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{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{सूचना बक्सा गीत गज़ल
{{इतिहास सामान्य ज्ञान}}
|चित्र=
{| class="bharattable-green" width="100%"
|चित्र का नाम=
|-
|फ़िल्म=
| valign="top"|
|एलबम= ग़ज़ल पैकार
{| width="100%"
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|
|गायिका= मुन्नी बेगम
<quiz display=simple>
|शायर=
{[[अकबर]] निम्नलिखित में से किस वाद्य यन्त्र को कुशलता से बजाता था?
|संगीतकार=
|type="()"}
|गीतकार=
- वीणा
|अभिनेता=
- पखावज
|अभिनेत्री=
- [[सितार]]
|वर्ष=
+ नक्कारा
|संगीत कंपनी= एच.एम.वी
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|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
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|बाहरी कड़ियाँ= [[http://www.musicindiaonline.com/#/album/51-Urdu_Ghazals/10134-Best_Of_Munni_Begum/ आवारगी में हद से (म्यूज़िक इन्डिया ऑनलाइन)]
}}
<poem>आवारगी में हद से गुज़र जाना चाहिये
लेकिन कभी कभार तो घर जाना चाहिये


{[[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] के किस बन्दरगाह को [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ाली]] पोर्टो ग्राण्डे या महान बन्दरगाह कहते थे?
मुझसे बिछड़ कर इन दिनों किस रंग में हैं वो
|type="()"}
ये देखने रक़ीब के घर जाना चाहिये
- सतगाँव
लेकिन कभी कभार ...
+ चटगाँव
- [[हुगली नदी|हुगली]]
- चन्द्रद्वीप


{[[मराठा|मराठों]] ने गुरिल्ला युद्ध प्रणाली का कुशल प्रशिक्षण सम्भवतः किससे प्राप्त किया था?
उस बुत से इश्क कीजिये लेकिन कुछ इस तरह
|type="()"}
पूछे कोई तो साफ मुकर जाना चाहिये
- [[गोलकुण्डा]] के मीर जुमला
लेकिन कभी कभार ...
+ अहमद नगर के अबीसीनियायी मंत्री [[मलिक अम्बर]]
- मलिक क़ाफूर
- मीर ज़ाफ़र


{निम्नलिखित में से किसे 'जाटों का प्लेटो' कहा जाता था?
अफ़सोस अपने घर का पता हम से खो गया
|type="()"}
अब सोचना ये है कि किधर जाना चाहिये
- [[राजाराम]]
लेकिन कभी कभार ...
- [[ठाकुर चूड़ामन सिंह|चूड़ामन]]
+ [[सूरजमल]]
- [[बदनसिंह]]


{[[1857]] के विद्रोह का रुहेलखण्ड में नेतृत्व किसने किया था?
बैठे हैं हर फसील पे कुछ लोग ताक में
|type="()"}
अच्छा है थोड़ी देर से घर जाना चाहिये
+ ख़ान बहादुर ख़ाँ
लेकिन कभी कभार ...
- शहज़ादा फ़िरोज़ ख़ाँ
- राजा बेनी माधोसिंह
- मुहम्मद हसन ख़ाँ


{सन् [[1932]] ई. में अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना किसने की थी?
रब बेमिसाल वज़्म का मौसम भी गया
|type="()"}
अब तो मेरा नसीब संवर जाना चाहिये
- [[भीमराव आम्बेडकर|बाबा साहेब अम्बेडकर]]
लेकिन कभी कभार ...
+ [[महात्मा गाँधी]]
- [[बाल गंगाधर तिलक]]
- ज्योतिबा फुले
||महात्मा गाँधी ([[2 अक्तूबर]], [[1869]] - [[30 जनवरी]], [[1948]]) को ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और '''राष्ट्रपिता''' माना जाता है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हेतु अपने अहिंसक विरोध के सिद्धांत के लिए उन्हें अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई।  मोहनदास करमचंद गांधी [[भारत]] एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[महात्मा गाँधी]]


{[[राजा राममोहन राय]] के प्रथम शिष्य, जिन्होंने उनके मरणोपरांत ब्रह्म समाज का नेतृत्व सँभाला था?
नादान जवानी का ज़माना गुज़र गया
|type="()"}
अब आ गया बुढ़ापा सुधर जाना चाहिये
- द्वारकानाथ टैगोर
लेकिन कभी कभार ...
+ रामचन्द्र विद्यावागीश
- केशवचन्द्र सेन
- देवेन्द्रनाथ टैगोर


{वह राष्ट्रकूट शासक कौन था,  जिसकी तुलना उदार तथा विद्वानों के संरक्षक के रूप में विख्यात [[चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य|राजा विक्रमादित्य]] से की गई है?
बैठे रहोगे दश्त में कब तक हसन रज़ा
|type="()"}
जीना अगर नहीं है तो मर जाना चाहिये
- गोविन्द तृतीय
लेकिन कभी कभार ...
- ध्रुव चतुर्थ
</poem>
- कृष्ण तृतीय
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
+ अमोघवर्ष
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
{[[महमूद ग़ज़नवी|महमूद]] के आक्रमण के समय हिन्दूशाही साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी?
*[[http://www.musicindiaonline.com/#/album/51-Urdu_Ghazals/10134-Best_Of_Munni_Begum/ आवारगी में हद से (म्यूज़िक इन्डिया ऑनलाइन)]
- [[क़ाबुल]]
*[http://www.youtube.com/watch?v=jHJjb1S0CpM&feature=related आवारगी में हद से (यू ट्यूब विडियो)]
- [[पेशावर]]
- अटक
+ उदमाण्डपुर या ओहिन्द
 
{[[महमूद ग़ज़नवी|महमूद]] के आक्रमण के समय हिन्दूशाही साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी?
- [[क़ाबुल]]
- [[पेशावर]]
- अटक
+ उदमाण्डपुर या ओहिन्द
 
=====निम्नलिखित में से कौन-सा संस्कार स्त्रियों एवं शूद्रों के लिए वर्जित था?=====
{{Opt|विकल्प 1=चूड़ाकर्म|विकल्प 2=उपनयन|विकल्प 3=नायकरण|विकल्प 4=पुंसवन}}{{Ans|विकल्प 1=चूड़ाकर्म|विकल्प 2='''[[उपनयन संस्कार|उपनयन]]'''{{Check}}|विकल्प 3=नायकरण|विकल्प 4=पुंसवन|विवरण=[[चित्र:Upanayana-1.jpg|thumb|150px|उपनयन<br /> Upanayana]]
'उपनयन' का अर्थ है "पास या सन्निकट ले जाना।" किन्तु किसके पास ले जाना? सम्भवत: आरम्भ में इसका तात्पर्य था "आचार्य के पास (शिक्षण के लिए) ले जाना।" हो सकता है; इसका तात्पर्य रहा हो नवशिष्य को विद्यार्थीपन की अवस्था तक पहुँचा देना। कुछ गृह्यसूत्रों से ऐसा आभास मिल जाता है, यथा हिरण्यकेशि के अनुसार; तब गुरु बच्चे से यह कहलवाता है "मैं ब्रह्मसूत्रों को प्राप्त हो गया हूँ। मुझे इसके पास ले चलिए। सविता देवता द्वारा प्रेरित मुझे ब्रह्मचारी होने दीजिए।" मानवग्रह्यसूत्र एवं काठक. ने 'उपनयन' के स्थान पर 'उपायन' शब्द का प्रयोग किया है। काठक के टीकाकार आदित्यदर्शन ने कहा है कि उपानय, उपनयन, मौञ्चीबन्धन, बटुकरण, व्रतबन्ध समानार्थक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[उपनयन संस्कार]]}}
=====[[ऋग्वेद]] में जिस अपराध का सबसे अधिक उल्लेख किया गया है, वह था?=====
{{Opt|विकल्प 1=हत्या|विकल्प 2=अपहरण|विकल्प 3=पशु चोरी|विकल्प 4=लूट और राहजनी}}{{Ans|विकल्प 1=हत्या|विकल्प 2=अपहरण|विकल्प 3='''पशु चोरी'''{{Check}}|विकल्प 4=लूट और राहजनी|विवरण=}}
 
 
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13:15, 23 अप्रैल 2011 का अवतरण

{{सूचना बक्सा गीत गज़ल |चित्र= |चित्र का नाम= |फ़िल्म= |एलबम= ग़ज़ल पैकार |गायक= |गायिका= मुन्नी बेगम |शायर= |संगीतकार= |गीतकार= |अभिनेता= |अभिनेत्री= |वर्ष= |संगीत कंपनी= एच.एम.वी |श्रेणी= |संबंधित लेख= |शीर्षक 1= |पाठ 1= |शीर्षक 2= |पाठ 2= |अन्य जानकारी= |बाहरी कड़ियाँ= [आवारगी में हद से (म्यूज़िक इन्डिया ऑनलाइन) }}

आवारगी में हद से गुज़र जाना चाहिये
लेकिन कभी कभार तो घर जाना चाहिये

मुझसे बिछड़ कर इन दिनों किस रंग में हैं वो
ये देखने रक़ीब के घर जाना चाहिये
लेकिन कभी कभार ...

उस बुत से इश्क कीजिये लेकिन कुछ इस तरह
पूछे कोई तो साफ मुकर जाना चाहिये
लेकिन कभी कभार ...

अफ़सोस अपने घर का पता हम से खो गया
अब सोचना ये है कि किधर जाना चाहिये
लेकिन कभी कभार ...

बैठे हैं हर फसील पे कुछ लोग ताक में
अच्छा है थोड़ी देर से घर जाना चाहिये
लेकिन कभी कभार ...

रब बेमिसाल वज़्म का मौसम भी गया
अब तो मेरा नसीब संवर जाना चाहिये
लेकिन कभी कभार ...

नादान जवानी का ज़माना गुज़र गया
अब आ गया बुढ़ापा सुधर जाना चाहिये
लेकिन कभी कभार ...

बैठे रहोगे दश्त में कब तक हसन रज़ा
जीना अगर नहीं है तो मर जाना चाहिये
लेकिन कभी कभार ...

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ