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*आंध्र राजवंश [[भारत]] का एक राजवंश था। जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया।  
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*भारतीय परिवार, जो [[पुराण|पुराणों]]  (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, 'आंध्र जाति' (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था।  
*भारतीय परिवार, जो [[पुराण|पुराणों]]  (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, 'आंध्र जाति' (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात् दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था।  
*इस वंश का आरंभ सिभुक अथवा सिंधुक नामक व्यक्ति ने दक्षिण में कृष्णा और गोदावरी नदियों की घाटी में किया था। इसे 'सातवाहन वंश' भी कहते हैं।  
*इस वंश का आरंभ सिभुक अथवा सिंधुक नामक व्यक्ति ने दक्षिण में कृष्णा और गोदावरी नदियों की घाटी में किया था। इसे 'सातवाहन वंश' भी कहते हैं।  



07:59, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

  • आंध्र राजवंश भारत का एक राजवंश था। जिसने केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन किया।
  • भारतीय परिवार, जो पुराणों (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, 'आंध्र जाति' (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात् दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था।
  • इस वंश का आरंभ सिभुक अथवा सिंधुक नामक व्यक्ति ने दक्षिण में कृष्णा और गोदावरी नदियों की घाटी में किया था। इसे 'सातवाहन वंश' भी कहते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ