"उत्कल बर्मा": अवतरणों में अंतर
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उत्कल ब्रह्मदेश ([[बर्मा]]) में [[रंगून]] से लेकर पीगू तक के औपनिवेशिक प्रदेश को उत्कल कहते थे। यहाँ [[भारत]] के उत्कल देश के निवासियों ने आकर अनेक बस्तियाँ बसाई थीं। कहा जाता है कि तपुस और भल्लूक नामक दो व्यापारी, जिन्होंने भारत जाकर [[बुद्ध|गौतम बुद्ध]] से भेंट की थी तथा जो उनके शिष्य बनकर तथागत के आठ केशों को लेकर ब्रह्मदेश आए थे, इसी प्रदेश के निवासी थे। | उत्कल ब्रह्मदेश ([[बर्मा]]) में [[रंगून]] से लेकर पीगू तक के औपनिवेशिक प्रदेश को उत्कल कहते थे। यहाँ [[भारत]] के उत्कल देश के निवासियों ने आकर अनेक बस्तियाँ बसाई थीं। कहा जाता है कि तपुस और भल्लूक नामक दो व्यापारी, जिन्होंने भारत जाकर [[बुद्ध|गौतम बुद्ध]] से भेंट की थी तथा जो उनके शिष्य बनकर तथागत के आठ केशों को लेकर ब्रह्मदेश आए थे, इसी प्रदेश के निवासी थे। | ||
07:12, 5 जुलाई 2011 का अवतरण
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उत्कल ब्रह्मदेश (बर्मा) में रंगून से लेकर पीगू तक के औपनिवेशिक प्रदेश को उत्कल कहते थे। यहाँ भारत के उत्कल देश के निवासियों ने आकर अनेक बस्तियाँ बसाई थीं। कहा जाता है कि तपुस और भल्लूक नामक दो व्यापारी, जिन्होंने भारत जाकर गौतम बुद्ध से भेंट की थी तथा जो उनके शिष्य बनकर तथागत के आठ केशों को लेकर ब्रह्मदेश आए थे, इसी प्रदेश के निवासी थे।