"असम के उद्योग": अवतरणों में अंतर
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[[असम]] में [[चाय]] और तेल को छोड़कर अन्य महत्त्वपूर्ण उद्योगों की कमी है। कमज़ोर परिवहन प्रणाली, पर्याप्त स्थानीय बाज़ार की कमी और शेष [[भारत]] से अलग पड़ जाने के कारण यहाँ का औद्योगिक विकास अवरूद्ध हुआ है। फिर भी अनेक नई औद्योगिक इकाइयां शुरू की जा चुकी है। उर्वरक संयंत्र, [[जूट]], [[काग़ज़]], रेशम व चीनी की मिलें एवं एक सीमेंट कारख़ाना इनमें शामिल है। आरा मिलों एवं प्लाईवुड तथा दियासलाई के कारख़ानों में लकड़ी के संसाधनों का उपयोग हो रहा है। 20वीं सदी की शुरुआत में दिगबोई में और 1962 में [[गुवाहाटी]] स्थित तेलशोधन कारख़ाने ने उत्पादन कार्य प्रारंभ कर दिया था। [[बिहार]] राज्य के तेलशोधन कारख़ाने को असम से पाइप लाइन के द्वारा खनिज तेल भेजा जाता है। | [[असम]] में [[चाय]] और तेल को छोड़कर अन्य महत्त्वपूर्ण उद्योगों की कमी है। कमज़ोर परिवहन प्रणाली, पर्याप्त स्थानीय बाज़ार की कमी और शेष [[भारत]] से अलग पड़ जाने के कारण यहाँ का औद्योगिक विकास अवरूद्ध हुआ है। फिर भी अनेक नई औद्योगिक इकाइयां शुरू की जा चुकी है। उर्वरक संयंत्र, [[जूट]], [[काग़ज़]], रेशम व चीनी की मिलें एवं एक सीमेंट कारख़ाना इनमें शामिल है। आरा मिलों एवं प्लाईवुड तथा दियासलाई के कारख़ानों में लकड़ी के संसाधनों का उपयोग हो रहा है। 20वीं [[सदी]] की शुरुआत में दिगबोई में और 1962 में [[गुवाहाटी]] स्थित तेलशोधन कारख़ाने ने उत्पादन कार्य प्रारंभ कर दिया था। [[बिहार]] राज्य के तेलशोधन कारख़ाने को असम से पाइप लाइन के द्वारा खनिज तेल भेजा जाता है। | ||
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10:55, 3 अक्टूबर 2011 का अवतरण
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असम में चाय और तेल को छोड़कर अन्य महत्त्वपूर्ण उद्योगों की कमी है। कमज़ोर परिवहन प्रणाली, पर्याप्त स्थानीय बाज़ार की कमी और शेष भारत से अलग पड़ जाने के कारण यहाँ का औद्योगिक विकास अवरूद्ध हुआ है। फिर भी अनेक नई औद्योगिक इकाइयां शुरू की जा चुकी है। उर्वरक संयंत्र, जूट, काग़ज़, रेशम व चीनी की मिलें एवं एक सीमेंट कारख़ाना इनमें शामिल है। आरा मिलों एवं प्लाईवुड तथा दियासलाई के कारख़ानों में लकड़ी के संसाधनों का उपयोग हो रहा है। 20वीं सदी की शुरुआत में दिगबोई में और 1962 में गुवाहाटी स्थित तेलशोधन कारख़ाने ने उत्पादन कार्य प्रारंभ कर दिया था। बिहार राज्य के तेलशोधन कारख़ाने को असम से पाइप लाइन के द्वारा खनिज तेल भेजा जाता है।
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