिरिक्त रन , आदि दिखाए जाते हैं। | *दो स्कोर बोर्ड परिचालक होते है जो स्कोर बोर्ड को नियंत्रित और परिचालित करते है। स्कोर बोर्ड पर मुख्य आंकड़े दिखाए जाते हैं जैसे- [[रन]], [[ओवर]], विकेट, अतिरिक्त रन , आदि दिखाए जाते हैं। |
07:35, 9 जुलाई 2010 का अवतरण
- खेल दो अम्पायरों के द्वारा संचालित और नियंत्रित किया जाता है। जिनमे से एक पिच पर होता है जिसे प्रथम अम्पायर कहते हैं और दूसरा बल्लेबाज़ की ऑन साइड पर 10-12 मीटर की दूरी पर होता है जिसे द्वितीय अम्पायर या लेग अंपायर भी कहते है।
- यदि किसी स्थिति में दोनों अम्पायर निर्णय करने में असमर्थ होते है तो निर्णय देने के लिए तीसरे अम्पायर (थर्ड अंपायर) को कहा जाता है जो टेलीविज़न और कैमरे की सहायता से निर्णय लेता है।
- इसके अतिरिक्त एक मैच रेफ़री भी होता है। जिसका काम खेल में नियमों को बनाये रखना होता है।
- दो स्कोर बोर्ड परिचालक होते है जो स्कोर बोर्ड को नियंत्रित और परिचालित करते है। स्कोर बोर्ड पर मुख्य आंकड़े दिखाए जाते हैं जैसे- रन, ओवर, विकेट, अतिरिक्त रन , आदि दिखाए जाते हैं।