"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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{[[चाय]] में 'लाल रस्ट रोग' किसके कारण होता है?(ल्यूसेंट वस्तुनिष्ठ, पेज नं.-501, प्रश्न-06) | |||
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-[[जीवाणु]] | |||
-लाइकेन | |||
-[[कवक]] | |||
+[[शैवाल]] | |||
||कुछ शैवाल जलाशयों में प्रदूषण बढ़ाते हैं, जिससे पानी प्रयोग के योग्य नहीं रह जाता है। ये [[शैवाल]] ज़हर पैदा करते हैं, जिससे [[मछली|मछलियाँ]] मर जाती हैं और नदियों आदि का प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ जाता है। इस तरह की शैवालों में 'माइक्रोसिस्टिस' तथा 'क्रोकोकस' आदि उल्लेखनीय हैं। 'सिफेल्यूरोस' नामक शैवाल की जातियाँ [[चाय]] पर ‘लाल किट्ट रोग’ उत्पन्न करती हैं, जिससे चाय उद्योग को भारी हानि पहुँचती है। [[वर्षा]] के दिनों में ज़मीन [[हरा रंग|हरे रंग]] की दिखने लगती है और फिसलनदार हो जाती है। इस ज़मीन में हरित-नीले शैवाल उग आते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शैवाल]] | |||
{'कसीस का तेल' क्या कहलाता है?(यूनीक-3, पृष्ठ-F/334, प्रश्न-230) | {'कसीस का तेल' क्या कहलाता है?(यूनीक-3, पृष्ठ-F/334, प्रश्न-230) | ||
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-बहुलकीकरण | -बहुलकीकरण | ||
-प्रतिस्थापन | -प्रतिस्थापन | ||
{वास्तविक केन्द्रक किसमें अनुपस्थित होता है?(ल्यूसेंट वस्तुनिष्ठ, पेज नं.-504, प्रश्न-39) | |||
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+[[जीवाणु|जीवाणुओं]] में | |||
-हरे [[शैवाल|शैवालों]] में | |||
-[[कवक|कवकों]] में | |||
-लाइकेनों में | |||
||[[चित्र:Bacteria.jpg|right|100px|जीवाणु]]'जीवाणु' एक एककोशिकीय जीव है। इसका आकार कुछ मिमी. तक ही होता है। इनकी आकृति गोल या मुक्त-चक्राकार से लेकर छङा, आदि आकार की हो सकती है। पहले जीवाणुओं को पैधा माना जाता था, परंतु अब उनका वर्गीकरण प्रोकैरियोट्स के रूप में होता है। दुसरे जन्तु कोशिकों तथा यूकैरियोट्स की भांति जीवाणु कोष में पूर्ण विकसीत केन्द्रक का सर्वथा आभाव होता है, जबकि दोहरी झिल्ली युक्त कोसिकांग यदा कदा ही पाएं जाते हैं। पारंपरिक रूप से [[जीवाणु]] शब्द का प्रयोग सभी सजीवों के लिए होता था, परंतु यह वैज्ञानिक वर्गीकरण [[1990]] ई. में हुए एक खोज के बाद बदल गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जीवाणु]] | |||
{निम्न में से कौन-सा [[जल]] सबसे अधिक शुद्ध है?(यूनीक-3, पृष्ठ-F/335, प्रश्न-258) | {निम्न में से कौन-सा [[जल]] सबसे अधिक शुद्ध है?(यूनीक-3, पृष्ठ-F/335, प्रश्न-258) | ||
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-फ़ाइकस | -फ़ाइकस | ||
-[[आलू]] | -[[आलू]] | ||
{निम्न में सबसे स्थायी पारिस्थितिक तन्त्र कौन-सा है?(ल्यूसेंट वस्तुनिष्ठ, पेज नं.-506, प्रश्न-43) | |||
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-वन | |||
-घास के मैदान | |||
-तालाब | |||
+[[समुद्र]] | |||
||[[चित्र:Arabian-Sea-3.jpg|right|120px|अरब सागर, केरल]]'सागर' या 'समुद्र' खारे पानी का विशाल और लगातार क्षेत्र होता है, जो [[पृथ्वी]] का ज़्यादातर हिस्सा ढके हुए है। यह महासागरों का हिस्सा होते हैं, जैसे- [[हिंद महासागर]], [[अरब सागर]] आदि। भारतीय उपमहाद्वीप को घेरे हुए नीले पानी में यात्रा करना स्मरणीय अनुभव होता है। अधिकांश तटीय राज्यों में नियमित सरकारी जहाज़ उपलब्ध हैं। समुद्री यात्रा का उपयोग अधिकांशत: अरब सागर में [[लक्षद्वीप]] पहुँचने और [[बंगाल की खाड़ी]] में [[अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह]] पहुँचने में किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[समुद्र]] | |||
{भारतीय [[मोर]] का वैज्ञानिक नाम क्या है?(यूनीक-3, पृष्ठ-F/344, प्रश्न-169) | {भारतीय [[मोर]] का वैज्ञानिक नाम क्या है?(यूनीक-3, पृष्ठ-F/344, प्रश्न-169) | ||
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-ये महान दबाव के अंतर्गत होते हैं। | -ये महान दबाव के अंतर्गत होते हैं। | ||
-इन्हें प्रकाश नहीं मिल पाता है। | -इन्हें प्रकाश नहीं मिल पाता है। | ||
{तालाबों और [[कुआँ|कुओं]] में किस एक को छोड़ने से मच्छरों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है?(ल्यूसेंट वस्तुनिष्ठ, पेज नं.-516, प्रश्न-156) | {तालाबों और [[कुआँ|कुओं]] में किस एक को छोड़ने से मच्छरों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है?(ल्यूसेंट वस्तुनिष्ठ, पेज नं.-516, प्रश्न-156) | ||
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+गैंबुसिया | +गैंबुसिया | ||
-घोंघा | -घोंघा | ||
{[[मानव शरीर]] में 'एन्टअमीबा हिस्टोलिटिका' कहाँ पाया जाता है?(ल्यूसेंट वस्तुनिष्ठ, पेज नं.-512, प्रश्न-07) | |||
|type="()"} | |||
+[[आन्त्र]] | |||
-गला | |||
-[[आमाशय]] | |||
-[[फेफड़ा]] | |||
[[मानव शरीर|मनुष्य के शरीर]] में [[आन्त्र]] मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित रहती है- '[[छोटी आन्त्र]]' और '[[बड़ी आन्त्र]]।' छोटी आन्त्र [[आमाशय]] के पीछे व उदरगुहा के अधिकांश भाग को घेरे हुए, लगभग 6 मीटर लम्बी व 2.5 सेमी मोटी और अत्यधिक कुण्डलित नलिका होती है। छोटी आन्त्र शेषान्त्र के पीछे की ओर बड़ी आन्त्र में खुलती है। यह छोटी आन्त्र की अपेक्षा अधिक चौड़ी व लगभग 1.5 मीटर लम्बी तथा 6.7 सेमी मोटी होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आंत]] | |||
{मानव के [[आँसू]] में कौन-सा एन्जाइम होता है, जिससे [[जीवाणु]] मर जाते हैं?(ल्यूसेंट वस्तुनिष्ठ, पेज नं.-522, प्रश्न-204) | {मानव के [[आँसू]] में कौन-सा एन्जाइम होता है, जिससे [[जीवाणु]] मर जाते हैं?(ल्यूसेंट वस्तुनिष्ठ, पेज नं.-522, प्रश्न-204) | ||
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+लाइसोजाइम | +लाइसोजाइम | ||
-टॉयलिन | -टॉयलिन | ||
{[[मानव शरीर]] की किस ग्रन्थि को 'मास्टर ग्रन्थि' कहा जाता है? | {[[मानव शरीर]] की किस ग्रन्थि को 'मास्टर ग्रन्थि' कहा जाता है? |
07:58, 29 मई 2012 का अवतरण
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