|
|
पंक्ति 1: |
पंक्ति 1: |
| ==छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान==
| |
| {| class="bharattable-green" width="100%"
| |
| |-
| |
| | valign="top"|
| |
| {| width="100%"
| |
| |
| |
| <quiz display=simple>
| |
| {पढ़ने वाले छात्रों के लिए 'हेल्थ कार्ड' की परम्परा को किस रियासत ने पहली बार शुरू किया?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[रायपुर]]
| |
| +[[कोरिया ज़िला|कोरिया]]
| |
| -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
| |
| -[[कांकेर ज़िला|कांकेर]]
| |
|
| |
|
| {'कोरबा विद्युत गृह' की स्थापना कब हुई थी?
| |
| |type="()"}
| |
| -सन 1976 में
| |
| -सन 1977 में
| |
| +सन 1978 में
| |
| -सन 1979 में
| |
| ||[[चित्र:Chitrakote-Falls-Chhattisgarh.jpg|right|100px|चित्रकोट जल प्रपात, छत्तीसगढ़]][[छत्तीसगढ़]] अपनी आवश्यकता से अधिक [[ऊर्जा]] का उत्पादन करता है। यहाँ कोयला समृद्ध [[कोरबा ज़िला|कोरबा]] में तीन 'तापविद्युत संयंत्र' हैं, और अन्य कई संयंत्र यहाँ पर लगाने की योजना है| कोरबा में पहला [[विद्युत]] संयत्र सन 1978 में स्थापित किया गया था। यह दिन छत्तीसगढ़ राज्य के लिए स्वर्णिम दिन था। 'साउथ ईस्टर्न कोलफ़ील्डस लिमिटेड' कोयले के विशाल भंडार वाले क्षेत्रों में खोज कर रहा है। बीड़ी बनाने में महत्त्वपूर्ण तेन्दुपत्ता छत्तीसगढ़ में [[भारत]] के कुल उत्पादन का 70 प्रतिशत होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
| |
|
| |
| {देश का प्रथम नेत्र शिविर [[छत्तीसगढ़]] में किस स्थान पर लगा था?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
| |
| -मरवाही
| |
| -[[कवर्धा ज़िला|कवर्धा]]
| |
| +मुंगेली
| |
|
| |
| {'पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय' के प्रथम कुलपति कौन थे?
| |
| |type="()"}
| |
| +डाक्टर बाबूलाल सक्सेना
| |
| -बंशीलाल पाण्डे
| |
| -डाक्टर रामलाल कश्यप
| |
| -प्रोफ़ेसर रणवीर सिंह शास्त्री
| |
|
| |
| {[[छत्तीसगढ़]] की प्रसिद्ध [[काग़ज़]] मिल 'मध्य भारत पेपर' कहाँ स्थित है?
| |
| |type="()"}
| |
| -राजिम
| |
| -लुण्ड्रा
| |
| +[[चांपा]]
| |
| -लैलुंगा
| |
| ||[[चित्र:Borandev-Temple-Chhattisgarh.jpg|right|120px|बोरानदेव मन्दिर, छत्तीसगढ़]]चांपा [[छत्तीसगढ़]] प्रदेश का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह नगर छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जंक्शन है, जो 22.2 अंश उत्तरी [[अक्षांश]] और 82.43 अंश पूर्वी [[देशान्तर|देशांन्तर]] पर स्थित है। वर्तमान समय में इस नगर को 'कोसा', 'कांसा' और 'कंचन' की नगरी कहा जाता है। औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत [[काग़ज़]] के लिए प्रसिद्ध 'मध्य भारत पेपर मिल' [[चांपा]] में ही स्थित है। यह मिल छत्तीसगढ़ राज्य की ही नही, बल्कि [[भारत]] की प्रमुख काग़ज़ मिलों में से एक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चांपा]]
| |
|
| |
| {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में 'बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय' कहाँ स्थित है?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[जशपुर ज़िला|जशपुर]]
| |
| -जगदलपुर
| |
| -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]]
| |
| +[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
| |
|
| |
| {विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला का अवशेष [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा ज़िले]] की किस गुफ़ा से प्राप्त हुआ?
| |
| |type="()"}
| |
| +रानी गुफ़ा
| |
| -सीता गुफ़ा
| |
| -[[जोगीमारा गुफ़ाएं|जोगीमारा गुफ़ा]]
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||[[चित्र:Kharun-River.jpg|right|120px|खारून नदी, छत्तीसगढ़]][[मध्य प्रदेश]] की पूर्व रियासत [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]] में लक्ष्मणपुर से 12 मील की दूरी पर रामगढ़ की पहाड़ी में [[जोगीमारा गुफ़ाएं|जोगीमारा]] नामक शैलकृत गुफ़ाएँ हैं, जिनमें 300 ई.पू. के कुछ रंगीन भित्तिचित्र विद्यमान हैं। जोगीमारा गुफ़ाओं के समीप ही सीताबेंगरा गुफ़ा है। इस गुफ़ा का महत्त्व इसके नाट्यशाला होने से है। कहा जाता है कि, यह [[एशिया]] की अतिप्राचीन नाट्यशाला है। सम्राट [[अशोक]] के समय में जोगीमारा गुफ़ाओं का निर्माण हुआ था। ऐसा माना जाता है कि, जोगीमारा के भित्तिचित्र [[भारत]] के प्राचीनतम भित्तिचित्रों में से हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जोगीमारा गुफ़ाएं|जोगीमारा गुफ़ा]]
| |
|
| |
| {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में देश का सोलर पार्क कहाँ स्थापित किया जायेगा?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[रायपुर]]
| |
| +[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
| |
| -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
| |
| -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]]
| |
|
| |
| {'भिलाई स्टील प्लान्ट' की स्थापना कब हुई थी?
| |
| |type="()"}
| |
| -सन 1956 में
| |
| +सन 1957 में
| |
| -सन 1958 में
| |
| -सन 1989 में
| |
| ||[[चित्र:Hasdeo-River.jpg|right|120px|हसदो नदी, छत्तीसगढ़]][[छत्तीसगढ़]] में कोयले का लगभग 2,690.8 करोड़ टन का भंडार है। [[स्वर्ण]] भंडार लगभग 38,05,000 किलो क्षमता का है। यहाँ [[भारत]] का सर्वोत्तम लौह अयस्क मिलता है, जिसका 19.7 करोड़ टन का भंडार है। भिलाई में भारत के बड़े इस्पात संयंत्रों में से एक स्थित है। 'भिलाई इस्पात संयत्र' की स्थापना सन 1957 में की गई थी। यह देश एक बड़ा तथा महत्त्वपूर्ण इस्पात सयंत्र है। राज्य में 75 से भी ज़्यादा बड़े और मध्यम इस्पात उद्योग हैं, जो गर्म धातु, कच्चा लोहा, भुरभुरा लोहा, रेल-पटरियों और लोहे की सिल्लियों आदि का उत्पादन करते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से [[जूट]] मिल कहाँ स्थापित है?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[रायपुर]]
| |
| -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
| |
| -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
| |
| +[[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]]
| |
|
| |
| {विस्फोटक पदार्थों का कारखाना कहाँ स्थित है?
| |
| |type="()"}
| |
| -जगदलपुर
| |
| -[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]]
| |
| +[[कोरबा ज़िला|कोरबा]]
| |
| -[[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]]
| |
| ||[[छत्तीसगढ़]] में निजी उद्योगों में सीमेंट कारख़ाने, [[काग़ज़]], चीनी और [[कपड़ा (लेखन सामग्री)|कपड़ा]] (सूती, ऊनी, रेशम और [[जूट]]) मिलों के साथ-साथ आटा, तेल और आरा मिलें भी हैं। यहाँ पर सामान्य इंजीनियरिंग वस्तुओं के साथ-साथ रासायनिक खाद, कृत्रिम रेशे और रसायन उत्पादन की भी कुछ इकाइयाँ हैं। राज्य में विस्फोटक पदार्थों का कारखाना [[कोरबा ज़िला|कोरबा ज़िले]] में स्थित है, जहाँ कई प्रकार के ख़तरनाक विस्फोटक पदार्थों का निर्माण किया जाता है। राज्य की लधु उद्योग इकाइयों का अभी राष्ट्रीय परिदृश्य पर प्रभाव छोड़ना बाक़ी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
| |
|
| |
| {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में स्थापित प्रथम सीमेन्ट फ़ैक्ट्री कौन-सी है?
| |
| |type="()"}
| |
| -मादी सीमेन्ट फ़ैक्ट्री
| |
| -सेन्चुरी सीमेन्ट फ़ैक्ट्री
| |
| +जामुल सीमेन्ट फ़ैक्ट्री
| |
| -रेमण्ड सीमेन्ट फ़ैक्ट्री
| |
|
| |
| {[[छत्तीसगढ़]] का पहला चीनी कारखाना कहाँ खोला गया?
| |
| |type="()"}
| |
| +[[कोरिया ज़िला|कोरिया]] में
| |
| -[[कवर्धा ज़िला|कवर्धा]] में
| |
| -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] में
| |
| -[[रायपुर ज़िला|रायपुर]] में
| |
|
| |
| {लौह अयस्क की विश्व प्रसिद्ध खदान [[छत्तीसगढ़]] में कहाँ स्थित है?
| |
| |type="()"}
| |
| -बारसूर
| |
| -[[दन्तेवाड़ा ज़िला|दन्तेवाड़ा]]
| |
| +बैलाडीला
| |
| -कुटुम्बसर
| |
| ||[[चित्र:Chhattisgarh-map.jpg|right|100px|छत्तीसगढ़ का मानचित्र]][[छत्तीसगढ़]] राज्य में कोयले का 2,690.8 करोड़ टन का भंडार है। [[स्वर्ण]] भंडार लगभग 38,05,000 किलो क्षमता का है। यहाँ [[भारत]] का सर्वोत्तम लौह अयस्क मिलता है, जिसका 19.7 करोड़ टन का भंडार है। बैलाडीला, [[बस्तर ज़िला|बस्तर]], [[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] और जगदलपुर में [[लोहा]] मिलता है। बैलाडीला में सर्वाधिक लौह अयस्क निकाला जाता है। यहाँ से प्राप्त लोहा अच्छी किस्म और उच्च कोटि का होता है। भिलाई में [[भारत]] के बड़े इस्पात संयंत्रों में से एक स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
| |
|
| |
| {कुम्हारी ([[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]) में रसायन उद्योग की स्थापना कब हुई?
| |
| |type="()"}
| |
| -सन 1951
| |
| +सन 1961
| |
| -सन 1971
| |
| -सन 1981
| |
| </quiz>
| |
| |}
| |
| |}
| |
| __NOTOC__
| |