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{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{इतिहास सामान्य ज्ञान}}
{| class="bharattable-green" width="100%"
|-
| valign="top"|
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|
<quiz display=simple>
{[[अकबर]] निम्नलिखित में से किस वाद्य यन्त्र को कुशलता से बजाता था?
|type="()"}
- वीणा
- पखावज
- [[सितार]]
+ नक्कारा


{[[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] के किस बन्दरगाह को [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ाली]] पोर्टो ग्राण्डे या महान बन्दरगाह कहते थे?
|type="()"}
- सतगाँव
+ चटगाँव
- [[हुगली नदी|हुगली]]
- चन्द्रद्वीप
{[[मराठा|मराठों]] ने गुरिल्ला युद्ध प्रणाली का कुशल प्रशिक्षण सम्भवतः किससे प्राप्त किया था?
|type="()"}
- [[गोलकुण्डा]] के मीर जुमला
+ अहमद नगर के अबीसीनियायी मंत्री [[मलिक अम्बर]]
- मलिक क़ाफूर
- मीर ज़ाफ़र
{निम्नलिखित में से किसे 'जाटों का प्लेटो' कहा जाता था?
|type="()"}
- [[राजाराम]]
- [[ठाकुर चूड़ामन सिंह|चूड़ामन]]
+ [[सूरजमल]]
- [[बदनसिंह]]
{[[1857]] के विद्रोह का रुहेलखण्ड में नेतृत्व किसने किया था?
|type="()"}
+ ख़ान बहादुर ख़ाँ
- शहज़ादा फ़िरोज़ ख़ाँ
- राजा बेनी माधोसिंह
- मुहम्मद हसन ख़ाँ
{सन् [[1932]] ई. में अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना किसने की थी?
|type="()"}
- [[भीमराव आम्बेडकर|बाबा साहेब अम्बेडकर]]
+ [[महात्मा गाँधी]]
- [[बाल गंगाधर तिलक]]
- ज्योतिबा फुले
||महात्मा गाँधी ([[2 अक्तूबर]], [[1869]] - [[30 जनवरी]], [[1948]]) को ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और '''राष्ट्रपिता''' माना जाता है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हेतु अपने अहिंसक विरोध के सिद्धांत के लिए उन्हें अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई।  मोहनदास करमचंद गांधी [[भारत]] एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[महात्मा गाँधी]]
{[[राजा राममोहन राय]] के प्रथम शिष्य, जिन्होंने उनके मरणोपरांत ब्रह्म समाज का नेतृत्व सँभाला था?
|type="()"}
- द्वारकानाथ टैगोर
+ रामचन्द्र विद्यावागीश
- केशवचन्द्र सेन
- देवेन्द्रनाथ टैगोर
{वह राष्ट्रकूट शासक कौन था,  जिसकी तुलना उदार तथा विद्वानों के संरक्षक के रूप में विख्यात [[चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य|राजा विक्रमादित्य]] से की गई है?
|type="()"}
- गोविन्द तृतीय
- ध्रुव चतुर्थ
- कृष्ण तृतीय
+ अमोघवर्ष
{[[महमूद ग़ज़नवी|महमूद]] के आक्रमण के समय हिन्दूशाही साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी?
- [[क़ाबुल]]
- [[पेशावर]]
- अटक
+ उदमाण्डपुर या ओहिन्द
{[[महमूद ग़ज़नवी|महमूद]] के आक्रमण के समय हिन्दूशाही साम्राज्य की राजधानी कहाँ थी?
- [[क़ाबुल]]
- [[पेशावर]]
- अटक
+ उदमाण्डपुर या ओहिन्द
=====निम्नलिखित में से कौनसा संस्कार स्त्रियों एवं शूद्रों के लिए वर्जित था?=====
{{Opt|विकल्प 1=चूड़ाकर्म|विकल्प 2=उपनयन|विकल्प 3=नायकरण|विकल्प 4=पुंसवन}}{{Ans|विकल्प 1=चूड़ाकर्म|विकल्प 2='''[[उपनयन संस्कार|उपनयन]]'''{{Check}}|विकल्प 3=नायकरण|विकल्प 4=पुंसवन|विवरण=[[चित्र:Upanayana-1.jpg|thumb|150px|उपनयन<br /> Upanayana]]
'उपनयन' का अर्थ है "पास या सन्निकट ले जाना।" किन्तु किसके पास ले जाना? सम्भवत: आरम्भ में इसका तात्पर्य था "आचार्य के पास (शिक्षण के लिए) ले जाना।" हो सकता है; इसका तात्पर्य रहा हो नवशिष्य को विद्यार्थीपन की अवस्था तक पहुँचा देना। कुछ गृह्यसूत्रों से ऐसा आभास मिल जाता है, यथा हिरण्यकेशि के अनुसार; तब गुरु बच्चे से यह कहलवाता है "मैं ब्रह्मसूत्रों को प्राप्त हो गया हूँ। मुझे इसके पास ले चलिए। सविता देवता द्वारा प्रेरित मुझे ब्रह्मचारी होने दीजिए।" मानवग्रह्यसूत्र एवं काठक. ने 'उपनयन' के स्थान पर 'उपायन' शब्द का प्रयोग किया है। काठक के टीकाकार आदित्यदर्शन ने कहा है कि उपानय, उपनयन, मौञ्चीबन्धन, बटुकरण, व्रतबन्ध समानार्थक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[उपनयन संस्कार]]}}
=====[[ऋग्वेद]] में जिस अपराध का सबसे अधिक उल्लेख किया गया है, वह था?=====
{{Opt|विकल्प 1=हत्या|विकल्प 2=अपहरण|विकल्प 3=पशु चोरी|विकल्प 4=लूट और राहजनी}}{{Ans|विकल्प 1=हत्या|विकल्प 2=अपहरण|विकल्प 3='''पशु चोरी'''{{Check}}|विकल्प 4=लूट और राहजनी|विवरण=}}
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(21)- क धम, चम, बैठ, बाल, दर्श, ढोल धमक, चमक, बैठक, बालक, दर्शक, ढोलक
(22)- कर विशेष, खास विशेषकर, खासकर
(23)- का खट, झट खटका, झटका
(24)- जा भ्राता, दो भतीजा, दूजा
(25)- ड़ा, ड़ी, चाम, बाछा, पंख, टाँग
क्रम        प्रत्यय            शब्द            उदाहरण
(26)-        त              रंग संग, खप      रंगत, संगत,खपत
(27)-          तन                अद्य              अद्यतन
(28)-          तर                गुरु, श्रेष्ठ            गुरुतर, श्रेष्ठतर
(29)-          तः                अंश, स्व        अंशतः स्वतः
(30)-        ती                कम, बढ़ चढ़      कमती, बढ़ती, चढ़ती
(31)-        धा              अनेक, बहु, शत्      अनेकधा, बहुधा, शतधा
(32)-        पन            लड़का, बच्चा, काला,        लड़कपन, बचपन, कालापन,
                                                          धीमापन
(33)-      पा              बूढ़ा, मोटा,                  बुढापा, मोटापा
(34)-      मात्र            लेश, रंच                    लेशमात्र, रंचमात्र
(35)-        य          ग्राम, पंडित, मधुर, दिती, मुनि,      ग्राम्य, पांडित्य, माधुर्य, दैत्य, मौन
(36)-        ल        शीत, श्याम, वत्स, मांस        शीतल, श्यामल, वत्सल मांसल
(37)-      लु          दया, कृपा, निद्रा, तंद्रा        दयालु, कृपालु, निद्रालु, तंद्रालु
(38)-      व            रघु, लघु                  राघव, लाघव
(39)-      वत्          मातृ, पुत्र, यत्          मातृवत्, पुत्रवत्, यावत्,
(40)-        वान्          धन, गुण            धनवान, गुणवान
(41)-        वाल          पाली, ब्रज            पालीवाल, ब्रजपाल
(42)-        वाँ        पाँच, आठ              पाँचवाँ, आठवाँ
(43)-      वी    तपस, मेधा, माया, लखनऊ,  तपस्वी, मेधावी, मायावी, लखनवी
(44)-      शः        क्रम, अक्षर              क्रमशः, अक्षरशः
(45)-      स        वय, सर, घम            वयस, सरस, घमस
(46)-      सा        ऐ, वै, मरा            ऐसा, वैसा, मरा-सा
(47)-      सरा        दो, तीन            दूसरा, तीसरा
(48)-      सों        पर, तर              परसों, तरसों
(49)-    हरा        सोना, दो            सुनहरा, दुहरा
(50)-    हारा      पानी, लकड़ी            पनिहारा, लकड़हारा
 
(7)* प्रत्ययों के पूर्वोक्त वर्गीकरण (कृत् व तद्धित) को कई भाषाविद् उचित नहीं मानते हैं क्योंकि हिन्दी में कई प्रत्यय ऐसे हैं जो रूपों में आते हैं अर्थात् धातु में भी जुड़ते हैं और संज्ञा आदि शब्दों में भी जुड़ते हैं, जैसे-
एरा -  लुट      +  एरा        (कृत् प्रत्यय)  = लुटेरा
      चाचा    + एरा        (तद्धित प्रत्यय)  = चचेरा
आई -    पढ़    +  आई        (कृत् प्रत्यय)  = पढ़ाई
   
        भला    +  आई        (तद्धित प्रत्यय)  = भलाई
नी  -    कतर    +  नी          (कृत् प्रत्यय)  = कतरनी
        ऊँट    +  नी          (तद्धित प्रत्यय)  = ऊँटनी
(8)* ये भाषाविद् प्रत्ययों के वर्गीकरण के लिए ऐतिहासिक आधार को उचित ठहराते हैं।
(9)* इतिहास या स्त्रोत के आधार पर  हिन्दी प्रत्ययों को चार वर्गों में विभाजित किया जाता है।
(1)- तत्सम प्रत्यय  (2)- तद्भव प्रत्यय  (3)- देशज प्रत्यय (4)- विदेशज प्रत्यय।
(1)- तत्सम प्रत्यय
क्रम  प्रत्यय          बोधक/अर्थ                उदाहरण   
(1)-  आ      स्त्री0 प्रत्यय, भाववाचक संज्ञा प्रत्यय    आदरणीया, प्रिया, माननीया, सुता, इच्छा, पूजा
(2)-  आनी      स्त्री0 प्रत्यय                      देवरानी, भवानी, मेहतरानी
(3)-  आलु      विशेषण प्रत्यय, वाला            कृपालु, दयालु, निद्रालु, श्रद्धालु
(4)-  इत      विशेषण प्रत्यय, युक्त          पल्लवित, पुष्पित, फलित, हर्षित
(5)-  इमा      भाववाचक संज्ञा प्रत्यय      गरिमा, नीलिमा, मधुरिमा, महिमा
(6) -  इक        विशेषण व संज्ञा प्रत्यय    दैनिक, वैज्ञानिक, वैदिक, लौकिक
(7)-  क        स्वार्थे, समूह            घटक, ठंढक, शतक, सप्तक
(8)-  कार      लिखने या बनाने, वाला    पत्रकार, जानकार
(9)-    ज        जन्मा हुआ              अंडज, जलज, पंकज, पिंडज, देशज, विदेशज
(10)-  जीवी        जीनेवाला            परजीवी, बुद्धिजीवी, लघुजीवी, दीर्घजीवी
(11)-  ज्ञ          जाननेवाला          अज्ञ, मर्मज्ञ, विज्ञ, सर्वज्ञ
(12)-  तः        क्रियाविशेषण प्रत्यय      अंशतः वस्तुतः स्वतः सामान्यतः
(13)-  तया        क्रिया विशेषण प्रत्यय      मुख्यतया, विशेषतया, सामान्यतया
(14)-  तर          तुलना बोधक प्रत्यय    उच्चतर, निम्नतर, सुन्दरतर, श्रेष्ठतर
(15)-  तम      सर्वाधिकता बोधक प्रत्यय      उच्चतम, निकृष्टतम, महत्तम, लघुतम
(16)-    ता        भाववाचक संज्ञा प्रत्यय      नवीनता, मधुरता, सुन्दरता
(17)-  त्व      भाववाचक संज्ञा प्रत्यय      कृतित्व, ममत्व, महत्व, सतीत्व
(18)-  मान्    विशेषण वाचक प्रत्यय      विद्यमान, सेव्यमान, बुद्धिमान
(19)- वान्        वाला                  बलवान, रूपवान
(2)* तद्भव प्रत्यय
क्रम          प्रत्यय        बोधक/अर्थ          उदाहरण
(1)-            अंगड़          वाला              बतंगड़
(2)-            अंतू            वाला              रटंतू, घुमंतू
(3)-            अत            संज्ञा प्रत्यय        खपत, पढ़त, रंगत, लिखत
(4)-            आँध          संज्ञा प्रत्यय        बिषाँध, सड़ाँध, 
(5)-            आ                          अच्छा, घोड़ा, बड़ा, लड़का
(6)-            आई            वाला      कठिनाई, बुराई, सफाई,
(7)-            आऊ            वाला      खाऊ, टिकाऊ, पंडिताऊ, बिकाऊ,
(8)-        आप/आपा        भाववाचक प्रत्यय    मिलाप, अपनापा  पुजापा, बुढ़ापा, रँडापा
(9)-        आर/आरा आरी      करनेवाला        कुम्हार, लुहार, चमार, घसियारा, पुजारी भिखारी
(10)-        आलू              करनेवाला        झगड़ालू, दयालु
(11)-        आवट          भाववाचक प्रत्यय    कसावट, बनावट, बिनावट, लिखावट, सजावट
(12)-        आस          इच्छावाचक प्रत्यय    छपास, प्यास, लिखास, निकास
(13)-        आहट\ आहत        भाववाचक प्रत्यय  गड़गड़ाहट, घबराहट, , चिल्लाहट, भलमनसाहत
(14)-        इन              स्त्री0 प्रत्यय        जुलाहिन, ठकुराइन, तेलिन, पुजारिन
(15)-        इया      वाला, लघुत्व बोधक, स्त्री0 प्रत्यय    कनौजिया, पर्वतिया, भोजपुरी, चुटिया 
                                                      चुहिया, डिबिया
(16)-      ई          वाला, स्त्री0 प्रत्यय      घमंडी, लालची, ऊनी, सूती, घोड़ी, लड़की, नानी, चाची
(17)-      ईला            वाला            चमकीला, पथरीला, शर्मीला, हठीला
(18)-        एरा          वाला          कँसेरा, चचेरा, फुफेरा, बहुतेरा, ममेरा, लुटेराम
(19)-      औड़ा\औड़ी                    पकौड़ा, मुंगौड़ा, सेवड़ा, रेवड़ी
(20)-      जा            जन्मा हुआ        भतीजा, भांजा, आत्मजा
(21)-        ड़\र                            चमड़ा, चमड़ी, बछड़ा, लँगड़ा, लोथड़ा
(22)-        त्                              आता, खाता, जाता, सोता
(23)-      पन        भाववाचक प्रत्यय      छुटपन, बचपन, बड़प्पन, पागलपन
(24)-      ल                            अगल, धुँधला, निचला, पिछला
(25)-      वाला                        अपनेवाला, ऊपरवाला, खानेवाला, जानेवाला, ताँगेवाला,
                                                              लालवाला
(3)* देशज प्रत्यय
क्रम            प्रत्यय          बोधक\अर्थ          उदाहरण
(1)-              अक्कड़            वाला            घुमक्कड़, पियक्कड़, भुलक्कड़
(2)-              अड़                            अंधड़, भुक्खड़
(3)-            आक                          चटाक, धड़ाक, धड़ाका, धमाका, फटाका
(4)-            आटा                          खर्राटा, फर्राटा
(5)-              इयल            वाला        अड़ियल, दढ़ियल, सड़ियल
(4)* विदेशज\विदेशी प्रत्यय
(1)-अरबी-फ़ारसी प्रत्यय
क्रम        प्रत्यय          बोधक\अर्थ            उदाहरण
(1)-        आ            भाववाचक            सफ़ेदा, खराबा
(2)-        आना        भाववाचक, विशेषण वाचक    ज़ुर्माना, दस्ताना, मर्दाना, मस्ताना, जनाना
(3)-        आनी          संबंधवाचक              जिस्मानी, बर्फ़ानी, रूहानी
(4)-        इयत        भाववाचक      अंग्रेज़ियत, असलियत, आदमियत, इंसानियत,खैरियत
(5)-      कार          करनेवाला        काश्तकार, दस्तकार, सलाहकार, पेशकार
(6)-    खोर          खानेवाला          गमख़ोर, घूसख़ोर,
(7)-  गर\गरी\गिरी    करनेवाला      कारीगर, कीमियागर, बाज़ीगर, जादूगरी, कुलीगिरी, बाबूगिरी
(8)-    गार            करनेवाला        परहेज़गार, मददगार, यादगार, रोज़गार
(9)-  गाह              स्थानवाचक    ईदगाह, चरागाह, बन्दरगाह
(10)-  गी          भाववाचक संज्ञा प्रत्यय    गन्दगी, जिन्दगी, बंदगी
(11)-  चा\ची            वाला              देगचा, बगीचा, इलायची, डोलची संदूकची, बाबरची
(12)- ज़ाद\ज़ादा\ज़ादी      जन्म        आदमज़ाद, हरामज़ादा, शाहज़ादा, शाहज़ादी
(13)- दाँ                जानने वाला    उर्दूदाँ, कद्रदाँ, कानूनदाँ
(14)-  दान\दानी        स्थिति वाचक, आधार  इत्रदान, कलमदान, पीकदान, गोंददानी, चायदानी
(15)- दार                वाला            ईमानदार, कर्जदार, दूकानदार, मालदार, फौजदार
(16)- नाक            वाला                खतरनाक, खौफनाक, दर्दनाक, शर्मनाक
(17)- बाज़\ बाज़ी      वाला    चालबाज़, धोखेबाज़, मुकदमेबाज़, चालबाज़ी, धोखेबाज़, मुकदमेबाज़ी
(18)-  बान          वाला        दरबान, बागबान, मेजबान
(19)-  मंद          वाला      अक्लमंद, जरूरतमंद, दौलतमंद
(20)- साज          वाला        घड़ीसाज
(2)* अंग्रेज़ी प्रत्यय
क्रम    प्रत्यय          बोधक\अर्थ        उदाहरण
(1)-      इज्म          वाद\मत          कम्युनिज्म, बुद्धिज्म, सोशलिज्म, मार्क्सिज्म
(2)-      इस्ट            वादी\ व्यक्ति      कम्युनिस्ट, बुद्धिस्ट, मार्क्सिस्ट, सोशलिस्ट,

05:34, 26 जून 2011 के समय का अवतरण